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कैमूर: अस्पताल से नदारद रहते हैं डॉक्टर, इमरजेंसी में घर से बुलाकर मरीज करवाते हैं इलाज

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Published : Aug 23, 2019, 12:46 AM IST

Updated : Aug 23, 2019, 6:42 AM IST

जिले के रामपुर प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र में डाक्टर की लापरवाही. सप्ताह में सिर्फ 2 दिन ही अस्पताल आते है डाक्टर. प्रभारी चिकित्सक खुद करते है इलाज

डाक्टर को घर से बुलाकर इस अस्पताल में ईलाज करवाते हैं मरीज

कैमूर: जिले के रामपुर प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र में डाक्टर की लापरवाही का मामला सामने आया है. रामपुर प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र का आलम यह है कि पूरा स्वास्थ्य केंद्र एक डाक्टर के भरोसे संचालित है. वहीं, इलाज के लिए मरीजों को डाक्टर को उनके घर से बुलाना पड़ता है.

Doctor negligence
मीडिया से बात करते प्रभारी चिकित्सक

खुद इलाज करते है प्रभारी चिकित्सक
रामपुर प्रखंड का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केवल एक डॉक्टर के भरोसे है. प्रभारी चिकित्सक अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में सिर्फ एक डाक्टर की पोस्टिंग है. जो दिल के मरीज है, इसलिए सप्ताह में सिर्फ 2 दिन ही अस्पताल आ पाते है. जबकि 4 दिन प्रभारी चिकित्सक खुद मरीजों का इलाज करते है. प्रभारी चिकित्सक ने बताया कि अगर वह किसी कारण छुट्टी पर होते है, तो मरीज अस्पताल के दूसरे डाक्टर को उनके घर से बुलाकर इलाज करवाते हैं. इस अस्पताल की स्वास्थ व्यवस्था कैसी है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.

इमरजेंसी में डाक्टर को घर से बुलाकर इस अस्पताल में ईलाज करवाते है मरीज

स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर खानापूर्ति
रामपुर प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र में स्वास्थ सुविधा के नाम पर खानापूर्ति किया जा रहा है. इलाज के लिए आए मरीजों के जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा हैं. स्वास्थ केन्द्र की हालत यह है कि जब मरीज इमरजेंसी में अपने जिंदगी से जूझता हैं, तब डॉक्टर साहब को फोन कर बुलाया जाता हैं. ऐसे में यदि कोई अपनी जान गंवाता हैं तो इसका जिम्मेवार कौन होगा. अस्पताल में भर्ती एक मरीज ने बताया कि अस्पताल में कोई डॉक्टर नही है. प्रभारी चिकित्सक ने उनका इलाज किया है.

अस्पताल के भरोसे 10 पंचायत के लोग

आपको बता दें कि रामपुर प्रखंड कैमूर पहाड़ी के तराई में बसा हुआ है. इस अस्पताल में लगभग 10 पंचायत के लोग इलाज करवाने आते हैं. पहाड़ी इलाका होने के कारण अधिकांश किसान और गरीब परिवार के लोग इलाज के लिए इसी अस्पताल का रुख करते हैं. लेकिन अस्पताल की स्वास्थ सुविधा देखकर यही कहा जा सकता है कि यहां इलाज के नाम पर गरीबों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा हैं.

कैमूर: जिले के रामपुर प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र में डाक्टर की लापरवाही का मामला सामने आया है. रामपुर प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र का आलम यह है कि पूरा स्वास्थ्य केंद्र एक डाक्टर के भरोसे संचालित है. वहीं, इलाज के लिए मरीजों को डाक्टर को उनके घर से बुलाना पड़ता है.

Doctor negligence
मीडिया से बात करते प्रभारी चिकित्सक

खुद इलाज करते है प्रभारी चिकित्सक
रामपुर प्रखंड का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केवल एक डॉक्टर के भरोसे है. प्रभारी चिकित्सक अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में सिर्फ एक डाक्टर की पोस्टिंग है. जो दिल के मरीज है, इसलिए सप्ताह में सिर्फ 2 दिन ही अस्पताल आ पाते है. जबकि 4 दिन प्रभारी चिकित्सक खुद मरीजों का इलाज करते है. प्रभारी चिकित्सक ने बताया कि अगर वह किसी कारण छुट्टी पर होते है, तो मरीज अस्पताल के दूसरे डाक्टर को उनके घर से बुलाकर इलाज करवाते हैं. इस अस्पताल की स्वास्थ व्यवस्था कैसी है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.

