कैमूर: बिहार के कैमूर में नाबालिग के साथ गैंगरेप के दो साल पुराने मामले में भभुआ व्यवहार न्यायालय ने 20 साल की सजा सुनाई है. भभुआ कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एडीजे-6 आशुतोष कुमार उपाध्याय की अदालत ने चांद थाना के एक गांव में हुई घटना को अंजाम देने वाले दोनों आरोपियों को 20 वर्ष के सश्रम कारावास के साथ ही 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर छह महीने की अतिरिक्त जेल होगी. इस फैसले पर पीड़ित परिवार ने संतोष जाहिर किया है. हालांकि बचाव पक्ष ने इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने की बात कही है.
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"एडीजे-6 आशुतोष कुमार उपाध्याय की अदालत ने कैमूर जिले के चांद थाना क्षेत्र के इस मामले में दोनों आरोपियों को गैंग रेप समेत अन्य धाराओं में दोषी ठहराया है. दोनों को 20 साल की सजा और 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड नहीं देने पर 6 महीने और अधिक जेल में रहना होगा"- शशि भूषण पांडेय, विशेष लोक अभियोजक
बचाव पक्ष ने क्या कहा?: वहीं, बचाव पक्ष के वकील प्रदीप कुमार सिंह ने फैसले पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि वह इस सजा के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने कहा कि जमीन विवाद में दोनों युवकों को फंसाया गया है.
क्या है मामला?: ये घटना 25 अगस्त 2020 की है. लड़की सुबह अपने माता-पिता और भाई को खेत में खाना देने जा रही थी, तभी रास्ते में दोनों आरोपी नाबालिग को खींचकर झाड़ियों में ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. घटना को अंजाम देने के बाद पीड़िता को धमकाया भी गया.