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जहानाबाद: बारिश और ओलावृष्टी की वजह से मसूर की फसल बर्बाद, किसान परेशान

कृषि अधिकारी ने बताया कि खेतों में लगी फसल अगर 33 प्रतिशत खराब होती है. तो मुआवजा का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि 3 मार्च को कुछ इलाकों में सर्वे करवाया गया था. लेकिन सर्वे के बाद बारिश से कई एकड़ फसल जल गई है.

मसूर की फसल बर्बाद
मसूर की फसल बर्बाद
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Published : Mar 13, 2020, 10:42 AM IST

जहानाबाद: जिले के कल्पा और सिकरिया इलाके में सैकड़ों एकड़ में लगी मसूर की फसल असमय बारिश और ओलावृष्टि की वजह से सूख गई. जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ. कल्पा इलाके का मछला बधार तकरीबन 500 एकड़ में फैले इस बधार में सिर्फ मसूर की फसल होती है. लेकिन इस बार बारिश और ओलावृष्टि की वजह से फसल बर्बाद हो गई. किसानों ने बताया कि कामदेव, बीघा और गोना सहित कई गांव में किसानों को नुकसान हुआ है.

बारिश और ओलावृष्टी की वजह से फसल बर्बाद
बता दें कि किसानों ने फसल जलने की समस्या और किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर डीएम से मांग की थी. लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही से अब तक न तो खेतों में खराब हुई फसलों का निरीक्षण किया गया. न ही अधिकारियों के पास किसानों की समस्या को लेकर रिपोर्ट भेजी गई है. वहीं, इन किसानों का कहना है कि अगर हम लोगों को 8 दिन के अंदर मुआवजा नहीं मिला तो हम लोग डीएम कार्यालय का घेराव करेंगे.

बारिश और ओलावृष्टी की वजह से फसल बर्बाद

871 एकड़ में लगी फसल के खराब होने की मिली रिपोर्ट
वहीं, इस मामले में सुनील कुमार कृषि अधिकारी ने बताया कि खेतों में लगी फसल अगर 33 प्रतिशत खराब होती है. तो मुआवजा का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि 3 मार्च को कुछ इलाकों में सर्वे करवाया गया था. लेकिन सर्वे के बाद बारिश से और भी कई एकड़ फसल जल गई है. उन्होंने बताया कि 871 एकड़ में लगी फसल के खराब होने की रिपोर्ट मिली है. जिसे बहुत जल्द बड़े अधिकारी को भेज दिया जाएगा ताकि पीड़ित किसानों को मुआवजा मिल सके. बता दें कि बधार में किसान खासकर मसूर की खेती करते हैं. लेकिन मौसम के बदलाव की वजह से किसानों के सामने रोजी-रोटी की समस्या होने लगी है.

जहानाबाद: जिले के कल्पा और सिकरिया इलाके में सैकड़ों एकड़ में लगी मसूर की फसल असमय बारिश और ओलावृष्टि की वजह से सूख गई. जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ. कल्पा इलाके का मछला बधार तकरीबन 500 एकड़ में फैले इस बधार में सिर्फ मसूर की फसल होती है. लेकिन इस बार बारिश और ओलावृष्टि की वजह से फसल बर्बाद हो गई. किसानों ने बताया कि कामदेव, बीघा और गोना सहित कई गांव में किसानों को नुकसान हुआ है.

बारिश और ओलावृष्टी की वजह से फसल बर्बाद
बता दें कि किसानों ने फसल जलने की समस्या और किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर डीएम से मांग की थी. लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही से अब तक न तो खेतों में खराब हुई फसलों का निरीक्षण किया गया. न ही अधिकारियों के पास किसानों की समस्या को लेकर रिपोर्ट भेजी गई है. वहीं, इन किसानों का कहना है कि अगर हम लोगों को 8 दिन के अंदर मुआवजा नहीं मिला तो हम लोग डीएम कार्यालय का घेराव करेंगे.

बारिश और ओलावृष्टी की वजह से फसल बर्बाद

871 एकड़ में लगी फसल के खराब होने की मिली रिपोर्ट
वहीं, इस मामले में सुनील कुमार कृषि अधिकारी ने बताया कि खेतों में लगी फसल अगर 33 प्रतिशत खराब होती है. तो मुआवजा का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि 3 मार्च को कुछ इलाकों में सर्वे करवाया गया था. लेकिन सर्वे के बाद बारिश से और भी कई एकड़ फसल जल गई है. उन्होंने बताया कि 871 एकड़ में लगी फसल के खराब होने की रिपोर्ट मिली है. जिसे बहुत जल्द बड़े अधिकारी को भेज दिया जाएगा ताकि पीड़ित किसानों को मुआवजा मिल सके. बता दें कि बधार में किसान खासकर मसूर की खेती करते हैं. लेकिन मौसम के बदलाव की वजह से किसानों के सामने रोजी-रोटी की समस्या होने लगी है.

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