कैमूर: शराबबंदी वाले बिहार के कैमूर जिले के भभुआ थाना क्षेत्र के कुडासन गांव में शराब पीने का एक मामला सामने आया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते दिनों एक साथ छह लोगों ने शराब पी थी. कहा जा रहा है कि इन लोगों ने जो शराब पी वह जहरीली थी, जिसके चलते तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं, दो की हालत गंभीर है. हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से मौत की वजह जहरीली शराब है, इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
बीमारों को सदर अस्पताल लेकर पहुंचे गांव के लोग
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुडासन गांव के छह लोगों ने एक साथ बैठकर शराब पी थी. शराब पीते ही इनलोगों की तबीयत खराब हो गई. गांव के लोग आनन-फानन में सभी को सदर अस्पताल कैमूर लेकर पहुंचे, लेकिन तीन लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी. डॉक्टर ने बाकी तीन लोगों की जांच की. मृतकों के नाम लालू बिन्द, रामकेसी कहार, चंद्रिका पासवान बताए जा रहे हैं.
यह भी पढ़ें- बिहार में अब दंगा-फसाद पर तुरंत होगी कार्रवाई, वैशाली में RAF बटालियन हो रही है स्थापित
दो व्यक्ति की स्थिति गंभीर थी, जिसके चलते उन्हें प्राथमिक इलाज के बाद रेफर कर दिया गया. इसके चलते सदर अस्पताल में कुछ समय के लिए अफरा-तफरी की स्थिति रही. सूचना मिलने के बाद पुलिस एक्टिव हुई. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
ग्रामीणों ने किया विरोध
ग्रामीणों ने प्रशासन का विरोध कर रहे. उनलोगों का कहना है कि राज्यभर में जब शराब बंदी है तो कैसे गांव में शराब बिक रहा है. इस पर मीडिया डीएम और एसपी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे है. वहीं, गांव के ही शराब तस्कर मुन्ना मुसहर ने खुद स्वीकार किया है कि हम सब भभुआ के कुडासन गांव में शराब पीए थे. जिस कारण से तीन की जान गई है.
यह भी पढ़ें - गया: बोधगया में 6 शराब तस्कर गिरफ्तार,195 कार्टन शराब बरामद
"गांव में ही शराब बिकता है. पुलिस छापा मारने आती है तो सब इधर-उधर भाग जाता है. छह लोगों ने शराब पी थी. उनलोगों को दारू पीने से रिएक्शन हो गया. मैं बीमार पड़े लोगों को जांच कराने अस्पताल लेकर आया हूं."- तहीद, कुडासन गांव का निवासी
मामले में पुलिस चुपी साधी
अब सवाल है कि जिला मुख्यालय से महज चार किलोमीटर की दूरी पर ही शराब बेची जा रही है. इस बात की भनक भी भभुआ थाना के पुलिस को नहीं लगी. वहीं, पुलिस पर सवाल उठ रहा है कि रात में ही दो शव पोस्टमार्टम के लिए क्यों लाया गया. जबकि तीसरा शव परिजनों ने क्यों दफनाए. इस सारे मामले पर अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे है.