इमरजेंसी में डाक्टर को घर से बुलाकर इस अस्पताल में ईलाज करवाते है मरीज

स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर खानापूर्ति
रामपुर प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र में स्वास्थ सुविधा के नाम पर खानापूर्ति किया जा रहा है. इलाज के लिए आए मरीजों के जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा हैं. स्वास्थ केन्द्र की हालत यह है कि जब मरीज इमरजेंसी में अपने जिंदगी से जूझता हैं, तब डॉक्टर साहब को फोन कर बुलाया जाता हैं. ऐसे में यदि कोई अपनी जान गंवाता हैं तो इसका जिम्मेवार कौन होगा. अस्पताल में भर्ती एक मरीज ने बताया कि अस्पताल में कोई डॉक्टर नही है. प्रभारी चिकित्सक ने उनका इलाज किया है.

अस्पताल के भरोसे 10 पंचायत के लोग

आपको बता दें कि रामपुर प्रखंड कैमूर पहाड़ी के तराई में बसा हुआ है. इस अस्पताल में लगभग 10 पंचायत के लोग इलाज करवाने आते हैं. पहाड़ी इलाका होने के कारण अधिकांश किसान और गरीब परिवार के लोग इलाज के लिए इसी अस्पताल का रुख करते हैं. लेकिन अस्पताल की स्वास्थ सुविधा देखकर यही कहा जा सकता है कि यहां इलाज के नाम पर गरीबों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा हैं.

Intro:कैमूर।

जिले के रामपुर प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में आपातकालीन स्तिथ में ईलाज के लिए मरीजों को डॉक्टर को उनके घर से बुलाना पड़ता हैं।


Body:आपकों बतादें कि रामपुर प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र केवल एक डॉक्टर के भरोसे चलती हैं। यहाँ के प्रभारी चिकित्सक पदाधिकारी खुद मरीजों का ईलाज करते हैं। प्रभारी चिकित्सक पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि अस्पताल में सिर्फ 2 डॉक्टरों की पोस्टिंग हैं। एक डॉक्टर दिल के मरीज हैं ऐसे में सप्ताह में सिर्फ 2 दिन अस्पताल आतें हैं जबकि 4 दिन प्रभारी खुद मरीजों का ईलाज करते हैं। यही नही चिकित्सक पदाधिकारी ने बताया कि यदि किसी कारण वर्ष वो खुद छुटी पर चले जाते हैं तो ऐसे में मरीज अस्पताल के दूसरे डॉक्टर को उनके घर से बुलाकर ईलाज करवाते हैं। ऐसे में इस इस अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था कैसी हैं इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हैं। लेकिन यह जरूर कहाँ जा सकता हैं कि यहाँ स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर खानापूर्ति किया जाता हैं और मरीजों के जिंदगी से खिलवाड़। हालांकि प्रभारी चिकित्सक से मरीजों की असुविधा होने के बात से इंकार कर दिया लेकिन आप खुद सोच सकते हैं कि जब मरीज इमरजेंसी में अपने जिंदगी से जूझता हैं तब डॉक्टर साहब को फोन कर बुलाया जाता हैं ऐसे में यदि कोई अपनी जान गवाता हैं तो आखिरकार इसका जिम्मेवार कौन होगा। अस्पताल में भर्ती एक मरीज ने बताया कि अस्पताल में कोई डॉक्टर नही हैं। प्रभारी द्वारा उनका ईलाज किया गया हैं। अन्य कोई यहाँ पर मौजूद नही हैं।


कैमूर पहाड़ी के तराई में बसा है रामपुर प्रखंड

आपकों बतादें कि रामपुर प्रखंड कैमूर पहाड़ी के तराई में बसा हुआ हैं इस अस्पताल में लगभग 10 पंचायत के लोग ईलाज करवाने आते हैं। पहाड़ी इलाका होने के कारण अधिकांश किसान और गरीब परिवार के लोग इस अस्पताल का रुख करते हैं। लेकिन अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधा देखकर यही कहा जा सकता हैं कि यहाँ गरीब के जीवन से खिलवाड़ किया जाता हैं।


Conclusion:
Last Updated : Aug 23, 2019, 6:42 AM IST
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