ETV Bharat / state

जहानाबाद ऑटो चालक का बेटा बना दरोगा, घर में खुशी, गांव में उत्साह

author img

By

Published : Jul 17, 2022, 5:33 PM IST

जहानाबाद में ऑटो चालक का बेटा दरोगा बन (Auto Driver Son Became A Police Officer In Jehanabad) गया. कहते हैं ना मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. कुछ ऐसा ही देखने को जहानाबाद में मिला है. दरोगा बने विवेक का कहना है कि जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है, कद आसमान का. पढ़ें पूरी खबर...

गरीबी में बेटे को पढ़ा-लिखा कर बनाया दारोगा
गरीबी में बेटे को पढ़ा-लिखा कर बनाया दारोगा

जहानाबाद: इंसान के इरादे और हौसले ही उसकी ताकत है. कुछ करने का जज्बा हो तो राह कांटों भरा ही क्यों ना हो, आसान हो जाती है. जहानाबाद जिले के नोआवा गांव (Noawa Village In Jehanabad) के ऑटो चालक का बेटे ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. अपनी लगन और अथक प्रयास के बूते वे बिहार पुलिस में दारोगा बन गए हैं. पिता करीब तीन दशक से ऑटो रिक्शा चला रहे हैं. कहते हैं कि वर्दी को जो सम्मान मिलता है, उतना किसी और पेशे में नहीं है. विवेक शर्मा ने दूसरी नौकरियों के लिए भी क्वालीफाई किया है. हालांकि अभी तक जॉइनिंग नहीं हुई है, लेकिन बिहार पुलिस में दारोगा (Inspector In Bihar Police) का रिजल्ट आने के बाद पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है.

ये भी पढ़ें- 2 बच्चे की मां अनीता बनी दारोगा, शादी के 14 साल बाद मिली सफलता

'हमारी परवरिश अच्छी हो इसके लिए पिता ने जी-जान से मेहनत की. बच्चों की खातिर उन्होंने जीवन में कई बलिदान किए. ऐसे में उनकी शुरुआत से ही यह ख्वाहिश थी कि कुछ ऐसा करूं जिससे हर कोई उनके पिता को सम्मान भरी नजरों से देखे. ऐसे में मैंने मेहनत जारी रखा और परिणाम सबके सामने है.' - विवेक शर्मा, नवनियुक्त दारोगा

ऑटो चालक का बेटा बना दारोगा : मां गृहणी हैं, बोलते-बोलते गला रुंध जाता है. लेकिन पिता कहते हैं कि बेटे ने उनका सिर फक्र से ऊंचा कर दिया है. वह अपने बेटे की सफलता पर गर्व महसूस करते हैं. सफलता हर किसी के जीवन का लक्ष्य है. जीवन चुनौतियों और अवसरों से भरा है. लेकिन केवल उन्हीं लोगों के लिए जो वास्तव में अवसरों को प्राप्त करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए संघर्ष करते हैं. कड़ी मेहनत और समर्पण सफलता की यात्रा का एकमात्र मंत्र है. उत्साह और कड़ी मेहनत के बिना कोई भी सफलता हासिल नहीं कर सकता. ऑटो चालक के बेटे विवेक ने यह करके दिखाया है.

जहानाबाद: इंसान के इरादे और हौसले ही उसकी ताकत है. कुछ करने का जज्बा हो तो राह कांटों भरा ही क्यों ना हो, आसान हो जाती है. जहानाबाद जिले के नोआवा गांव (Noawa Village In Jehanabad) के ऑटो चालक का बेटे ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. अपनी लगन और अथक प्रयास के बूते वे बिहार पुलिस में दारोगा बन गए हैं. पिता करीब तीन दशक से ऑटो रिक्शा चला रहे हैं. कहते हैं कि वर्दी को जो सम्मान मिलता है, उतना किसी और पेशे में नहीं है. विवेक शर्मा ने दूसरी नौकरियों के लिए भी क्वालीफाई किया है. हालांकि अभी तक जॉइनिंग नहीं हुई है, लेकिन बिहार पुलिस में दारोगा (Inspector In Bihar Police) का रिजल्ट आने के बाद पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है.

ये भी पढ़ें- 2 बच्चे की मां अनीता बनी दारोगा, शादी के 14 साल बाद मिली सफलता

'हमारी परवरिश अच्छी हो इसके लिए पिता ने जी-जान से मेहनत की. बच्चों की खातिर उन्होंने जीवन में कई बलिदान किए. ऐसे में उनकी शुरुआत से ही यह ख्वाहिश थी कि कुछ ऐसा करूं जिससे हर कोई उनके पिता को सम्मान भरी नजरों से देखे. ऐसे में मैंने मेहनत जारी रखा और परिणाम सबके सामने है.' - विवेक शर्मा, नवनियुक्त दारोगा

ऑटो चालक का बेटा बना दारोगा : मां गृहणी हैं, बोलते-बोलते गला रुंध जाता है. लेकिन पिता कहते हैं कि बेटे ने उनका सिर फक्र से ऊंचा कर दिया है. वह अपने बेटे की सफलता पर गर्व महसूस करते हैं. सफलता हर किसी के जीवन का लक्ष्य है. जीवन चुनौतियों और अवसरों से भरा है. लेकिन केवल उन्हीं लोगों के लिए जो वास्तव में अवसरों को प्राप्त करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए संघर्ष करते हैं. कड़ी मेहनत और समर्पण सफलता की यात्रा का एकमात्र मंत्र है. उत्साह और कड़ी मेहनत के बिना कोई भी सफलता हासिल नहीं कर सकता. ऑटो चालक के बेटे विवेक ने यह करके दिखाया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.