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कैमूर: तेल्हाड़ा कुण्ड की खाई में है बाबा विकटनाथ धाम, दर्शन से मिलेंगे ये लाभ

बाबा भोलेनाथ का यह मंदिर जिले के अधौरा थानाक्षेत्र का प्रसिद्ध और खूबसूरत पिकनिक स्पॉट तेल्हाड़ कुंड झरना के पास स्थित है. जो प्राकृतिक खूबसूरती से परिपूर्ण है.

400 फीट नीचे स्थित है बाबा धाम
400 फीट नीचे स्थित है बाबा धाम
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Published : Jan 31, 2020, 7:29 AM IST

Updated : Jan 31, 2020, 8:15 AM IST

कैमूर: जिले के अधौरा प्रखंड के तेल्हाड़ा कुण्ड की खाई में करीब 400 फीट नीचे बाबा भोलेनाथ विराजमान हैं. यहां मकरसंक्रांति, सरस्वती पूजा और महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इकट्ठा होती है. दूर दूरे से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. गुफा में मौजूद यह मंदिर बाबा विकटनाथ के नाम से मशहूर है.

अंधेरी गुफा में स्थित है शिव मंदिर
स्थानीय लोगों की ओर से मकर संक्रांति, सरस्वती पूजा और महाशिवरात्रि, नवरात्री के मौके पर पहाड़ से 400 फीट नीचे खाई में स्थित शिव मंदिर के पास मेला लगाया जाता है. यहां लोग 2 फीट चौड़ी और करीब 50 फीट लंबी अंधेरी गुफा में स्थित शिव मंदिर पहुंचकर शिवलिंग का दर्शन करते हैं. साल में तीन दिन विशेष मेला लगाया जाता है. बाबा भोलेनाथ का यह मंदिर जिले के अधौरा थानाक्षेत्र का प्रसिद्ध और खूबसूरत पिकनिक स्पॉट तेल्हाड़ कुंड झरना के पास स्थित है. जो प्राकृतिक खूबसूरती से परिपूर्ण है.

खाई में 400 फीट नीचे है बाबा धाम

क्या है मंदिर की मान्यता
स्थानीय लोगों ने मंदिर के बारे में बताया कि बहुत पहले शिकारी जानवर का शिकार करते-करते गुफा में पहुंचे. जहां उन्हे यह अद्भुत शिवलिंग दिखा. तब से यहां साधु महात्मा आने लगे और तप करने लगे. इसके बाद यह मंदिर प्रचलित हो गया. मंदिर के पुजारी भगवानपुर थानाक्षेत्र के मोहनपुर निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू ने बताया कि यहां सन 2011 से ही मेला लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस शिव मंदिर के पास करीब 10 सालों से मेला लगाया जा रहा है. जहां स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूसरे इलाके के लोग भी पहुंचते हैं.

telhada kund
श्रद्दालु

कैमूर: जिले के अधौरा प्रखंड के तेल्हाड़ा कुण्ड की खाई में करीब 400 फीट नीचे बाबा भोलेनाथ विराजमान हैं. यहां मकरसंक्रांति, सरस्वती पूजा और महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इकट्ठा होती है. दूर दूरे से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. गुफा में मौजूद यह मंदिर बाबा विकटनाथ के नाम से मशहूर है.

अंधेरी गुफा में स्थित है शिव मंदिर
स्थानीय लोगों की ओर से मकर संक्रांति, सरस्वती पूजा और महाशिवरात्रि, नवरात्री के मौके पर पहाड़ से 400 फीट नीचे खाई में स्थित शिव मंदिर के पास मेला लगाया जाता है. यहां लोग 2 फीट चौड़ी और करीब 50 फीट लंबी अंधेरी गुफा में स्थित शिव मंदिर पहुंचकर शिवलिंग का दर्शन करते हैं. साल में तीन दिन विशेष मेला लगाया जाता है. बाबा भोलेनाथ का यह मंदिर जिले के अधौरा थानाक्षेत्र का प्रसिद्ध और खूबसूरत पिकनिक स्पॉट तेल्हाड़ कुंड झरना के पास स्थित है. जो प्राकृतिक खूबसूरती से परिपूर्ण है.

खाई में 400 फीट नीचे है बाबा धाम

क्या है मंदिर की मान्यता
स्थानीय लोगों ने मंदिर के बारे में बताया कि बहुत पहले शिकारी जानवर का शिकार करते-करते गुफा में पहुंचे. जहां उन्हे यह अद्भुत शिवलिंग दिखा. तब से यहां साधु महात्मा आने लगे और तप करने लगे. इसके बाद यह मंदिर प्रचलित हो गया. मंदिर के पुजारी भगवानपुर थानाक्षेत्र के मोहनपुर निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू ने बताया कि यहां सन 2011 से ही मेला लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस शिव मंदिर के पास करीब 10 सालों से मेला लगाया जा रहा है. जहां स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूसरे इलाके के लोग भी पहुंचते हैं.

