कैमूर (भभुआ): बिहार के कैमूर जिले में रोज मैंरी सॉल्वेंट कंपनी में कार्यरत उत्तर प्रदेश निवासी सुरेश गुप्ता को तेल चोरी का आरोप लगाकर 48 घंटे तक कंपनी के भीतर पिटाई (Labour beaten In Kaimur By Owner) की गई. आरोप है कंपनी के मालिक पीटते रहे और कर्मी चीखता रहा. इस दौरान उसे भूखे रखा गया. पिटाई का आरोप कंपनी के मालिक अजय अग्रवाल व उसके भाई सुजीत अग्रवाल के साथ चार अन्य कर्मियों पर लगा है. जिनमें इंजीनियर राजू सैनी, सुपरवाइजर विजय तिवारी, शिव जी ओझा और दिनेश सिंह का नाम शामिल है.
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"मामला चाहे जो भी हो, लेकिन अगर मेरे पति ने कंपनी में चोरी की तो बंधक बनाकर पीटना और खुद कानून को हाथ में लेना यह कोई बात नहीं है. बल्कि कंपनी की जिम्मेवारी होती कु उसे पुलिस के हवाले कर देते. हालांकि पुलिस इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आगे के अनुसंधान में जुट गई है."-अर्चना गुप्ता, पीड़ित की पत्नी
"मेरे ऊपर कंपनी में तेल बेचने का आरोप लगाकर मालिक और उनके भाई सहित आधा दर्जन कर्मी ने मिलकर 48 घंटों तक मेरी पिटाई की. इसके बाद मेरे किसी साथी ने मेरी पत्नी को फोन किया तब जाकर मेरी पत्नी कंपनी में पहुंची. जहां बहुत हठ करने के बाद मुझसे मिलने दिया गया. मेरी पत्नी के द्वारा बार-बार आग्रह किए जाने के बाद भी मुझे नहीं छोड़ा गया. अंत में थकहार कर मेरी पत्नी दुर्गावती थाने पहुंची और पुलिस को सारे मामले की जानकारी दी."-सुरेश गुप्ता, पीड़ित, मजदूर
कैसे हुआ मामले का खुलासाः कंपनी से एक मजदूर साथी से मिली जानकारी के आधार पर पीड़ित की पत्नी अर्चना गुप्ता ने मामले की शिकायत लेकर दुर्गावती थाना (Durgavati Police Station In Kaimur) पहुंची. शिकायत पर दुर्गावती पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़ित मजदूर सुरेश गुप्ता को मुक्त कराकर थाना ले गई. इसके बाद पुलिस ने उसे इलाज के लिए दुर्गावती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया.
क्या है पूरा मामलाः उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिला अन्तर्गत जयसिंगपुर गांव निवासी सुखराम गुप्ता के पुत्र सुरेश गुप्ता कैमूर के रोज मैंरी सॉल्वेंट कंपनी में मजदूर के रूप में काम करता था. कंपनी के मालिक और कर्मचारियों ने तेल चोरी के आरोप में बंधक बना लिया. इसके बाद बेरहमी से 2 दिनों तक पिटाई की गयी. पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने उसे कंपनी से मुक्त कराया. बताया जा रहा है कि कंपनी से लाए जाने के बाद भी कंपनी का कोई पदाधिकारी थाने पर नहीं पहुंचा. बाद में 21 तारीख को देर शाम कंपनी के कर्मी थाने आए और मजदूर के ऊपर तेल चोरी का आरोप लगाते हुए एक आवेदन दिया.