हैदराबाद: 2024 मध्य पूर्व के लिए काफी अहम रहा. इस दौरान यहां बड़े पैमाने पर संघर्ष देखने को मिला. 2023 में शुरु हुआ गाजा युद्ध इस साल भी जारी रहा, जिसमें इज़राइल ने हमास के अधिकांश नेतृत्व को खत्म कर दिया, लेकिन इसके लिए उसे आर्थिक, सैन्य और मानवीय कीमत चुकानी पड़ी.
इस साल अक्टूबर की शुरुआत में तेहरान के इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइल हमले, ईरानी सैन्य बुनियादी ढांचे के खिलाफ जवाबी कार्रवाई, और दक्षिणी लेबनान पर इजराइल का आक्रमण और हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले ने चिंताएं बढ़ाईं. इस बीच सीरिया में असद अल बशर को सत्ता से हाथ भी धोना पड़ा.तो चलिए अब आपको इस साल सीरिया, इजराइल, हमास, हौथी और हिजबुल्लाह के बीच हुए संघर्ष से जुड़े अहम घटनाओं को बताते हैं.
सालेह अल-अरौरी की हत्या
इस साल इजराइल ने बेरूत में हमास के उप नेता सालेह अल-अरौरी की हत्या कर दी. 7 अक्टूबर के हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक सालेह की हत्या ने इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव को और बढ़ा दिया . इस के बाद हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह ने इजराइल के खिलाफ प्रतिशोध की कसम खाई.
हौथी के ठिकानों पर हमले
11 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय भागीदारों द्वारा समर्थित अमेरिकी सेना ने यमन में हौथी ठिकानों पर सीमित हमले किए, जिनमें मिसाइल और ड्रोन स्टोर साइट, प्रोडक्शन फैसेलिटीज और लॉन्च प्लेटफॉर्म शामिल हैं. ये हमले इजरायल की ओर जाने वाले या वहां से आने वाले जहाजों पर हौथी हमलों के बाद किए गए, क्योंकि हौथियों ने गाजा युद्ध के फैलने के बाद से हमास के साथ एकजुटता का संकल्प लिया.
नेतन्याहू ने राफा पर हमले की योजना की घोषणा की
9 फरवरी को इजराइल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पट्टी के दक्षिण में बचे हुए हमास के गढ़ों में एक योजनाबद्ध जमीनी हमले की घोषणा की, जिससे अंतरराष्ट्रीय मंच और मिस्र की सरकार दोनों के अंदर खतरे की घंटी बज गई. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी, जो सिनाई में फिलिस्तीनियों के बड़े पैमाने पर आने का विरोध करते हैं. उन्होंने गाजा में बिगड़ते मानवीय संकट के बावजूद, मिस्र में फिलिस्तीनी शरणार्थियों को फिर से बसाने पर अपनी आपत्तियों पर बार-बार जोर दिया.
इजराइल में विरोध प्रदर्शन
24 फरवरी की शाम को, गाजा में युद्ध को समाप्त करने और बंधकों की रिहाई की मांग कर रहे तेल अवीव में हजारों प्रदर्शनकारियों पर इजराइली सुरक्षा बलों ने पानी की बौछारें कीं, उन्हें हिरासत में लिया और हिंसा की.
गाजा में इजराइली हमले में सात सहायता कर्मियों की मौत
1 अप्रैल को गाजा में इजराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) के हमले में वर्ल्ड सेंट्रल किचन द्वारा चलाए जा रहे सहायता काफिले के सात सदस्यों की मौत हो गई, यह एक मानवीय संगठन है, जो संघर्ष से प्रभावित नागरिकों को सहायता पहुंचाने के लिए गाजा में काम करता है. सहायता कर्मियों की मौतों ने वैश्विक आक्रोश और दुनिया भर की सरकारों की निंदा को जन्म दिया, जिससे गाजा पट्टी में सहायता पहुंचाने की कठिनाई का पता चला.
ईरान ने 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलों से इजराइल पर हमला किया
14 अप्रैल को सीरिया में ईरानी दूतावास में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर मोहम्मद रेजा जाहेदी की हत्या के जवाब में ईरान ने इजराइल पर बड़े पैमाने पर और अभूतपूर्व ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया, जो दशकों में दोनों देशों के बीच सबसे खतरनाक वृद्धि और ईरान द्वारा इजराइल पर पहला सीधा हमला था.
इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत
मई में ईरानी वायु सेना का एक हेलीकॉप्टर अजरबैजान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई, जिसमें ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उनके विदेश मंत्री भी शामिल थे. रईसी की मौत ने दुर्घटना के तुरंत बाद शासन के भीतर अंदरूनी कलह पैदा कर दी होगी, लेकिन इसने इस्लामिक गणराज्य की नीतियों में कोई खास बदलाव नहीं आया, क्योंकि देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने शासन की विदेश नीति, परमाणु महत्वाकांक्षाओं और आंतरिक दमन पर कड़ा नियंत्रण बनाए रखा है.
नेतन्याहू पर ICC पर प्रतिबंध लगाने का अमेरिका ने किया विरोध
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के अभियोक्ता द्वारा गाजा पट्टी में युद्ध अपराधों और मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट दायर करने के निर्णय के बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिनिधि सभा ने ICC पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून पारित किया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने इन प्रतिबंधों का विरोध भी किया.
फुआद शुक्र की हत्या
30 जुलाई को इजराइल ने बेरूत में हिजबुल्लाह के सैन्य कमांडर फुआद शुक्र की हत्या कर दी. हमले का स्थान, इसकी टाइमिंग और हिजबुल्लाह शुक्र की अहमियत के कारण समूह को जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा और 25 अगस्त को हिजबुल्लाह ने फुआद शुक्र की हत्या के बाद जवाबी हमला किया, जिसमें इजराइल की ओर 300 रॉकेट दागे गए.
तेहरान में इस्माइल हानिया की हत्या
एक हवाई हमले में तेहरान में हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया की मौत हो गई. इस घटना के एक दिन पहले ही बेरूत में रॉकेट हमले में हिजबुल्लाह कमांडर फुआद शुकुर की मौत हो गई थी. कथित तौर पर इजरायल ने दोनों हमले किए थे.
पेजर हमला
17 सितंबर को हिजबुल्लाह लड़ाकों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले पेजर्स में अचानक से विस्फोट हो गया था. इसमें हिजबुल्ला के 3000 से ज्यादा लड़ाके घायल हो गए थे और कई की मौत भी हो गई थी. इन विस्फोटकों के बाद पूरी दुनिया हैरान रह गई थी. हमले के कुछ दिन बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला इजराइल ने ही करवाया था.
नसरल्लाह की हत्या
सितंबर के अंत में इजराइल ने बेरूत के उपनगरीय इलाकों में एक बड़ा हमला किया. अगले दिन तक, दुनिया को पता चल गया था कि हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह की हत्या कर दी गई है. वह लंबे समय से हिजबुल्लाह का नेतृत्व कर रहा था.
इजराइल ने दक्षिणी लेबनान पर आक्रमण किया
1 अक्टूबर को मध्य पूर्व में युद्ध का विस्तार हुआ. इजराइली सैनिकों ने हिजबुल्लाह के सैन्य ढांचे को खोजने और नष्ट करने के लिए लेबनान में प्रवेश किया. यह कदम 27 सितंबर को इजरायल द्वारा हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या के कुछ ही दिनों बाद उठाया गया.
याह्या सिनवार मारा गया
हमास नेता याह्या सिनवार को 7 अक्टूबर के हमलों की योजना बनाने का श्रेय दिया जाता है, उसे 16 अक्टूबर को राफा में इजराइल रक्षा बल की 828वीं बिस्लामाच ब्रिगेड ने मार गिराया. उनकी मृत्यु इजराइल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, जिसके राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास नेतृत्व को खत्म करने के महत्व पर जोर दिया.
लेबनान-इजराइल युद्ध विराम की घोषणा
27 नवंबर को एक युद्ध विराम लागू हुआ, जिसने 7 अक्टूबर, 2023 के हमले के कारण हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच तेरह महीने से चल रहे संघर्ष को समाप्त कर दिया. इसके लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस ने मध्यस्थता की और तेरह-सूत्री युद्ध विराम योजना में लेबनानी सशस्त्र बलों (LAF) को दक्षिणी सीमा जिले में तैनात करने और IDF को साठ दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से वापस जाने का आह्वान किया गया है.
सीरिया में विद्रोहियों ने असद शासन को उखाड़ फेंका
सीरियाई विद्रोही समूहों ने देश भर में 10 दिनों तक हमला करने के बाद राजधानी पर नियंत्रण कर लिया. रूसी अधिकारियों के अनुसार, तानाशाह बशर अल-असद ने सत्ता त्याग दी और सीरिया से भाग गए. हमले का नेतृत्व करने वाले विपक्षी गुटों में प्रमुख है हयात तहरीर अल-शाम (HTS), जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है, जिसका नेतृत्व अहमद अल-शरा कर रहा है, जो अल-कायदा और ISIS के साथ पूर्व संबंध रखने वाला एक सीरियाई क्रांतिकारी आतंकवादी है.