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कैमूर में 42 फर्जी शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज, हैरान करने वाली है गुरु जी की शैक्षणिक योग्यता

जिले में फर्जी प्रमाणपत्र के बदौलत कई फर्जी शिक्षक नौकरी कर रहे हैं. जांच के क्रम में कई शिक्षक इंटर में फेल पाए गए हैं. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे सभी 42 फर्जी शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करायी गई है.

फर्जी शिक्षकों पर एफआईआर
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Published : Jun 30, 2019, 5:44 AM IST

कैमूर: फर्जी प्रमाणपत्र के दम पर सरकारी नौकरी का मजा ले रहे नियोजित शिक्षकों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है. जिले के कुदरा प्रखंड में नियोजित 4 शिक्षकों पर निगरानी विभाग के पुलिस निरीक्षक ने कुदरा थाना में एफआईआर दर्ज करवायी हैं.

ईटीवी भारत संवादाता की रिपोर्ट

फर्जी प्रमाणपत्र के बदौलत कर रहे थे नौकरी
बच्चों का भविष्य संवारने का जिम्मा योग्य शिक्षकों के कंधे पर रहता है. लेकिन शिक्षक बनने के चक्कर में कई लोगों ने फर्जी प्रमाणपत्र का सहारा लिया. खुद को नियोजन के समय प्रमाणपत्र में फर्स्ट डिवीजन पास बताने वाले, वास्तविक में इसके उलट निकले. निगरानी की जांच में सभी 4 शिक्षक इंटर की परीक्षा में फेल पाए गए हैं.

कोई फेल, तो किसी का मार्कशीट पर गलत रौल नंबर
चिलबिली पंचायत में नियोजित लालापुर निवासी मिथलेश कुमार सिंह 545 अंकों के साथ फर्स्ट डिवीजन है. जबकि जांच में उनकी सारी पोल खुल गई. वह 282 अंको के साथ फेल हैं. दुसरे शिक्षक अनील का भी यही हाल है. नियोजन में 714 अंक के साथ फर्स्ट डिवीजन से खुद को पास बताया था जबकि वास्तविक में मात्र 394 अंक के साथ थर्ड डिवीजन से पास पाए गए. ससना पंचायत के द्वारा नियोजित शिक्षक जयप्रकाश 649 अंक की जगह 434 अंक के साथ सेकेंड डिवीजन से पास हैं. वही डेरवा पंचायत में नियोजित परमशीला देवी का मार्कशीट पर रौल नंबर गलत पाया गया.

112 शिक्षकों ने दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि हाइकोर्ट के तरफ से फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करनेवालों को स्वेच्छा से त्याग पत्र देने की बात कही गई थी. इससे एफआईआर से बचने का मौका भी मिया था. इस आदेश के बाद जिलेभर के 112 लोगों ने त्यागपत्र दिया था. अब निगरानी विभाग फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करवा रही हैं. पुलिस अधीक्षक दिलनवाज अहमद ने बताया कि निगरानी विभाग के जांच में कुदरा प्रखंड के 4 शिक्षक फर्जी पाए गए हैं.

बीडीओ के फर्जी हस्ताक्षर पर बने 38 शिक्षकों पर हुआ FIR दर्ज

kaimur
दिलनवाज अहमद (पुलिस अधीक्षक)
दूसरी तरफ भगवानपुर प्रखंड में 38 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दिया गया है. बीडीओ के फर्जी हस्ताक्षर पर 2012 में बहाल हुए शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज किया गया हैं. नौकरी हासिल करने के लिए तत्कालीन बीडीओ रामजी पासवान के फर्जी हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था. जिलाधिकारी के अनुशंसा के बाद जांच में सभी फर्जी पाए गए. इस मामले में 17 जून को सभी शिक्षकों के ऊपर एफआईआर दर्ज कराया गया है. इस सूची में राम अवध सिंह, राम रंजन सिंह, पूनम कुमारी, निर्मल प्रसाद, कुंवर सिंह, अंजुला कुमारी, सुनील कुमार, संजू कुमारी, पिंकी कुमारी, बसंती देवी, रोशनी कुमारी, अनिल कुमार, शारदा कुमारी सहित अन्य सभी फर्जी शिक्षक का नाम शामिल है.

