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बिहार पुलिस की खुली पोल, गश्ती के दौरान बीच सड़क पर सिपाहियों को ढकेलनी पड़ी थाने की बंद जीप

एनएच 2 पर खराब पुलिस व्यवस्था के कारण बालू माफियाओं का राज चलता है, तो अपराधी इसे सेफ जोन समझते हैं.

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Published : Jan 10, 2020, 4:12 PM IST

कैमूर: बिहार सरकार और डीजीपी प्रदेश में बेहतर पुलिसिया व्यस्था और पेट्रॉलिंग का दावा करते हैं. लेकिन इसकी जमीनी हकीकत का पोल कैमूर जिला का कुदरा थाना खोल रहा है. इस थाने में 3 वाहन हैं और तीनों खराब हैं. आलम यह है कि भाड़े की गाड़ी से थानाध्यक्ष ड्यूटी करते हैं. तो दूसरी तरफ पेट्रॉलिंग के लिए थाने की जीप को कभी पब्लिक तो कभी खुद सिपाही धक्का लगाते हैं. यही नहीं थाने का यह खटारा जीप पेट्रॉलिंग के वक्त कभी भी रास्ते में खराब हो जाती है.

पेट्रॉलिंग जीप हो गई खराब
पेट्रॉलिंग के दौरान बैंक जा रहें पुलिसकर्मियों का जीप एनएच 2 पर खराब हो जाता है. ऐसे में पुलिस बैंक कब पहुंचेगी और पेट्रॉलिंग कब करेंगी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. पेट्रोलिंग पर खटारे जीप से निकले एएसआई हीरा लाल राम ने बताया कि पेट्रॉलिंग के दौरान कई दफा जीप खराब हो जाती है. जिसके बाद धक्का मारकार इसे स्टार्ट करवाया जाता है. कई बार जीप खराब हो जाता है, तो रास्ते में पहले जीप को बनवाया जाता है, फिर पेट्रॉलिंग पर या रूटिंग चेक अप किया जाता है.

पेश है रिपोर्ट

बालू माफियाओं का राज
एनएच 2 पर खराब पुलिस व्यवस्था के कारण बालू माफियाओं का राज चलता है, तो अपराधी इसे सेफ जोन समझते हैं. ऐसे में कुदरा पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े करते हैं.

कैमूर: बिहार सरकार और डीजीपी प्रदेश में बेहतर पुलिसिया व्यस्था और पेट्रॉलिंग का दावा करते हैं. लेकिन इसकी जमीनी हकीकत का पोल कैमूर जिला का कुदरा थाना खोल रहा है. इस थाने में 3 वाहन हैं और तीनों खराब हैं. आलम यह है कि भाड़े की गाड़ी से थानाध्यक्ष ड्यूटी करते हैं. तो दूसरी तरफ पेट्रॉलिंग के लिए थाने की जीप को कभी पब्लिक तो कभी खुद सिपाही धक्का लगाते हैं. यही नहीं थाने का यह खटारा जीप पेट्रॉलिंग के वक्त कभी भी रास्ते में खराब हो जाती है.

पेट्रॉलिंग जीप हो गई खराब
पेट्रॉलिंग के दौरान बैंक जा रहें पुलिसकर्मियों का जीप एनएच 2 पर खराब हो जाता है. ऐसे में पुलिस बैंक कब पहुंचेगी और पेट्रॉलिंग कब करेंगी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. पेट्रोलिंग पर खटारे जीप से निकले एएसआई हीरा लाल राम ने बताया कि पेट्रॉलिंग के दौरान कई दफा जीप खराब हो जाती है. जिसके बाद धक्का मारकार इसे स्टार्ट करवाया जाता है. कई बार जीप खराब हो जाता है, तो रास्ते में पहले जीप को बनवाया जाता है, फिर पेट्रॉलिंग पर या रूटिंग चेक अप किया जाता है.

पेश है रिपोर्ट

बालू माफियाओं का राज
एनएच 2 पर खराब पुलिस व्यवस्था के कारण बालू माफियाओं का राज चलता है, तो अपराधी इसे सेफ जोन समझते हैं. ऐसे में कुदरा पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े करते हैं.

Intro:गस्ती में फसती हैं बिहार के इस थाने की जीप

कैमूर।

बिहार सरकार और डीजीपी प्रदेश में बेहतर पुलिसिया व्यस्था और पेट्रॉलिंग का दावा करतें हैं। लेकिन इसकी जमीनी हकीकत का पोल कैमूर जिला का कुदरा थाना खोल देती हैं। Body:

इस थाने में 3 वाहन हैं और तीनों ख़राब हैं। आलम यह हैं कि भाड़े की गाड़ी से थानाध्यक्ष ड्यूटी करतें हैं। तो दूसरी तरफ पेट्रॉलिंग के लिए थाने की जीप को कभी पब्लिक तो कभी खुद सिपाही धक्का लागतें हैं। यही नही थाने का यह खटारा जीप पेट्रॉलिंग के वक़्त कभी भी रास्ते में ख़राब हो जाती हैं।

पेट्रॉलिंग के दौरान बैंक जा रहें पुलिसकर्मियों का जीप एनएच 2 पर ख़राब हो जाता हैं। ऐसे में पुलिस बैंक कब पहुचेगी और पेट्रॉलिंग कब करेंगी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हैं।
पेट्रोलिंग पर खटारे जीप से निकले एएसआई हीरा लाल राम नें बताया कि पेट्रॉलिंग के दौरान कई दफा जीप ख़राब हो जाती हैं। धक्का मारकार स्टार्ट करवाया जाता हैं। कई बार जीप ख़राब हो जाता हैं तो रास्ते में पहले जीप को बनवाया जाता हैं फिर पेट्रॉलिंग पर या रूटिंग चेक अप किया जाता हैं।
Conclusion:एनएच 2 पर ख़राब पुलिस व्यस्था के कारण बालू माफियाओं का राज चलता हैं तो अपराधी इसे सेफ जोन समझते हैं। ऐसे में आख़िरकार कुदरा पुलिस करें तो क्या करें। हाई टेक पुलिसिया का दावा खोखला साबित होता हैं। जब वाहन ही नही तो ऐसे पेट्रॉलिंग करेगी पुलिस।
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