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श्रद्दालु
Intro:पाताल में लगता हैं मेला, बाबा भोलेनाथ हैं मौजूद

कैमूर।

जिले के अधौरा प्रखंड के तेल्हाड़ा कुण्ड की खाई में करीब 400 फीट नीचे बाबा भोलेनाथ विराजमान हैं। यहाँ मकर्शनक्रांति, सरस्वती पूजा और महाशिवरात्रि के दिन भक्तों का हुजूम दर्शन के लिए आते हैं। Body:



स्थानीय लोग पहाड़ से करीब 400 फीट नीचे उतरते हैं और फिर 50 फिट लंबी और 2 फिट चौड़ी गुफा में रेंगते हुए शिव मंदिर में मत्था टेकने पहुँचते हैं।



प्राकृतिक खूबसूरती मनोरम दृश्य और गुफा में मौजूद बाबा विकटनाथ के नाम से मशहूर हैं।


स्थानीय लोगो द्वारा मकर संक्रांति, सरस्वती पूजा और महाशिवरात्रि, नवरात्री के मौके पर पहाड़ से 400 फीट नीचे खाई में स्थित शिव मंदिर के पास मेला लगाया जाता हैं। जहां लोग सिर्फ 2 फिट चौड़ी और करीब 50 फिट लंबी अंधेरी गुफा में स्थित शिव मंदिर पहुँचकर शिवलिंग का दर्शन पूजन करतें हैं।

साल में तीन दिन विशेष मेला लगाया जाता है जहां आसपास के लोग जुटकर प्राकृतिक सौंदर्य और मनोरम दृश्य के बीच चाट, पकोड़े, फल का आनंद लेते है। वहीं बच्चे खिलौने खरीदते है।
इसके साथ झरने और उसके नदी में स्नान भी करते हैं काफी संख्या में बच्चे बूढ़े महिलाएं पहुंचती है।



बाबा भोलेनाथ का यह मंदिर जिले के अधौरा थानाक्षेत्र का प्रसिद्ध और खूबसूरत पिकनिक स्पॉट तेल्हाड़ कुंड झरना के पास स्थित हैं। जो प्राकृतिक खूबसूरती से परिपूर्ण है।

तेल्हाड़ा कुण्ड के झरना के पास से करीब 400 फीट नीचे कुछ दूरी पर स्थित एक गुफा में शिव मंदिर हैं। जिसे लोग विकटनाथ मंदिर कहते हैं।

स्थानीय लोग काफी संख्या में पहुँच कर दर्शन और पूजा पाठ करते हैं। जिसमे काफी संख्या में महिलाएं बच्चे पहुँचते, शिव मंदिर में पहुंचने के लिए लोग पहाड़ से करीब 400 फीट नीचे उतरते है, जहां पहुंचने के बाद गुफा में जाने का काफी संकीर्ण रास्ता है जो करीब 2 फिट चौड़ा है जिसमे लोग घुटनों के बल और लेट कर प्रवेश करते हैं। पहुंचने के लिए पत्थरों पर लाल निशान लगाया गया, रास्ता काफी दुर्गम है।

यहाँ पहुँचने का तीन रास्ता बताया जाता है पहला तेल्हाड़ा कुण्ड के पास से उतरने के लिए संकीर्ण घाटी का रास्ता है वहीँ दूसरा करार गाँव के पास से और तीसरा मंदिर के उत्तर से उतरने और चढ़ने के रास्ता है।

बताया जाता है कि इस शिव मंदिर के पास करीब 10 सालों से मेला लगाया जाता है। जहां स्थानीय लोगों के साथ साथ बाहरी लोग पहुँचते हैं।



क्या हैं मंदिर की मान्यता

स्थानीय लोग मंदिर के बारे में बताते हैं कि बहुत पहले शिकारी जानवर का शिकार करते करते गुफा में पहुँचे जहाँ शिवलिंग के जैसा देखने को मिला तब से यहां साधु महात्मा आए और तप किए। वहीँ कुछ लोग कहते हैं कि साधु महात्मा कई वर्षों तक यहां पेड़ की पत्तियां और अन्य सामग्री खाकर तप किए । जिसके बाद यह साधु महात्मा आकर सिद्धि करने लगे।

Conclusion:मंदिर के पुजारी भगवानपुर थानाक्षेत्र के मोहनपुर निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू ने बताया कि यहाँ सन 2011 से ही मेला लगाया जा रहा है। भगवान शिव का यह मंदिर कुछ लोग मिलकर जीर्णोद्धार किए हैं।
Last Updated : Jan 31, 2020, 8:15 AM IST
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