कैमूर: फर्जी प्रमाणपत्र के दम पर सरकारी नौकरी का मजा ले रहे नियोजित शिक्षकों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है. जिले के कुदरा प्रखंड में नियोजित 4 शिक्षकों पर निगरानी विभाग के पुलिस निरीक्षक ने कुदरा थाना में एफआईआर दर्ज करवायी हैं.

ईटीवी भारत संवादाता की रिपोर्ट

फर्जी प्रमाणपत्र के बदौलत कर रहे थे नौकरी
बच्चों का भविष्य संवारने का जिम्मा योग्य शिक्षकों के कंधे पर रहता है. लेकिन शिक्षक बनने के चक्कर में कई लोगों ने फर्जी प्रमाणपत्र का सहारा लिया. खुद को नियोजन के समय प्रमाणपत्र में फर्स्ट डिवीजन पास बताने वाले, वास्तविक में इसके उलट निकले. निगरानी की जांच में सभी 4 शिक्षक इंटर की परीक्षा में फेल पाए गए हैं.

कोई फेल, तो किसी का मार्कशीट पर गलत रौल नंबर
चिलबिली पंचायत में नियोजित लालापुर निवासी मिथलेश कुमार सिंह 545 अंकों के साथ फर्स्ट डिवीजन है. जबकि जांच में उनकी सारी पोल खुल गई. वह 282 अंको के साथ फेल हैं. दुसरे शिक्षक अनील का भी यही हाल है. नियोजन में 714 अंक के साथ फर्स्ट डिवीजन से खुद को पास बताया था जबकि वास्तविक में मात्र 394 अंक के साथ थर्ड डिवीजन से पास पाए गए. ससना पंचायत के द्वारा नियोजित शिक्षक जयप्रकाश 649 अंक की जगह 434 अंक के साथ सेकेंड डिवीजन से पास हैं. वही डेरवा पंचायत में नियोजित परमशीला देवी का मार्कशीट पर रौल नंबर गलत पाया गया.

112 शिक्षकों ने दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि हाइकोर्ट के तरफ से फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करनेवालों को स्वेच्छा से त्याग पत्र देने की बात कही गई थी. इससे एफआईआर से बचने का मौका भी मिया था. इस आदेश के बाद जिलेभर के 112 लोगों ने त्यागपत्र दिया था. अब निगरानी विभाग फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करवा रही हैं. पुलिस अधीक्षक दिलनवाज अहमद ने बताया कि निगरानी विभाग के जांच में कुदरा प्रखंड के 4 शिक्षक फर्जी पाए गए हैं.

बीडीओ के फर्जी हस्ताक्षर पर बने 38 शिक्षकों पर हुआ FIR दर्ज

kaimur
दिलनवाज अहमद (पुलिस अधीक्षक)
दूसरी तरफ भगवानपुर प्रखंड में 38 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दिया गया है. बीडीओ के फर्जी हस्ताक्षर पर 2012 में बहाल हुए शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज किया गया हैं. नौकरी हासिल करने के लिए तत्कालीन बीडीओ रामजी पासवान के फर्जी हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था. जिलाधिकारी के अनुशंसा के बाद जांच में सभी फर्जी पाए गए. इस मामले में 17 जून को सभी शिक्षकों के ऊपर एफआईआर दर्ज कराया गया है. इस सूची में राम अवध सिंह, राम रंजन सिंह, पूनम कुमारी, निर्मल प्रसाद, कुंवर सिंह, अंजुला कुमारी, सुनील कुमार, संजू कुमारी, पिंकी कुमारी, बसंती देवी, रोशनी कुमारी, अनिल कुमार, शारदा कुमारी सहित अन्य सभी फर्जी शिक्षक का नाम शामिल है.
Intro:कैमूर। जिले के कुदरा प्रखंड में फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नियोजित हुए 4 शिक्षकों के ऊपर निगरानी ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक ने कुदरा थाना में एफआईआर दर्ज कराया हैं। चारों शिक्षकों पर आरोप है कि वो फर्जी प्रमाणपत्र के बदौलत नौकरी करते थे। जांच में तो यह ऐसे शिक्षक मिले जिन्होंने नियोजन के समय समय दिए गए प्रमाणपत्र में खुद को फर्स्ट डिवीज़न से पास बताया था और वास्तविक में फेल थे।


