कटिहारः भाजपा भले ही विकास को अपना मुख्य एजेंडा बताती है, लेकिन बिहार महासमर 2020 में विकास पर जातिगत गोलबंदी भारी पड़ती नजर आ रही है. भाजपा पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश मंत्री सह कटिहार जिला प्रभारी भानु प्रताप राय ने कहा कि बीजेपी सूबे के 113 पिछड़ी जातियों में 50 से अधिक वर्चुअल जातिगत सम्मेलन आयोजित करेगी.
50 से अधिक जातिगत सम्मेलन करेगी बीजेपी
बिहार महासमर 2020 के मद्देनजर सूबे के सभी राजनीतिक दलों की हलचलें तेज हो गयी हैं. कोई वर्चुअल रैली कर रहा है तो कोई संवाद कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. कटिहार में मीडिया से मुखातिब होते हुए बिहार प्रदेश भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश मंत्री भानु प्रताप राय ने बताया कि भाजपा 50 से अधिक जातियों का वर्चुअल सम्मेलन आयोजित करेगी.
12 सितंबर से शुरू होगा जातिगत सम्मेलन
भानु प्रताप राय ने बताया कि भाजपा ओबीसी मोर्चा मतदाताओं के घर-घर दस्तक देने वाली है. वर्चुअल रैली के माध्यम से वह मतदाताओं से संपर्क करने में जुटी है और आगामी 12 सितंबर तक जूम एप के जरिए यह सम्मेलन आयोजित होगा. उन्होंने विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि जब कोरोना काल में संक्रमण के दहशत से लोग परेशान थे, तो क्या किसी ने तेजस्वी यादव को ओबीसी को खाना खिलाते देखा था.
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जातिगत गोलबंदी की हवा में विकास का मुद्दा धूमिल
बिहार में चुनाव के समय जातिगत गोलबंदी कोई नई बात नहीं है. अमूमन हर चुनाव में जातिगत सम्मेलन का दौर चलता है और राजनीतिक दलों के टिकट वितरण में जाति समीकरण काफी अहम रोल अदा करता है. लेकिन जातिगत गोलबंदी की हवा में विकास का मुद्दा धूमिल पड़ जाये तो इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि कौन मुद्दे किस पर भारी है.