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कैमूर: उफान पर गोढीया नदी, 70 से अधिक गांव प्रभावित

रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत कलानी मुख्य मार्ग करीब 70 गांव को जोड़ता है. बरसात के कारण गोढीया नदी में उफान से यह मुख्य मार्ग जलमग्न हो गया है. इस समस्या के बारे में ग्रामीणों ने प्रशासन और स्थानीय नेताओं से कई बार गुहार लगाई है. लेकिन आज तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है.

कैमूर
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Published : Jul 13, 2020, 8:27 PM IST

कैमूर: जिले के रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत कलानी मुख्य मार्ग पर स्थानीय गोढीया नदी उफान पर है. जिससे सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गया है. वहीं, कलानी मुख्य मार्ग पर करीब एक फीट से अधिक पानी की तेज धार से सड़क भी जलमग्न है. दरअसल, रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत मुखराव सड़क स्थित कलानी मुख्य मार्ग का यह हाल हर साल बरसात के दिनों में हो जाता है. स्थानीय लोगों ने कई दफा नेता और प्रशासन से गुहार लगाई है. बावजूद इसके अब तक कुछ नहीं हो सका है.

प्रशासन और नेताओं से लगाई गुहार
कलानी गांव निवासी कुंदन यादव ने बताया कि कलानी मुख्य मार्ग करीब 70 गांवों को जोड़ता है. बरसात के कारण गोढीया नदी में उफान से यह मुख्य मार्ग जलमग्न हो गया है. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने प्रशासन और स्थानीय नेताओं से कई बार गुहार लगाई है. लेकिन आज तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है. उन्होंने बताया कि यह सड़क रामगढ़ (कैमूर) रोहतास जिले से सीधा जुड़ा हुआ है.

देखें पूरी रिपोर्ट

फसल बर्बाद होने का लगा रहता है डर
ठाकुरा गांव निवासी अर्जुन गुरुदेव ने बताया कि हल्की बारिश के बाद भी मुख्य सड़क पर पानी का बहाव शुरू हो जाता है. कृषि प्रधान क्षेत्र होने के बावजूद सरकारी सुविधा नहीं होने के कारण सैकड़ों एकड़ जमीन में लगा फसल बर्बाद होने का डर रहता है. लेकिन न तो प्रशासन के स्तर से कुछ किया जाता है न ही सरकार इस पर ध्यान देती है. जबकि इस नदी से हजारों की संख्या में कई गांव के लोग पीड़ित है.

kaimur
कलानी मुख्य मार्ग हुआ जलमग्न

किसी सरकार ने नहीं दिया ध्यान
ऐसे में बिहार में विकास का दावा करने वाली सुशासन की सरकार में किसान कितना खुशहाल होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. न तो 15 साल के नीतीश और ना ही 15 साल की लालू सरकार ने इस क्षेत्र पर ध्यान दिया है. जिसका खामियाजा एक दो नहीं बल्कि 70 गांव के ग्रामीणों को हर साल भुगतना पड़ता है.

कैमूर: जिले के रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत कलानी मुख्य मार्ग पर स्थानीय गोढीया नदी उफान पर है. जिससे सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गया है. वहीं, कलानी मुख्य मार्ग पर करीब एक फीट से अधिक पानी की तेज धार से सड़क भी जलमग्न है. दरअसल, रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत मुखराव सड़क स्थित कलानी मुख्य मार्ग का यह हाल हर साल बरसात के दिनों में हो जाता है. स्थानीय लोगों ने कई दफा नेता और प्रशासन से गुहार लगाई है. बावजूद इसके अब तक कुछ नहीं हो सका है.

प्रशासन और नेताओं से लगाई गुहार
कलानी गांव निवासी कुंदन यादव ने बताया कि कलानी मुख्य मार्ग करीब 70 गांवों को जोड़ता है. बरसात के कारण गोढीया नदी में उफान से यह मुख्य मार्ग जलमग्न हो गया है. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने प्रशासन और स्थानीय नेताओं से कई बार गुहार लगाई है. लेकिन आज तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है. उन्होंने बताया कि यह सड़क रामगढ़ (कैमूर) रोहतास जिले से सीधा जुड़ा हुआ है.

देखें पूरी रिपोर्ट

फसल बर्बाद होने का लगा रहता है डर
ठाकुरा गांव निवासी अर्जुन गुरुदेव ने बताया कि हल्की बारिश के बाद भी मुख्य सड़क पर पानी का बहाव शुरू हो जाता है. कृषि प्रधान क्षेत्र होने के बावजूद सरकारी सुविधा नहीं होने के कारण सैकड़ों एकड़ जमीन में लगा फसल बर्बाद होने का डर रहता है. लेकिन न तो प्रशासन के स्तर से कुछ किया जाता है न ही सरकार इस पर ध्यान देती है. जबकि इस नदी से हजारों की संख्या में कई गांव के लोग पीड़ित है.

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कलानी मुख्य मार्ग हुआ जलमग्न

किसी सरकार ने नहीं दिया ध्यान
ऐसे में बिहार में विकास का दावा करने वाली सुशासन की सरकार में किसान कितना खुशहाल होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. न तो 15 साल के नीतीश और ना ही 15 साल की लालू सरकार ने इस क्षेत्र पर ध्यान दिया है. जिसका खामियाजा एक दो नहीं बल्कि 70 गांव के ग्रामीणों को हर साल भुगतना पड़ता है.

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