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Jamui News: नगर परिषद की लापरवाही के कारण लोग नहीं उठा पाए मीना बाजार का लुत्फ, दुकानदारों को लाखों का नुकसान

बिहार के जमुई में नगर परिषद की लापरवाही के कारण मीना बाजार कुछ ही दिनों में खत्म हो गया. पिछले 10 दिनों की बारिश के कारण मैदान में पानी जम गया. जानकारी के बावजूद नगर परिषद ने जल निकासी की व्यवस्था नहीं की. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 21, 2023, 1:25 PM IST

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जमुईः बिहार के जमुई में मीना बाजार (Meena Bazar In Jamui) बारिश का भेंट चढ़ गया. 10 दिनों की बारिश ने बाजार लगाने आए कारोबारी को लाखों का नुकसान पहुंचाया. उन्हें उम्मीद नहीं थी कि यहां से बिना कमाई किए ही जाना पड़ेगा. मेला लगे 20 दिन ही हुए थे कि बारिश ने सबकुछ चौपट कर दिया. जल निकासी का इंतजार करने के बाद मेले वाले अपना सामान समेट कर जमुई से रवाना हो गए.

यह भी पढ़ेंः पटना के मीना बाजार में शराब का अवैध व्यापार.. पुलिस की छापेमारी में 17 गिरफ्तार

मात्र 20 दिन ही चला मेलाः जमुई अतिथि पैलेस के पास मीना बाजार लगाया गया था. इसमें झूला, तारामाची, जंपिंग, खिलौने की दुकान साथ ही खाने-पीने की दुकान लगाई गई थी. मेले वालों को क्या पता था कि 10 दिन की बारिश के कारण सारा मेहनत बेकार हो जाएगा. इस मेले को लगाने में करीब एक महीने का समय लगा था. मेला शुरू हुए 20 दिन ही हुए थे कि बारिश होने लगी.

जल निकासी की व्यवस्था नहीं हुईः लगातार 10 दिनों तक हो रही बारिश के कारण कैंपस में पानी जम गया. मेले वाले काफी दिन मैदान से पानी निकलने का इंतजार किया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस दौरान आयोजन समिति ने नगर परिषद कार्यालय में इसकी जानकारी दी, लेकिन विभाग की ओर से पानी निकासी की व्यवस्था नहीं की गई, जिस कारण सभी कारोबारी अपना-अपना सामान समेट चले गए.

RAW
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जमुई नगर परिषद की लापरवाहीः कुल मिलाकर देखा जाए तो इसमें जमुई नगर परिषद (Jamui Municipal Council) की लापरवाही के कारण मेले वालों को लाखों रुपए का नुकसान हो गया. हालांकि इस मामले में कोई अधिकारी अभी तक अपना पक्ष नहीं रखे हैं. आयोजन समिति के सदस्य ने बताया कि वे लोग नगर परिषद जाकर जल निकासी के लिए कहा था, लेकिन विभाग ने इस ओर कोई पहल नहीं की, जिस कारण मेला हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

"मैदान से जल निकासी की मांग को लेकर नगर परिषद कार्यालय गए थे, लेकिन विभाग की ओर से जल निकासी को लेकर पहल नहीं की गई. मेले में आए व्यपारियों को लाखों का नुकसान हो गया. अंत में मेला को हटाना पड़ा है." - मृत्युंजय, आयोजन समिति के सदस्य

मीना बाजार से जुड़े लोगों ने बताया कि "एक शहर से दूसरे शहर जाने में 2 से 3 लाख का खर्च होता है. मेला सजाने में 1 महीने का समय लगता है. 15 दिन मेला बंद रहने के बावजूद उन लोगों ने हिम्मत नहीं हारी, परंतु जब दल निकासी की व्यवस्था नहीं की गई. तो हार कर दूसरे क्षेत्र में जाने के लिए करीब 10-12 ट्रकों में अपना सामान लादकर धीरे-धीरे मैदान खाली कर दिए."

