कैमूर: बिहार में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे है. कैमूर में भी कोरोना का कहर जारी है. यहां आंकड़ा 500 पार हो चुका है. बावजूद स्थानीय नेता राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए न सिर्फ सरकार की गाइडलाइंस को दरकिनार कर सम्मेलन आयोजित करते है. बल्कि खुद भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सहित बिना मास्क के सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे है.
सोशल डिस्टेंस की उड़ाई धज्जियां
भभुआ के पूर्व विधायक और जन अधिकार पार्टी के महासचिव रामचन्द्र यादव कुछ दिन पूर्व कोरोना से ठीक हुए है. विधायक को चुनाव की चिंता इतनी है कि उन्होंने खुद के घर पर बिना किसी परमिशन के कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित कर दिया. यही नहीं सम्मेलन में विधायक और उनके कार्यकर्ता बिना मास्क के न सिर्फ सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाई, बल्कि एक दूसरे को फूल माला पहनाकर स्वागत भी किया.
पूर्व विधायक ने उठाए सवाल
इस पूरे मामले पर पूर्व विधायक ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का परमिशन किस ने दिया है. एमपी में सरकार इधर से उधर हो रही है. क्या दोनों जगह सोशल डिस्टेंस की धज्जियां नहीं उड़ रही है. यही नहीं विधायक ने तो डॉक्टर्स, पुलिस और मीडिया कर्मियों को तक नही छोड़ा. विधायक ने कहा कि लाखों की संख्या में डॉक्टर्स, पुलिस और हजारों की संख्या में मीडिया कर्मी काम कर रहे है, तो क्या कोरोना का खतरा उनसे नहीं है.
नेताओं को है वोट की चिंता
पूर्व विधायक ने कहा कि जहां नेता रहेगा वहां भीड़ होगा. जिस तरह डॉक्टर्स, पुलिस, मीडिया कर्मी काम रहे है. उसी तरफ वो भी अपना काम कर रहे है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि बिहार में नेताओं को जनता और कोरोना से ज्यादा वोट की चिंता है. महामारी के इस विपरीत समय में भी नेता राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे है.