जमुई: खैरा प्रखंड के नक्सल प्रभावित इलाका माने जाने वाले हड़खार पंचायत में स्थित श्वेतांबर जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्म स्थान क्षत्रिय कुंड में राजस्थान के दिलवाड़ा जैन मंदिर के थीम पर भव्य मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. यह कार्य 5 सालों से चल रहा है. इस मंदिर को 136 उड़ीसा और राजस्थान के कारीगर बना रहे हैं.
निर्माण मंदिर को देखकर महसूस होता है कि हजारों साल पुराने किसी मंदिर में आए हो. मंदिर की नकाशी में कारीगर ऐसी हो रही है कि माने पत्थर की यह सिल्प कला हजारों साल पुरानी हो. इसके अलावा जन्म स्थान आने वाले पर्यटकों के ठहरने और उनकी सुविधा को लेकर धर्मशाला पार्क पार्किंग की व्यवस्था भी की जा रही है.
'2 साल में होगा मंदिर निर्माण का कार्य पूरा'
बता दें कि जन्म स्थान को जैन सर्किट से जोड़ने की घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर चुके हैं. पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने भी ट्रस्ट के आचार्य सुरेश्वर महाराज से मिलकर इस मामले पर बात की थी. बरहाल राजस्थान के दिलवाड़ा जैन मंदिर को दूसरे ताजमहल कहा जाता है. भगवान महावीर के जन्म स्थान का मंदिर देशभर के जैनियों के बीच आकर्षक का केंद्र बना है .हालांकि जन्म स्थान में भगवान की प्राचीन प्रतिमा की स्थापना के बाद निर्माण काल धीमा पड़ गया है. इस महावीर मंदिर के निर्माण में लगे जैन शासन समिति के प्रतिनिधि कौशल भाई बोहर ने बताया कि 2 साल में मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा.
3 साल पहले क्षत्रिय कुंड जन्म स्थान देश भर में चर्चा का विषय बन गया था. जब 26 साल पुरानी भगवान महावीर की प्रतिमा को चोरों ने उनकी जन्म स्थान मंदिर से चोरी कर लिया था. हालांकि एक पखवाड़े में प्रतिमा को बरामद कर लिया गया और 14 दिसंबर 2018 को धूमधाम से भगवान को अपने घर में प्रवेश किए.
सड़क निर्माण कार्य पर रोक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जैन सुरेश्वर महाराज की मौजूदगी में देश भर से आए हजारों की संख्या में जैन धर्मावलियों ने भगवान के घर लौटने का जश्न मनाया था. वहीं, जन्म स्थान के आसपास के इलाके में भगवान की प्रतिमा का भ्रमण भी करवाया गया था. जंगली और पहाड़ी इलाका होने के कारण श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो इसलिए जन्म स्थान तक 50 करोड़ की लागत से 25 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है. हालांकि वन विभाग की कागजी प्रक्रिया के बाद फिलहाल सड़क निर्माण कार्य को रोक दिया गया है.