Body:आपकों बतादें कि निगरानी में अपने जांच में पाया कि सभी 4 शिक्षक इंटर की परीक्षा में फेल थे। लालापुर निवासी मिथलेश कुमार सिंह जो चिलबिली पंचायत में नियोजित है नियोजन के समय 545 अंकों के साथ फर्स्ट डिवीजन है जबकि जांच में पाया गया कि 282 आंको के साथ फेल हैं। इस पंचायत में नियोजित अनिल के मार्कशीट पर नियोजन के 714 अंक फर्स्ट डिवीज़न दर्शाया गया है जबकि जांच में 394 अंक और थर्ड डिवीजन हैं। जय प्रकाश राम नियोजन ससना पंचायत के द्वारा नियोजन के समय जो इंटर का अंक पत्र जमा किया गया था उसमें 649 अंक के साथ फर्स्ट डिवीज़न है जांच में 434 अंक और सेकंड डिवीज़न हैं। डेरवा पंचायत में नियोजित परमशीला देवी के मार्कशीट पर रोला नंबर गलत पाया गया हैं। आपको बतादें कि हाइकोर्ट ने फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करनेवालों को स्वेच्छा से त्याग पत्र देने पर एफआईआर दर्ज नही करने की बात कही थी जिसके बाद जिलेभर के 112 लोगों ने त्यागपत्र दिया था। जिसके बाद हाइकोर्ट के निर्देश पर निगरानी विभाग फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करने वालों की जांच कर रही हैं और एफआईआर दर्ज करवा रही हैं। निगरानी विभाग के जांच में कुदरा प्रखंड के 4 शिक्षकों का फर्जी पाया गया हैं। दूसरी तरफ भगवानपुर प्रखंड में बीडीओ के फर्जी हस्ताक्षर पर 2012 में फर्जी तरीके से बिना वेकैंसी के बहाल किये गए 38 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर उनपर एफआईआर दर्ज किया गया हैं। आपकों बतादें की 2012 के तत्कालीन बीडीओ रामजी पासवान के फर्जी हस्ताक्षर पर भगवानपुर के विभिन्न विद्यालय में 38 शिक्षकों की बहाली हुई थी। डीएम के पत्र के आलोक में जब जांच किया गया तो सभी बहाली फर्जी पाई गई। जिसके बाद 17 जून 2019 को सभी शिक्षकों के ऊपर एफआईआर दर्ज कराया गया। भगवानपुर प्रखंड के फर्जी शिक्षक राम अवध सिंह, राम रंजन सिंह, पूनम कुमारी, निर्मल प्रसाद, कुंवर सिंह, अंजुला कुमारी, सुनील कुमार, संजू कुमारी, पिंकी कुमारी, बसंती देवी, रोशनी कुमारी, अनिल कुमार, शारदा कुमारी, जितेन्द्र सिंह मौर्य, सीताराम पाठक, हुस्ना आरा, शेखर यादव, फजूल रहमान, राकेश कुमार वर्मा, अरविंद कुमार सिंह, निर्मल प्रसाद, राजेश्वर सिंह, रमेंद्र कुमार सिंह, रामाश्रय सिंह, कन्हैया प्रसाद , अनिता श्रीवास्तव , सुनील सिंह चौहान, अनिता कुमारी , फिरोज कुमार सुमन, सीता कुमारी, खुशबू कुमारी, अंजना कुमारी ,आरती कुमारी , पूनम कुमारी , धर्मजीत सिंह शिवदानी पासवान , उदयभान राव ।


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