कैमूर: पूर्णिया जिला में कार्यरत सर्जन पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में कैमूर में भी हो रहा है. जिले के आईएमए चिकित्सकों ने हड़ताल कर नारेबाजी की और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया. इस दौरान भभुआ सदर अस्पताल के ओपीडी को बंद कर दिया गया, जिसके कारण इलाज कराने आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
कैमूर में डॉक्टरों की हड़ताल: वहीं कैमूर जिला के आईएमए के सचिव डॉ. संतोष कुमार सिंह ने पूर्णिया जिले में कार्यरत सर्जन डॉक्टर राजेश पासवान पर पुलिस की उपस्थिति में 18 नवंबर हुए जानलेवा हमले की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि हमारे हड़ताल को भासा और आयुष संगठन का भी समर्थन मिला है. कैमूर जिले के सभी निजी एवं सरकारी विभागीय चिकित्सक हड़ताल पर हैं.
"लगातार डॉक्टरों पर हमला हो रहा है. पिछले दिनों राजेश पासवान पर हमला किया गया. छह घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया. अधमरे होने पर उन्हें छोड़ा गया जबकि पुलिस, स्थानीय नेता वहां मौजूद थे. हमारी सरकार से मांग है कि दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए."- डॉ. संतोष कुमार सिंह, जिला सचिव, आईएमए कैमूर
पूर्णिया में डॉक्टर पर जानलेवा हमले के खिलाफ रोष: सरकारी अस्पतालों के आपातकालीन सेवा हड़ताल से मुक्त रखा गया. आईएमए कैमूर और भासा के सहयोग से सदर अस्पताल में धरना प्रदर्शन किया गया. इसकी अध्यक्षता डॉ डीके सिंह ने की और संचालन जिला सचिव डॉक्टर संतोष कुमार सिंह ने किया. उन्होंने विरोध जताते हुए मांग करते हुए कहा कि डॉक्टर राजेश पासवान के हमलावरों की शीघ्र गिरफ्तारी की जाए.
दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग: बिहार चिकित्सीय संस्था एवं व्यक्ति सुरक्षा एवं एपिडेमिक 2020 एक्ट के तहत कार्रवाई की डॉक्टर मांग कर रहे हैं.उन्होंने मांग करते हुए कहा कि अगर बिहार सरकार हमारी मांगों को यथाशीघ्र पूरा नहीं करती है तो हम सभी चिकित्सक आईएमए बिहार के निर्णय को मानते हुए आगे की कार्रवाई के लिए बाध्य हो जाएंगे.