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पार्टी नेता अनिल उरांव की हत्या पर भावुक हुए चिराग, कहा- नीतीश सरकार में कानून व्यवस्था की फिर खुली पोल

लोजपा आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल उरांव की अपहरण के बाद हत्या हो जाने पर लोजपा प्रमुख चिराग पासवान भावुक हो गये. उन्होंने कई ट्वीट किये और लिखा कि पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाने पर भी नहीं बची अनिल की जान.

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Published : May 2, 2021, 3:34 PM IST

जमुई: मनिहारी विधानसभा प्रत्याशी रहे लोजपा नेता की हत्या के बाद भावुक हुए चिराग पासवान ने कई ट्वीट किए और लिखा कि पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाने पर भी अनिल की जान नहीं बची. चिराग ने अनिल को मृदुल भाषी बताया और कहा कि नीतीश कुमार की क़ानून व्यवस्था की पोल खुल गयी है.

दो जिलों के पुलिस अधीक्षक से सम्पर्क में था
चिराग पासवान ने लिखा की लोजपा आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व मनिहारी विधानसभा से रहे पार्टी प्रत्याशी प्रिय अनिल उरांव अब हम सब के बीच नहीं हैं. अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई. उनके अपहरण के बाद से ही मैं दो जिलों के पुलिस अधीक्षक से सम्पर्क में था. ताकि किसी तरह उनकी जान बच सके लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

बेहद मिलनसार थे अनिल उरांव
उन्होंने लिखा की अनिल मृदुलभाषी के साथ बेहद मिलनसार भी रहे हैं. उनकी हत्या ने फिर बिहार में क़ानून की हक़ीक़त बयान की है. इस दुःख कि घड़ी में मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ और ईश्वर से कामना करता हूँ की उनके परिजनों को शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति शांति

ये भी पढ़ें- नहीं रहीं 'बिहार गौरव गान' की रचयिता पद्मश्री शांति जैन, कोविड टेस्ट कराने से पहले हुआ निधन

कई वर्षों से पार्टी के साथ अनिल जुड़ कर काम कर रहे थे. 2015 विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश सरकार की ग़लत नीतियों का जमकर विरोध किया और बिहार फ़र्स्ट के साथ मनिहारी विधान सभा से चुनाव लड़ा और 20 हज़ार वोट प्राप्त किया था.

जमुई: मनिहारी विधानसभा प्रत्याशी रहे लोजपा नेता की हत्या के बाद भावुक हुए चिराग पासवान ने कई ट्वीट किए और लिखा कि पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाने पर भी अनिल की जान नहीं बची. चिराग ने अनिल को मृदुल भाषी बताया और कहा कि नीतीश कुमार की क़ानून व्यवस्था की पोल खुल गयी है.

दो जिलों के पुलिस अधीक्षक से सम्पर्क में था
चिराग पासवान ने लिखा की लोजपा आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व मनिहारी विधानसभा से रहे पार्टी प्रत्याशी प्रिय अनिल उरांव अब हम सब के बीच नहीं हैं. अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई. उनके अपहरण के बाद से ही मैं दो जिलों के पुलिस अधीक्षक से सम्पर्क में था. ताकि किसी तरह उनकी जान बच सके लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

बेहद मिलनसार थे अनिल उरांव
उन्होंने लिखा की अनिल मृदुलभाषी के साथ बेहद मिलनसार भी रहे हैं. उनकी हत्या ने फिर बिहार में क़ानून की हक़ीक़त बयान की है. इस दुःख कि घड़ी में मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ और ईश्वर से कामना करता हूँ की उनके परिजनों को शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति शांति

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कई वर्षों से पार्टी के साथ अनिल जुड़ कर काम कर रहे थे. 2015 विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश सरकार की ग़लत नीतियों का जमकर विरोध किया और बिहार फ़र्स्ट के साथ मनिहारी विधान सभा से चुनाव लड़ा और 20 हज़ार वोट प्राप्त किया था.

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