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-25 डिग्री में बिहार के लाल ने बनाई भगवान की मूर्ति, जापान में जीता स्नो स्कल्पटिंग का खिताब

कैमूर के मोहनिया प्रखंड के रवि प्रकाश ने चीन और जापान में न सिर्फ अपने राज्य बल्कि पूरे देश का नाम रौशन किया है.

जीत के बाद अपनी टीम के साथ रवि प्रकाश
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Published : Feb 17, 2019, 10:38 AM IST

कैमूर : मोहनिया प्रखंड के रवि प्रकाश ने चीन और जापान में न सिर्फ अपने राज्य बल्कि पूरे देश का नाम रौशन किया है. इसमें उनका साथ दिया उत्तरप्रदेश के रजनीश वर्मा और मध्यप्रदेश के सुनील कुशवाहा ने.

स्नो स्कल्पटिंग कॉम्पटीशन का हुआ आयोजन

दरअसल इस साल जनवरी में दोनों देशों में इंटरनेशनल स्नो स्कल्पटिंग कॉम्पटीशन आयोजित किया गया था. इस कम्पटीशन में भारी बर्फबारी ठंडी बर्फीली हवाओं में बर्फ से कोई कलाकृति या मूर्ति बनाई जाती है.

प्रतियोगिता में रूस और थाईलैंड को हराया
जापान में -25 डिग्री के तापमान में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले रवि प्रकाश, सुनील कुशवाहा और रजनीश वर्मा ने भगवान विष्णु की मूर्ति बनाई और पहला स्थान हासिल किया. जापान के नाएरो में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जहां तीनों ने भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार को दर्शाया था. इस प्रतियोगिता में रूस और थाईलैंड ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया.

स्नो स्कल्पटिंग कॉम्पटीशन में मूर्ति बनाते रवि
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चीन में आयोजित 3 इवेंट्स में 3 पुरुस्कार हासिल किये.
24वें चाइना हारबीन इंटरनेशनल आईस एंड स्नो स्कल्पचर कंपीटिशन में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया और आयोजित 3 इवेंट्स में 3 पुरुस्कार हासिल किये. 2 इवेंट में एक्सीलेंस अवॉर्ड और एक स्पेशल अवॉर्ड भी उन्होंने हासिल किया. चीन में विश्व का सबसे बड़ा कम्पटीशन आयोजित किया जाता है. वहां भी नरसिम्हा की मूर्ति को स्पेशल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.

कैमूर : मोहनिया प्रखंड के रवि प्रकाश ने चीन और जापान में न सिर्फ अपने राज्य बल्कि पूरे देश का नाम रौशन किया है. इसमें उनका साथ दिया उत्तरप्रदेश के रजनीश वर्मा और मध्यप्रदेश के सुनील कुशवाहा ने.

स्नो स्कल्पटिंग कॉम्पटीशन का हुआ आयोजन

दरअसल इस साल जनवरी में दोनों देशों में इंटरनेशनल स्नो स्कल्पटिंग कॉम्पटीशन आयोजित किया गया था. इस कम्पटीशन में भारी बर्फबारी ठंडी बर्फीली हवाओं में बर्फ से कोई कलाकृति या मूर्ति बनाई जाती है.

प्रतियोगिता में रूस और थाईलैंड को हराया
जापान में -25 डिग्री के तापमान में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले रवि प्रकाश, सुनील कुशवाहा और रजनीश वर्मा ने भगवान विष्णु की मूर्ति बनाई और पहला स्थान हासिल किया. जापान के नाएरो में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जहां तीनों ने भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार को दर्शाया था. इस प्रतियोगिता में रूस और थाईलैंड ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया.

स्नो स्कल्पटिंग कॉम्पटीशन में मूर्ति बनाते रवि
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चीन में आयोजित 3 इवेंट्स में 3 पुरुस्कार हासिल किये.
24वें चाइना हारबीन इंटरनेशनल आईस एंड स्नो स्कल्पचर कंपीटिशन में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया और आयोजित 3 इवेंट्स में 3 पुरुस्कार हासिल किये. 2 इवेंट में एक्सीलेंस अवॉर्ड और एक स्पेशल अवॉर्ड भी उन्होंने हासिल किया. चीन में विश्व का सबसे बड़ा कम्पटीशन आयोजित किया जाता है. वहां भी नरसिम्हा की मूर्ति को स्पेशल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.