मीना बाजार के चारों तरफ पानी जाम
मीना बाजार के चारों तरफ पानी जाम

कर्ज में डूबने कारोबारीः स्थानीय लोगों ने कहा कि ऐसे लुप्त हो रहे मीना बाजार, तारामची खेलकूद, मनोरंजन के साधनों को सरकार की ओर से सहायता मिलनी चाहिए ताकि इससे जुड़े हजारों परिवार विपरीत परिस्थिति में कर्जदार होकर नीलाम होने से बच जाये. बहरहाल जमुई में पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण मीना बाजार वाला पैसे कमाने की जगह आंसू बहा कर चले गए.

जमुईः बिहार के जमुई में मीना बाजार (Meena Bazar In Jamui) बारिश का भेंट चढ़ गया. 10 दिनों की बारिश ने बाजार लगाने आए कारोबारी को लाखों का नुकसान पहुंचाया. उन्हें उम्मीद नहीं थी कि यहां से बिना कमाई किए ही जाना पड़ेगा. मेला लगे 20 दिन ही हुए थे कि बारिश ने सबकुछ चौपट कर दिया. जल निकासी का इंतजार करने के बाद मेले वाले अपना सामान समेट कर जमुई से रवाना हो गए.

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मात्र 20 दिन ही चला मेलाः जमुई अतिथि पैलेस के पास मीना बाजार लगाया गया था. इसमें झूला, तारामाची, जंपिंग, खिलौने की दुकान साथ ही खाने-पीने की दुकान लगाई गई थी. मेले वालों को क्या पता था कि 10 दिन की बारिश के कारण सारा मेहनत बेकार हो जाएगा. इस मेले को लगाने में करीब एक महीने का समय लगा था. मेला शुरू हुए 20 दिन ही हुए थे कि बारिश होने लगी.

जल निकासी की व्यवस्था नहीं हुईः लगातार 10 दिनों तक हो रही बारिश के कारण कैंपस में पानी जम गया. मेले वाले काफी दिन मैदान से पानी निकलने का इंतजार किया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस दौरान आयोजन समिति ने नगर परिषद कार्यालय में इसकी जानकारी दी, लेकिन विभाग की ओर से पानी निकासी की व्यवस्था नहीं की गई, जिस कारण सभी कारोबारी अपना-अपना सामान समेट चले गए.

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जमुई नगर परिषद की लापरवाहीः कुल मिलाकर देखा जाए तो इसमें जमुई नगर परिषद (Jamui Municipal Council) की लापरवाही के कारण मेले वालों को लाखों रुपए का नुकसान हो गया. हालांकि इस मामले में कोई अधिकारी अभी तक अपना पक्ष नहीं रखे हैं. आयोजन समिति के सदस्य ने बताया कि वे लोग नगर परिषद जाकर जल निकासी के लिए कहा था, लेकिन विभाग ने इस ओर कोई पहल नहीं की, जिस कारण मेला हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

"मैदान से जल निकासी की मांग को लेकर नगर परिषद कार्यालय गए थे, लेकिन विभाग की ओर से जल निकासी को लेकर पहल नहीं की गई. मेले में आए व्यपारियों को लाखों का नुकसान हो गया. अंत में मेला को हटाना पड़ा है." - मृत्युंजय, आयोजन समिति के सदस्य

मीना बाजार से जुड़े लोगों ने बताया कि "एक शहर से दूसरे शहर जाने में 2 से 3 लाख का खर्च होता है. मेला सजाने में 1 महीने का समय लगता है. 15 दिन मेला बंद रहने के बावजूद उन लोगों ने हिम्मत नहीं हारी, परंतु जब दल निकासी की व्यवस्था नहीं की गई. तो हार कर दूसरे क्षेत्र में जाने के लिए करीब 10-12 ट्रकों में अपना सामान लादकर धीरे-धीरे मैदान खाली कर दिए."

मीना बाजार के चारों तरफ पानी जाम
मीना बाजार के चारों तरफ पानी जाम

कर्ज में डूबने कारोबारीः स्थानीय लोगों ने कहा कि ऐसे लुप्त हो रहे मीना बाजार, तारामची खेलकूद, मनोरंजन के साधनों को सरकार की ओर से सहायता मिलनी चाहिए ताकि इससे जुड़े हजारों परिवार विपरीत परिस्थिति में कर्जदार होकर नीलाम होने से बच जाये. बहरहाल जमुई में पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण मीना बाजार वाला पैसे कमाने की जगह आंसू बहा कर चले गए.

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