जमुई(झाझा): जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है, लेकिन जिले का रेफरल अस्पताल इसको लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है. अस्पताल में कोरोना की जांच करने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पीपीई किट को अस्पताल परिसर में खुले में फेंके जा रहे है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा और अधिक बढ़ गया है. ऐसे में अब स्थानीय लोग ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की है.
स्थानीय लोगों ने जताई आपत्ति
अस्पताल परिसर से सटे पीपराडीह मुहल्ले के लोगों ने अस्पताल आवासीय परिसर में पीपीई किट को खुले में पड़ा देख अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि कोरोना संक्रमित मरीजों का चेकअप करने के बाद डॉक्टर अपनी पीपीई किट कचड़े के डिब्बे में ना डालकर खुले मे फेंक रहे है. उन्होंने कहा कि इससे प्रखंड क्षेत्र में संक्रमण का खतरा और बढ़ जायेगा.
अस्पताल में आने वाले बच्चों में फैल सकता है संक्रमण
वहीं, स्थानीय लोगों ने बताया कि अस्पताल में दर्जनों लोग यहां आते हैं, जिनके साथ कई बार छोटे-छोटे बच्चे भी साथ में रहते है, अगर भूलवश कोई बच्चा उस पीपीई किट को हाथों से छू ले या फिर मुहल्ले के छोटे-छोटे बच्चे ही उठा ले तो बच्चे भी संक्रमित हो सकते है, इसलिये अस्पताल प्रशासन को चाहिये कि कोरोना जांच करने के बाद पीपीई किट को कचड़े के डिब्बे में रखे या फिर उसे विनष्टीकरण कर दे, ताकि पीपीई किट किसी के संपर्क में ना आ सके.
अस्पताल प्रबंधक की सफाई
इधर, अस्पताल के प्रबंधक गजेंद्र कुमार ने बताया कि प्रत्येक दिन अस्पताल में कोरोना की जांच होने के बाद पीपीई किट को सुरक्षित जगहों पर रख दिया जाता है, ताकि कोई उसे छू न सके और फिर भागलपुर से स्वास्थ्य विभाग के आने वाला वाहन उस पीपीई किट को उठाकर ले जाता है.