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कैमूर में डायरिया से लोगों में भय का माहौल, चिकित्सकों ने लगाया कैंप

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Published : Jun 24, 2022, 12:38 PM IST

बिहार के कैमूर में सरियांव गांव में डायरिया (DIARRHEA IN KAIMUR) का कहर लोगों पर बरपा है. गांव के लगभग दो दर्जन लोग डायरिया से पीड़ित पाये गये हैं. ग्रामीणों ने नल जल के पानी से डायरिया होने की आशंका जताई है. पढ़ें पूरी खबर...

कैमूर में डायरिया
कैमूर में डायरिया

कैमूर: बिहार के कैमूर में डायरिया से 30 लोग ग्रसित (People infected from diarrhea in kaimur) पाये गये हैं. इन लोगों के इलाज के लिए चिकित्सकों की टीम पूरी तरह जुटी है. इस रोग के प्रकोप से गांव के लोगों में भय का माहौल है. डायरिया रोग से गांव के कई लोगों को उल्टी दस्त होने से बीमारी हो रही है. गांव के ज्यादातर लोगों के बीमार होने का सिलसिला जारी है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार कैम्प की हुई है. पीएचसी से स्वास्थ्य विभाग की टीम एम्बुलेंस से चिकित्सकों के साथ दवा लेकर गांव में कैम्प कर रही है. तीन शिफ्टों में चिकित्सकों की टीम निगरानी बनाये हुए हैं.

ये भी पढ़ें: भोजपुर के महादलित बस्ती में डायरिया का कहर! 9 बच्चों की मौत, दर्जनों बीमार

कैमूर में डायरिया का प्रकोप: डायरिया से बीमार हुए लोगों का इलाज पीएचसी और अनुमंडलीय अस्पताल मोहनिया में किया गया. वहीं गांव के लोग सरकार के द्वारा दिये गये नल जल योजना के पानी को इस रोग का कारण बता रहे. बताते चलें कि गांव में दो दिन पहले डायरिया होने के कारण 2 लोगों ने दम तोड़ दिया था. गांव के लोग डायरिया होने की वजह सात निश्चय योजना के तहत लगाए गए नल जल योजना के पाइप को बताते हुए कह रहे कि नल जल योजना का मेन पाइप जो पूरे गांव के गलियों में लगा है वो पाइप कहीं कहीं फटा हुआ है, जिसके कारण मेन सप्लाई पाइप में गंदगी के साथ मिलकर पानी सप्लाई आ रहा इसके कारण ही लोग डायरिया से ग्रसित हो रहे.



डॉक्टरों ने किया पुख्ता इंतजाम: डायरिया से ग्रसित गांव निवासी कुंती देवी, हरिहर बिंद का पीएचसी में इलाज चल रहा. वहीं जिन लोगों की हालत गंभीर बनी हुई थी, उन्हें बेड के अभाव में एंबुलेंस से अनुमंडलीय अस्पताल मोहनिया ले जाया गया. अनुमंडलीय अस्पताल में भेजे गये मरीजों में मुआ देवी, रेनू देवी, प्रमिला देवी, सुकालू बिंद, रामवृक्ष बिंद शामिल है. वहीं जिन लोगों का गांव में इलाज चल रहा है उनमें गुलजरिया देवी, प्रमिला देवी शामिल है. चिकित्सकों ने इलाज के बाद स्वस्थ देखते हुए लोगों को घर भेज दिया है.

ये भी पढ़ें: मोतिहारी में डायरिया ने दी दस्तक, एक ही परिवार के 7 लोग बीमार
सिविल सर्जन ने खुद गांव में जाकर लिया जायजा: वहीं इस संबंध में सिविल सर्जन मीना कुमारी (Civil Surgeon Meena kumari) ने बताया कि पीएचसी के द्वारा सूचना मिली कि सरियाव गांव में दूषित पानी के चलते लोगों को डायरिया हुआ है. जिले के स्वास्थ्य विभाग की टीम पिछले दो दिनों से उसी गांव में कैंप करते हुए तीन शिफ्टों में काम कर रहे हैं. गांव में इस रोग की सूचना मिलने पर आज सरियाव गांव पहुंचे है. यहां पर 8 मरीजों को पानी चढ़ाया गया. वहीं बात करें तो पीएचसी दुर्गावती में भी 6 लोगों को पानी चढ़ाया गया. वहां पर भी हमने स्थिति का जायजा लिया है, वहां लोगों की स्थिति ठीक है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से 3 टीम तैयार किया गया है, जो पूरे गांव में 24 घंटे कैंप जारी रखे हुए है.

