जमुई: जिले से दो कुख्यात अपराधियों को पुलिस की विशेष टीम ने गिरफ्तार किया. आतंक का पर्याय बन चुके इन अपराधियों को पुलिस साल 2003 से ही खोज रही थी. गिरफ्तार बमबम सिंह और गंगा सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने इनपर 50-50 हजार रुपए का इनाम घोषित करने के लिए मुख्यालय प्रस्ताव भी भेजा था.
गुप्त सूचना के आधार पर हुई कार्रवाई
इस मामले पर जमुई डीएसपी रामपुकार सिंह का कहना है कि जिला पुलिस कप्तान जे.रेड्डी के निर्देश पर पुलिस की विशेष टीम बनाकर इन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने अचानक छापा मारकर सदर थाना क्षेत्र के खैरमा के पास से दोनों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अपराधियों पर जमुई टाउन थाने में लगभग आधा दर्जन से भी अधीक संगीन मामले दर्ज हैं. गिरफ्तार दोनों अपराधी साल 2003 से ही फरार थे.
जातीय संघर्ष और आपसी गैंगवार पर लगेगा लगाम
बताया जाता है कि इन दोनों कुख्यातों की गिरफ्तारी से सदर थाना क्षेत्र के काकन गांव में सालों से चला आ रहा जातीय संघर्ष और आपसी गैंगवार की धटनाओं पर लगाम लगेगा. पुलिस का कहना है कि दो गुटों में आपसी वर्चस्व की लड़ाई के कारण क्षेत्र अशांत था. लेकिन अब इन दोनों गुटों के लगभग सभी मुख्य सरगना सलाखों के पीछे है.
16 सालों के बाद आया कानून के शिकंजे 'बमबम'
जानकारी के अनुसार कुख्यात अपराधी बमबम सिंह और गंगा सिंह मार्च 2003 में हत्या की एक वारदात को अंजाम देने के बाद से पुलिस के रडार पर था. गिरफ्तार अपराधियों ने काकन गांव और आसपास के गावों में आपसी वर्चस्व की लड़ाई में कई हत्या की घटनाओं को अंजाम दिया था. इनके भय से भयभीत होकर लोग पलायन को मजबूर थे.
'वीरप्पन' और 'बमबम' गुट में होता था संधर्ष
ग्रामीणों का कहना है कि दो आपराधिक गुटों के आपसी वर्चस्व की लड़ाई को इलाके के लोगों को भुगतना पड़ता था. एक गुट का नेतृत्व जहां 'बमबम' और उसके साथी गंगा सिंह कर रहे थे. वहीं, दूसरे गुट का नेतृत्व 'वीरप्पन' कर रहा था. वीरप्पन पहले से सलाखों के पीछे है. जबकि, 'बमबम' और उसके साथी जिला पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था.