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कटिहार: कृषि वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक में किसानों को दी गई आधुनिक खेती की जानकारी - modern technology farming

वैज्ञानिकों ने किसानों को आधुनिक तकनीक से जुड़ी खेती की जरूरी जानकारियां दीं. बैठक में किसानों को बाढ़ से तबाह हुई धान और अन्य फसलों की खेती से उबरने और वैकल्पिक खेती के बारे में बताया गया.

बैठक में जानकारी देते वैज्ञानिक
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Published : Jul 27, 2019, 12:13 PM IST

कटिहार: किसानों की समस्याों को देखते हुए जिले में कृषि वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में बड़े-बड़े कृषि वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया. उन्होंने किसानों को आधुनिक तकनीक से जुड़ी खेती की जरूरी जानकारियां दीं. बैठक में किसानों को बाढ़ से तबाह हुई धान और अन्य फसलों की खेती से उबरने और वैकल्पिक खेती के बारे में बताया गया.

बैठक में जानकारी देते वैज्ञानिक
बैठक में जानकारी देते वैज्ञानिक

'किसानों को दें आधुनिक खेती का प्रशिक्षण'
वैज्ञानिक सुशील कुमार सिंह ने बताया कि किसानों की समस्या सबसे पहले है. बैठक का उद्देश्य किसानों को नई और आधुनिक तकनीक से जुड़ी खेती करने के तरीकों की जानकारी देना है, साथ ही समय-समय पर किसानों को आधुनिक खेती को लेकर प्रशिक्षण दें.

बैठक में जानकारी देते वैज्ञानिकबैठक में जानकारी देते वैज्ञानिक

विशेष संयंत्रों से बदलेगी जिले की तकदीर
वैज्ञानिकों ने पौधशाला की बारीकियों की जानकारी देते हुए बताया कि बीज को रोग मुक्त रखने के लिए समय-समय पर उपचारित रखना चाहिए. पौधे को रोग मुक्त रखने के लिए, सब्जियों के बीज को 50 डिग्री गर्म पानी में 30 मिनट तक डुबो कर रखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कृषि में कुछ विशेष संयंत्रों को पहचानने और उन्हें किसानों में उपयोग करने की जरूरत है. अगर किसानों को विशेष संयंत्र मिल जाएं तो जिले की तकदीर बदल जाएगी.

कटिहार: किसानों की समस्याों को देखते हुए जिले में कृषि वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में बड़े-बड़े कृषि वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया. उन्होंने किसानों को आधुनिक तकनीक से जुड़ी खेती की जरूरी जानकारियां दीं. बैठक में किसानों को बाढ़ से तबाह हुई धान और अन्य फसलों की खेती से उबरने और वैकल्पिक खेती के बारे में बताया गया.

बैठक में जानकारी देते वैज्ञानिक
बैठक में जानकारी देते वैज्ञानिक

'किसानों को दें आधुनिक खेती का प्रशिक्षण'
वैज्ञानिक सुशील कुमार सिंह ने बताया कि किसानों की समस्या सबसे पहले है. बैठक का उद्देश्य किसानों को नई और आधुनिक तकनीक से जुड़ी खेती करने के तरीकों की जानकारी देना है, साथ ही समय-समय पर किसानों को आधुनिक खेती को लेकर प्रशिक्षण दें.

बैठक में जानकारी देते वैज्ञानिकबैठक में जानकारी देते वैज्ञानिक

विशेष संयंत्रों से बदलेगी जिले की तकदीर
वैज्ञानिकों ने पौधशाला की बारीकियों की जानकारी देते हुए बताया कि बीज को रोग मुक्त रखने के लिए समय-समय पर उपचारित रखना चाहिए. पौधे को रोग मुक्त रखने के लिए, सब्जियों के बीज को 50 डिग्री गर्म पानी में 30 मिनट तक डुबो कर रखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कृषि में कुछ विशेष संयंत्रों को पहचानने और उन्हें किसानों में उपयोग करने की जरूरत है. अगर किसानों को विशेष संयंत्र मिल जाएं तो जिले की तकदीर बदल जाएगी.

Intro:......कटिहार में कृषि वैज्ञानिक सलाहकार समिति की अहम बैठक , जुटे दिग्गज एग्रो साइंटिस्ट ....। बैठक में गत सलाहकार समिति का अनुमोदन , चर्चा के साथ - साथ जिला एवं संबंधित स्तर के सारे विभागों से सुझाव , किसानों से सुझाव के बाद सालभर के कार्ययोजना की रूपरेखा तय .....।


Body:यह दृश्य कटिहार के कृषि वैज्ञानिक केन्द्र का हैं जहाँ कृषि वैज्ञानिकों की बैठक चल रही हैं । इस मौके पर वरीय वैज्ञानिक सुशील कुमार सिंह ने बताया कि किसानों की समस्या सर्वोपरि है । बैठक के आयोजन का उद्देश्य सभी किसानों को नवीनतम एवं आधुनिक तकनीक से जुड़ी खेती की विधि की जानकारी हो , साथ ही समय-समय पर किसानों को आधुनिक खेती को लेकर प्रशिक्षण दें । उन्होंने कहा कि पौधशाला की बारीकियों की जानकारी देते हुए बताया कि बीज को रोग मुक्त रखने के लिए समय-समय पर उपचारित रखना चाहिए पौधे को रोग मुक्त के लिए सब्जियों के बीज को 50 डिग्री गर्म में और पानी 30 मिनट तक डुबों कर रखना चाहिये .....। उन्होंने कहा कि किसी में कुछ विशेष संयंत्रों को पहचानने और उन्हें किसानों में प्रचलित करने की जरूरत है अगर इस तरह से के यंत्र किसानों को मिल जाए तो जिले की किसी तकदीर में अच्छा परिवर्तन देखने को मिलेगा उन्होंने बताया कि गरमा में सफेद मक्खी के प्रकोप कम करने के लिए नत्रजन उर्वरकों के उपयोग से इस प्रकार के सफेद मक्खी का प्रकोप कम रहा । उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यों की सराहना की और क्षेत्र में उन्नत किस्मों के उपयोग को बढ़ावा देने की बात कही......।


Conclusion:इस बैठक में इलाके में बाढ़ से तबाह हुए खेती धान की खेती और अन्य फसलों की खेती के बाद किसानों को इससे उबरने और वैकल्पिक खेती के बारे में टिप्स बताया गया.....।
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