जमुई: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बूढ़े मां-बाप की सेवा नहीं करने पर संतानों पर कानूनी कार्रवाई के लिए एक कानून बनाया था. सीएम ने कहा था कि आज के बदले सामाजिक परिवेश में अपने बच्चों को परवरिश देने वाले माता-पिता को सामाजिक के साथ-साथ कानूनी संरक्षण देना सरकार का भी कर्तव्य है. पूरे देश में बिहार संभवत: ऐसा पहला राज्य होगा, जहां ये कानून लागू किया जा रहा है. लेकिन विधानसभा में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व विधायक ओमीलाल आजाद अपने बेटों से जान बचाकर बेटियों के पास रहने को मजबूर हैं.
शारीरिक और मानसिक यातनाएं दे रहे हैं बच्चे!
ओमीलाल आजाद गिरीडीह के पूर्व विधायक हैं. उनके चार बेटे और चार बेटियां हैं. 2003 में उनकी पत्नी की मौत हो चुकी है. पूर्व विधायक अपने आठों बच्चों के बीच अपनी संपत्ति बराबर बांटना चाहते हैं. आरोप है कि इसके विरोध में उनके बेटे उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से यातनाएं दे रहे हैं.
'बेटियों को हक दिलाने की कोशिश'
पूर्व विधायक ने बताया कि बीते साल अक्टूबर में उनके बेटों ने उन्हें कमरे में बंद कर जमीन के कागज और अन्य सामान अपने कब्जे में ले लिया. सूचना मिलने पर पुलिस ने उन्हें मुक्त कराया. तभी से पूर्व विधायक अपनी बेटियों के पास रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज भी वो अपनी बेटियों को उनका हक दिलाने की कोशिश कर रहे हैं.