कैमूर: बिहार के कैमूर में डायरिया से 30 लोग ग्रसित (People infected from diarrhea in kaimur) पाये गये हैं. इन लोगों के इलाज के लिए चिकित्सकों की टीम पूरी तरह जुटी है. इस रोग के प्रकोप से गांव के लोगों में भय का माहौल है. डायरिया रोग से गांव के कई लोगों को उल्टी दस्त होने से बीमारी हो रही है. गांव के ज्यादातर लोगों के बीमार होने का सिलसिला जारी है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार कैम्प की हुई है. पीएचसी से स्वास्थ्य विभाग की टीम एम्बुलेंस से चिकित्सकों के साथ दवा लेकर गांव में कैम्प कर रही है. तीन शिफ्टों में चिकित्सकों की टीम निगरानी बनाये हुए हैं.

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कैमूर में डायरिया का प्रकोप: डायरिया से बीमार हुए लोगों का इलाज पीएचसी और अनुमंडलीय अस्पताल मोहनिया में किया गया. वहीं गांव के लोग सरकार के द्वारा दिये गये नल जल योजना के पानी को इस रोग का कारण बता रहे. बताते चलें कि गांव में दो दिन पहले डायरिया होने के कारण 2 लोगों ने दम तोड़ दिया था. गांव के लोग डायरिया होने की वजह सात निश्चय योजना के तहत लगाए गए नल जल योजना के पाइप को बताते हुए कह रहे कि नल जल योजना का मेन पाइप जो पूरे गांव के गलियों में लगा है वो पाइप कहीं कहीं फटा हुआ है, जिसके कारण मेन सप्लाई पाइप में गंदगी के साथ मिलकर पानी सप्लाई आ रहा इसके कारण ही लोग डायरिया से ग्रसित हो रहे.



डॉक्टरों ने किया पुख्ता इंतजाम: डायरिया से ग्रसित गांव निवासी कुंती देवी, हरिहर बिंद का पीएचसी में इलाज चल रहा. वहीं जिन लोगों की हालत गंभीर बनी हुई थी, उन्हें बेड के अभाव में एंबुलेंस से अनुमंडलीय अस्पताल मोहनिया ले जाया गया. अनुमंडलीय अस्पताल में भेजे गये मरीजों में मुआ देवी, रेनू देवी, प्रमिला देवी, सुकालू बिंद, रामवृक्ष बिंद शामिल है. वहीं जिन लोगों का गांव में इलाज चल रहा है उनमें गुलजरिया देवी, प्रमिला देवी शामिल है. चिकित्सकों ने इलाज के बाद स्वस्थ देखते हुए लोगों को घर भेज दिया है.

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सिविल सर्जन ने खुद गांव में जाकर लिया जायजा: वहीं इस संबंध में सिविल सर्जन मीना कुमारी (Civil Surgeon Meena kumari) ने बताया कि पीएचसी के द्वारा सूचना मिली कि सरियाव गांव में दूषित पानी के चलते लोगों को डायरिया हुआ है. जिले के स्वास्थ्य विभाग की टीम पिछले दो दिनों से उसी गांव में कैंप करते हुए तीन शिफ्टों में काम कर रहे हैं. गांव में इस रोग की सूचना मिलने पर आज सरियाव गांव पहुंचे है. यहां पर 8 मरीजों को पानी चढ़ाया गया. वहीं बात करें तो पीएचसी दुर्गावती में भी 6 लोगों को पानी चढ़ाया गया. वहां पर भी हमने स्थिति का जायजा लिया है, वहां लोगों की स्थिति ठीक है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से 3 टीम तैयार किया गया है, जो पूरे गांव में 24 घंटे कैंप जारी रखे हुए है.

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