Intro:हाथों में हूनर दिल मे जज्बा और कुछ कर गुजरने की चाहत लिए बिहार कैमूर के मोहनिया प्रखंड के रवि प्रकाश ने चीन और जापान में न सिर्फ अपने राज्य बल्कि पूरे देश का नाम रौशन किया है।


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बन्दे है हम उसके हमपर किसका जोर उम्मीदों की सूरज निकले चारों ओर इरादे है फौलादी हिम्मती हर कदम अपने हाथों किस्मत लिखने आज चले है हम।

आपने यह लाइन तो सुनी होगी लेकिन इस लाइन को हक़ीक़त कर दिखाया है बिहार कैमूर के रवि प्रकाश, उत्तरप्रदेश के रजनीश वर्मा और मध्यप्रदेश के सुनील कुशवाहा ने। आपको बतादें इस साल के जनवरी में जापान और चीन में INTERNATIONAL SNOW SCULPTING COMPETITION का आयोजन किया गया था। इस कम्पटीशन में भारी बर्फबारी ठंड बर्फीली हवाओ में बर्फ से कोई कलाकृति या मूर्ति बनाई जाती है।

आपको जानकारी कर यह हैरानी जापान में -25 डिग्री की तापमान में हिंदुस्तान के रवि प्रकाश, सुनील कुशवाहा और रजनीश वर्मा की भगवान विष्णु की मूर्ति बनाई और जीत लिया जापान। जापान के नयोरो में यह प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जहाँ तीनो ने विष्णु के बारहवे अवतार को दर्शाया था। इस प्रतियोगिता में रूस और थाईलैंड ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया था।


इसी वर्ष जापान से पहले इन्होंने 24th CHINA HARBIN INTERNATIONAL ICE&SNOW SCULPTURE COMPETITION में हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व किया और यह आयोजित 3 इवेंट्स में 3 पुरुस्कार प्राप्त किया। 2 इवेंट में एक्सीलेंट अवॉर्ड और एक मे स्पेशल अवॉर्ड प्राप्त किया। आपको बतादें की चीन में विश्व का सबसे बड़ा को कम्पटीशन आयोजित किया जाता है। इस साल चीन में जनवरी में आयोजित हुए इस प्रतियोगिता में 16 देशों से 29 टीम ने भाग लिया है। चीन में नरसिम्हा की मूर्ति को स्पेशल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।


ईटीवी भारत से बात करते हुए रवि प्रकाश ने बताया कि उनके पिता स्वर्गीय राम चन्द्रा सिंह आंध्रप्रदेश के एक सीमेंट के कारखाने में कार्य करते थे। जहाँ माता पिता के साथ रह कर रवि पढ़ाई करते थे। लेकिन आर्थिक हालात खराब होने की वजह से रवि को दोबारा अपने गांव जो कैमूर जिला के मोहनिया प्रखंड में है वहाँ आना पड़ा और क्लास 5 से 12 तक कि पढ़ाई रवि ने अपने गांव में किया है। रवि को शुरू से ही फाइन आर्ट्स में दिलचस्पी थी। रवि ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से फाइन आर्ट में स्नातक गोल्ड मेडल और जामिया इस्लामिया दिल्ली से स्नाकोत्तर गोल्ड मेडल किया है। रवि की मेहनत का नतीजा ही था कि वो स्नातक और स्नाकोत्तर में गोल्ड मेडलिस्ट थे। आर्थिक तंगी के बावजूद उनके पिता ने रात दिन सहयोग किया और आज पूरे देश को रवि पर गर्व है।









Conclusion:आपको बतादें की जापान और चीन में रवि प्रकाश अपनी टीम अभ्युदय का नेतृत्व करते है। बिहार का यह लाल टीम लीडर है।
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