कैमूर: फर्जी प्रमाणपत्र के दम पर सरकारी नौकरी का मजा ले रहे नियोजित शिक्षकों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है. जिले के कुदरा प्रखंड में नियोजित 4 शिक्षकों पर निगरानी विभाग के पुलिस निरीक्षक ने कुदरा थाना में एफआईआर दर्ज करवायी हैं.
फर्जी प्रमाणपत्र के बदौलत कर रहे थे नौकरी
बच्चों का भविष्य संवारने का जिम्मा योग्य शिक्षकों के कंधे पर रहता है. लेकिन शिक्षक बनने के चक्कर में कई लोगों ने फर्जी प्रमाणपत्र का सहारा लिया. खुद को नियोजन के समय प्रमाणपत्र में फर्स्ट डिवीजन पास बताने वाले, वास्तविक में इसके उलट निकले. निगरानी की जांच में सभी 4 शिक्षक इंटर की परीक्षा में फेल पाए गए हैं.
कोई फेल, तो किसी का मार्कशीट पर गलत रौल नंबर
चिलबिली पंचायत में नियोजित लालापुर निवासी मिथलेश कुमार सिंह 545 अंकों के साथ फर्स्ट डिवीजन है. जबकि जांच में उनकी सारी पोल खुल गई. वह 282 अंको के साथ फेल हैं. दुसरे शिक्षक अनील का भी यही हाल है. नियोजन में 714 अंक के साथ फर्स्ट डिवीजन से खुद को पास बताया था जबकि वास्तविक में मात्र 394 अंक के साथ थर्ड डिवीजन से पास पाए गए. ससना पंचायत के द्वारा नियोजित शिक्षक जयप्रकाश 649 अंक की जगह 434 अंक के साथ सेकेंड डिवीजन से पास हैं. वही डेरवा पंचायत में नियोजित परमशीला देवी का मार्कशीट पर रौल नंबर गलत पाया गया.
112 शिक्षकों ने दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि हाइकोर्ट के तरफ से फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करनेवालों को स्वेच्छा से त्याग पत्र देने की बात कही गई थी. इससे एफआईआर से बचने का मौका भी मिया था. इस आदेश के बाद जिलेभर के 112 लोगों ने त्यागपत्र दिया था. अब निगरानी विभाग फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करवा रही हैं. पुलिस अधीक्षक दिलनवाज अहमद ने बताया कि निगरानी विभाग के जांच में कुदरा प्रखंड के 4 शिक्षक फर्जी पाए गए हैं.
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