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कैमूरः एंट्री माफिया गिरोह ने की NH2 पर तैनात मजिस्ट्रेट को अगवा करने की कोशिश

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Published : Sep 22, 2020, 2:17 PM IST

घटना के बाद शैलेन्द्र शर्मा ने एक आवेदन मोहनिया थाना में दिया है. लेकिन कार्रवाई फिलहाल शून्य है. अब इस मामले में कोई भी आलाधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं है.

शैलेन्द्र शर्मा
शैलेन्द्र शर्मा

कैमूर (भभुआ): जिला में ओवरलोडेड बालू ट्रकों की अवैध आवाजाही से जहां जिला प्रशासन की किरकिरी हो रही है, तो वहीं एंट्री माफियाओं से पूरा सिस्टम त्रस्त नजर आ रहा है. कैमूर डीएम ने एनएच 2 पर ओवर लोडेड बालू ट्रक को रोकने के लिए मजिट्रेट की तैनाती की है. लेकिन एंट्री माफिया गिरोह ने मजिस्ट्रेट शैलेन्द्र शर्मा को ही अगवा करने की कोशिश की.

कोई आलाधिकारी बोलने को तैयार नहीं
जिला में एंट्री माफिया के इस अवैध सिस्टम को कैसे ठीक किया जाए ये एक बड़ा सवाल बना हुआ है. हालांकि इस सिस्टम को ठीक करने को लेकर कोई आलाधिकारी बोलने को तैयार नहीं है. हालांकि कैमूर डीएम एनएच 2 पर ओवर लोडेड बालू ट्रक को रोकने के लिए मजिट्रेट की तैनाती की है. जहां 24 घण्टे कई मजिस्ट्रेट तैनात रहते हैं.

बालू से ओवरलोडेड ट्रक
बालू से ओवरलोडेड ट्रक

एंट्री माफिया पर नकेल कसने की होती है कोशिश
ये मजिस्ट्रेट ओवरलोडेड बालू के ट्रकों की आवाजाही पर नजर रखते हैं और एंट्री माफिया पर नकेल कसने की कोशिश करते हैं. इसी क्रम में 10 सितंबर की रात दो स्कार्पियो पर सवार आधा दर्जन से ज्यादा एंट्री माफिया सामेकित चेपोस्ट पहुंचे. इस गिरोह ने जबरदस्ती एक मजिस्ट्रेट को अपनी गाड़ी में बैठाकर अपहरण करने का प्रयास करने लगे.

माफियाओं को देखकर छुप गए शैलेन्द्र शर्मा
इस दौरान जब एंट्री माफिया गिरोह ने मजिस्ट्रेट का आई कार्ड चेक किया तो पता चला कि ये कोई और मजिस्ट्रेट है. फिर माफियाओं ने कहा कि तुम तो दूसरे हो, हमलोग शैलेन्द्र शर्मा के लिए आए थे. अब एंट्री माफिया शैलेन्द्र शर्मा को पकड़ने के लिए पूछताछ करने लग गए. लेकिन वह नहीं मिले. एंट्री माफियाओं को देख शर्मा जी इधर उधर छुप गए.

जानकारी देते मजिस्ट्रेट शैलेन्द्र शर्मा व अन्य

'मजिस्ट्रेट को जरूर मिलेगा न्याय'
इस घटना के बाद शैलेन्द्र शर्मा ने एक आवेदन मोहनिया थाना में दिया है. लेकिन कार्रवाई फिलहाल शून्य है. अब इस मामले में कोई भी आलाधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं है. इस मामले में एमएलसी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि अगर ऐसा मामला है तो पुलिस जरूर जांच कर मजिस्ट्रेट को न्याय दिलाएगी.

अब यह देखना है कि एंट्री माफिया में कौन कौन शामिल हैं और किसको पुलिस दबोच रही है. क्योंकि एंट्री माफियाओं ने अधिकारी को अगवा करने की जो कोशिश की है, वह प्रशासन के ऊपर कई सवाल खड़े कर रही है.

कैमूर (भभुआ): जिला में ओवरलोडेड बालू ट्रकों की अवैध आवाजाही से जहां जिला प्रशासन की किरकिरी हो रही है, तो वहीं एंट्री माफियाओं से पूरा सिस्टम त्रस्त नजर आ रहा है. कैमूर डीएम ने एनएच 2 पर ओवर लोडेड बालू ट्रक को रोकने के लिए मजिट्रेट की तैनाती की है. लेकिन एंट्री माफिया गिरोह ने मजिस्ट्रेट शैलेन्द्र शर्मा को ही अगवा करने की कोशिश की.

कोई आलाधिकारी बोलने को तैयार नहीं
जिला में एंट्री माफिया के इस अवैध सिस्टम को कैसे ठीक किया जाए ये एक बड़ा सवाल बना हुआ है. हालांकि इस सिस्टम को ठीक करने को लेकर कोई आलाधिकारी बोलने को तैयार नहीं है. हालांकि कैमूर डीएम एनएच 2 पर ओवर लोडेड बालू ट्रक को रोकने के लिए मजिट्रेट की तैनाती की है. जहां 24 घण्टे कई मजिस्ट्रेट तैनात रहते हैं.

बालू से ओवरलोडेड ट्रक
बालू से ओवरलोडेड ट्रक

एंट्री माफिया पर नकेल कसने की होती है कोशिश
ये मजिस्ट्रेट ओवरलोडेड बालू के ट्रकों की आवाजाही पर नजर रखते हैं और एंट्री माफिया पर नकेल कसने की कोशिश करते हैं. इसी क्रम में 10 सितंबर की रात दो स्कार्पियो पर सवार आधा दर्जन से ज्यादा एंट्री माफिया सामेकित चेपोस्ट पहुंचे. इस गिरोह ने जबरदस्ती एक मजिस्ट्रेट को अपनी गाड़ी में बैठाकर अपहरण करने का प्रयास करने लगे.

माफियाओं को देखकर छुप गए शैलेन्द्र शर्मा
इस दौरान जब एंट्री माफिया गिरोह ने मजिस्ट्रेट का आई कार्ड चेक किया तो पता चला कि ये कोई और मजिस्ट्रेट है. फिर माफियाओं ने कहा कि तुम तो दूसरे हो, हमलोग शैलेन्द्र शर्मा के लिए आए थे. अब एंट्री माफिया शैलेन्द्र शर्मा को पकड़ने के लिए पूछताछ करने लग गए. लेकिन वह नहीं मिले. एंट्री माफियाओं को देख शर्मा जी इधर उधर छुप गए.

जानकारी देते मजिस्ट्रेट शैलेन्द्र शर्मा व अन्य

'मजिस्ट्रेट को जरूर मिलेगा न्याय'
इस घटना के बाद शैलेन्द्र शर्मा ने एक आवेदन मोहनिया थाना में दिया है. लेकिन कार्रवाई फिलहाल शून्य है. अब इस मामले में कोई भी आलाधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं है. इस मामले में एमएलसी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि अगर ऐसा मामला है तो पुलिस जरूर जांच कर मजिस्ट्रेट को न्याय दिलाएगी.

अब यह देखना है कि एंट्री माफिया में कौन कौन शामिल हैं और किसको पुलिस दबोच रही है. क्योंकि एंट्री माफियाओं ने अधिकारी को अगवा करने की जो कोशिश की है, वह प्रशासन के ऊपर कई सवाल खड़े कर रही है.

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