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कैमूर: आकाशीय बिजली गिरने से किसान की मौत, परिजनों ने की मुआवजे की मांग

कैमूर में आकशीय बिजली गिरने से एक किसान की मौत हो गई. घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. घटना के बाद पीड़ित परिवार ने जिला प्रशासन से सरकारी मुआवजे की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर.

ठनका गिरने से किसान की मौत
ठनका गिरने से किसान की मौत
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Published : Aug 18, 2021, 10:11 PM IST

कैमूर: बिहार के कैमूर जिले में आकाशीय बिजली (Thunderstorm in Bihar) गिरने से एक 65 वर्षीय किसान की मौत (Farmer Death) हो गई. घटना के बाद गांव में मातम छा गया है. पुलिस ने शव को सदर अस्पताल (Sadar Hospital) भभुआ में पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया है. परिजनों ने जिला प्रशासन (District Administration) से मुआवजे की मांग की है.

ये भी पढ़ें- बिहार में मौसम विभाग का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी, वज्रपात के साथ भारी बारिश की संभावना

घटना भभुआ थाना क्षेत्र के सारंगपुर धड़हनियां गांव की है. बताया जा रहा है कि धड़हनियां गांव निवासी 65 वर्षीय ललन शाम को अपना खेत घूमने के लिए गये हुए थे. अचानक मूसलाधार बारिश होने लगी. उसी दौरान आकाशीय बिजली गिर गई जिससे इनकी घटनास्थल पर ही ललन की दर्दनाक मौत हो गई.

घटना के बाद आसपास के ग्रामीण ने देखा तो शोर मचाने लगे. लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई जिसके बाद पीड़ित को भभुआ सदर अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने भभुआ सदर अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया.

ये भी पढ़ें- घर में रहें सुरक्षित: बिहार के इन 5 जिलों में गिरने वाला है ठनका

घटना के बाद पीड़ित परिवार ने जिला प्रशासन से सरकारी मुआवजे की मांग की है. आपको बताते चलें कि बिहार नें लगातार बारिश और आकशीय बिजली गिरने से जगह-जगह से कई लोगों की मौत होने की लगातार खबरें आ रही हैं. बरसात के मौसस में आकशीय बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ जाती हैं.


बताते चलें कि जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं. भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं. जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है, तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है. अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है.

ये भी पढ़ें- लखीसराय: ठनका गिरने से एक शख्स की मौत, गांव में पसरा सन्नाटा

आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज होती है. आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है. बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है. बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है. आसमान में अंधेरा छा जाये और तेज हवा हो तो सतर्क हो जायें. यदि आप गड़गड़ाहट सुनते हैं तो समझ लें कि वज्रपात होने वाला है. जब तक बिल्कुल आवश्यक न हो बाहर न निकलें.

यदि संभव हो तो यात्रा से बचें. साइकिल, मोटर साइकिल, ट्रैक्टर आदि वाहनों से नीचे उतर जाएं, यह बिजली को आकर्षिक कर सकते हैं . अपने घर के खिड़कियों और दरवाजों को बंद कर दें. बच्चों का रखें खास ध्यान और बिजली के उपकरण को बंद कर दें.

ये भी पढ़ें- बिहार में अगले 48 घंटे रिकॉडतोड़ बारिश और ठनका गिरने के आसार, अलर्ट जारी

ये भी पढ़ें- बेगूसराय: वज्रपात की चपेट में आने से किसान की खेत में हुई मौत

कैमूर: बिहार के कैमूर जिले में आकाशीय बिजली (Thunderstorm in Bihar) गिरने से एक 65 वर्षीय किसान की मौत (Farmer Death) हो गई. घटना के बाद गांव में मातम छा गया है. पुलिस ने शव को सदर अस्पताल (Sadar Hospital) भभुआ में पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया है. परिजनों ने जिला प्रशासन (District Administration) से मुआवजे की मांग की है.

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घटना भभुआ थाना क्षेत्र के सारंगपुर धड़हनियां गांव की है. बताया जा रहा है कि धड़हनियां गांव निवासी 65 वर्षीय ललन शाम को अपना खेत घूमने के लिए गये हुए थे. अचानक मूसलाधार बारिश होने लगी. उसी दौरान आकाशीय बिजली गिर गई जिससे इनकी घटनास्थल पर ही ललन की दर्दनाक मौत हो गई.

घटना के बाद आसपास के ग्रामीण ने देखा तो शोर मचाने लगे. लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई जिसके बाद पीड़ित को भभुआ सदर अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने भभुआ सदर अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया.

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घटना के बाद पीड़ित परिवार ने जिला प्रशासन से सरकारी मुआवजे की मांग की है. आपको बताते चलें कि बिहार नें लगातार बारिश और आकशीय बिजली गिरने से जगह-जगह से कई लोगों की मौत होने की लगातार खबरें आ रही हैं. बरसात के मौसस में आकशीय बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ जाती हैं.


बताते चलें कि जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं. भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं. जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है, तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है. अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है.

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आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज होती है. आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है. बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है. बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है. आसमान में अंधेरा छा जाये और तेज हवा हो तो सतर्क हो जायें. यदि आप गड़गड़ाहट सुनते हैं तो समझ लें कि वज्रपात होने वाला है. जब तक बिल्कुल आवश्यक न हो बाहर न निकलें.

यदि संभव हो तो यात्रा से बचें. साइकिल, मोटर साइकिल, ट्रैक्टर आदि वाहनों से नीचे उतर जाएं, यह बिजली को आकर्षिक कर सकते हैं . अपने घर के खिड़कियों और दरवाजों को बंद कर दें. बच्चों का रखें खास ध्यान और बिजली के उपकरण को बंद कर दें.

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