ETV Bharat / state

Jamui News: पुलिस ने बरामद की तेंदुए की खाल, तस्कर मौके से फरार - आनंदपुर गांव से तेंदुए का खाल मिला

जमुई पुलिस ने गश्ती के दौरान दो तस्करों से तेंदुए की खाल बरामद की है. वन्य प्राणी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस ने वन विभाग को भी सूचना दे दी है. मौके से दोनों तस्कर खाल छोड़कर फरार हो गए, जिनकी तलाश के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.

Jamui News
Jamui News
author img

By

Published : Apr 20, 2023, 12:23 PM IST

Updated : Apr 20, 2023, 1:32 PM IST

जमुई: जिले की पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तेंदुए की खाल बरामद की है. पुलिस को गश्ती के दौरान ये सफलता मिली है.मामला लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आनंदपुर गांव का है. छाल की बरामदगी के बाद टीम ने वन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी है. पुलिस के अनुसार बरामद तेंदुए के खाल की बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 10 लाख रूपये है.

पढ़ें- Valmiki Tiger Reserve: सफारी के दौरान रोमांच और डर से भर गए पर्यटक, जानें कारण

जमुई पुलिस ने तेंदुए की खाल किया बरामद: जानकारी के अनुसार आनंदपुर गांव के समीप तेंदुए की खाल मिलने के बाद पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है और मामले की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दे दी गई है. दरअसल जिले के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के आनंदपुर गांव में पुलिस गश्ती के लिए जा रही थी. इसी दौरान आनंदपुर की ओर से एक बाइक पर सवार दो व्यक्ति जा रहे थे. बाइक के बीच में बोरा रखा हुआ था. पुलिस को देखकर बोरा फेंक कर बाइक सवार भाग निकला.

मौके से भाग निकले तस्कर: बोरे की जांच के लिए पुलिस रुक गई और जब बोरे को खोला तो हैरान रह गई. इस बोरे में तेंदुआ की खाल थी. पुलिस ने छाल को जब्त कर लिया और थाने लेकर आ गई. उसके बाद वन विभाग को इसकी जानकारी दी गई. वन्य प्राणी आधिनियम के तहत पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और तस्करों की तलाश में जुट गई है.

क्या है वन्य प्राणी अधिनियम : दरअसल भारत सरकार ने साल 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम को पारित किया था. इसका उद्देश्य वन्यजीवों के शिकार, खाल और मांस के व्यापार पर प्रतिबंध लगाना है. साल 2003 में इस अधिनियम को संशोधित किया गया था. इसका नाम भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 2002 रखा गया. इस कानून का उल्लंघन करने पर दंड और जुर्माना को और कठोर कर दिया गया है.

सजा का प्रावधान: वन्य प्राणी अधिनियम का उल्लंघन करने पर न्यूनतम तीन साल और अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है. जुर्माना न्यूनतम दस हजार रुपये और अधिकतम 25 हजार रुपये है. अगर कोई दूसरी बार भी अपराध करता है तो इतनी ही सजा होगी लेकिन जुर्माना कम से कम 25 हजार रुपए तक हो सकता है.

जमुई: जिले की पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तेंदुए की खाल बरामद की है. पुलिस को गश्ती के दौरान ये सफलता मिली है.मामला लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आनंदपुर गांव का है. छाल की बरामदगी के बाद टीम ने वन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी है. पुलिस के अनुसार बरामद तेंदुए के खाल की बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 10 लाख रूपये है.

पढ़ें- Valmiki Tiger Reserve: सफारी के दौरान रोमांच और डर से भर गए पर्यटक, जानें कारण

जमुई पुलिस ने तेंदुए की खाल किया बरामद: जानकारी के अनुसार आनंदपुर गांव के समीप तेंदुए की खाल मिलने के बाद पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है और मामले की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दे दी गई है. दरअसल जिले के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के आनंदपुर गांव में पुलिस गश्ती के लिए जा रही थी. इसी दौरान आनंदपुर की ओर से एक बाइक पर सवार दो व्यक्ति जा रहे थे. बाइक के बीच में बोरा रखा हुआ था. पुलिस को देखकर बोरा फेंक कर बाइक सवार भाग निकला.

मौके से भाग निकले तस्कर: बोरे की जांच के लिए पुलिस रुक गई और जब बोरे को खोला तो हैरान रह गई. इस बोरे में तेंदुआ की खाल थी. पुलिस ने छाल को जब्त कर लिया और थाने लेकर आ गई. उसके बाद वन विभाग को इसकी जानकारी दी गई. वन्य प्राणी आधिनियम के तहत पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और तस्करों की तलाश में जुट गई है.

क्या है वन्य प्राणी अधिनियम : दरअसल भारत सरकार ने साल 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम को पारित किया था. इसका उद्देश्य वन्यजीवों के शिकार, खाल और मांस के व्यापार पर प्रतिबंध लगाना है. साल 2003 में इस अधिनियम को संशोधित किया गया था. इसका नाम भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 2002 रखा गया. इस कानून का उल्लंघन करने पर दंड और जुर्माना को और कठोर कर दिया गया है.

सजा का प्रावधान: वन्य प्राणी अधिनियम का उल्लंघन करने पर न्यूनतम तीन साल और अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है. जुर्माना न्यूनतम दस हजार रुपये और अधिकतम 25 हजार रुपये है. अगर कोई दूसरी बार भी अपराध करता है तो इतनी ही सजा होगी लेकिन जुर्माना कम से कम 25 हजार रुपए तक हो सकता है.

Last Updated : Apr 20, 2023, 1:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.