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कैमूर: अब बेंगलुरु में गूंजेगी अनामिका की किलकारी, व्यवसायी दंपति ने लिया गोद

7 अक्टूबर 2019 को रोहतास में नवजात बच्ची को सड़क किनारे फेंक दिया गया था. बाद में उसे भभुआ के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में रखा गया. अब बेंगलुरु के व्यवसायी दंपति ने उसे गोद ले लिया है.

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Published : Jan 5, 2021, 5:39 PM IST

Updated : Jan 5, 2021, 6:53 PM IST

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कैमूर (भभुआ): बच्चों के पालन पोषण के लिए मां की ममता बहुत जरूरी होती है. इसी क्रम में रोहतास जिले में जन्मी अनामिका को मां का आंचल मिल गया. अनामिका लावारिस हालत में मिली थी. इसके बाद वह भभुआ के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में पल रही थी. सोमवार को बेंगलुरु के व्यवसायी दंपति आनंद शर्मा और उनकी पत्नी कल्पना शर्मा ने अनामिका को गोद ले लिया.

संस्थान से भेजा गया बुलावा पत्र
अनामिका का पालन पोषण अब बेंगलुरु में होगा. बच्ची को गोद में लेते ही दंपति का चेहरा खिल उठा. दंपति ने बताया कि हम लोगों ने मान लिया था कि अब हमारी जिंदगी में खुशियां नहीं आंएगी. हमारे पड़ोसी ने विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के बारे में बताया. हमने संस्थान में ऑनलाइन आवेदन दिया. इसके बाद फिर संस्थान से बुलावा पत्र भेजा गया.

अनामिका को मिला परिवार
दंपति ने बताया कि सभी कागजी कार्य को पूरा करने के बाद बच्ची को दिया गया. इस संबंध में बाल संरक्षण इकाई के सहायक निर्देशक अंजलाकृति ने कहा कि पिछले साल 7 अक्टूबर 2019 को यह बच्ची रोहतास जिले से बरामद हुई थी. सोमवार को अनामिका को उसका परिवार मिल गया.

कैमूर (भभुआ): बच्चों के पालन पोषण के लिए मां की ममता बहुत जरूरी होती है. इसी क्रम में रोहतास जिले में जन्मी अनामिका को मां का आंचल मिल गया. अनामिका लावारिस हालत में मिली थी. इसके बाद वह भभुआ के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में पल रही थी. सोमवार को बेंगलुरु के व्यवसायी दंपति आनंद शर्मा और उनकी पत्नी कल्पना शर्मा ने अनामिका को गोद ले लिया.

संस्थान से भेजा गया बुलावा पत्र
अनामिका का पालन पोषण अब बेंगलुरु में होगा. बच्ची को गोद में लेते ही दंपति का चेहरा खिल उठा. दंपति ने बताया कि हम लोगों ने मान लिया था कि अब हमारी जिंदगी में खुशियां नहीं आंएगी. हमारे पड़ोसी ने विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के बारे में बताया. हमने संस्थान में ऑनलाइन आवेदन दिया. इसके बाद फिर संस्थान से बुलावा पत्र भेजा गया.

अनामिका को मिला परिवार
दंपति ने बताया कि सभी कागजी कार्य को पूरा करने के बाद बच्ची को दिया गया. इस संबंध में बाल संरक्षण इकाई के सहायक निर्देशक अंजलाकृति ने कहा कि पिछले साल 7 अक्टूबर 2019 को यह बच्ची रोहतास जिले से बरामद हुई थी. सोमवार को अनामिका को उसका परिवार मिल गया.

Last Updated : Jan 5, 2021, 6:53 PM IST
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