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जमुई: स्कूल में पढ़ाकर पिता ने बेटों को बनाया लायक, तीसरा लड़का बना न्यायिक दंडाधिकारी

जमुई के लाल देवव्रत ने न्यायिक दंडाधिकारी की परीक्षा में 89वां रैंक लाकर पूरे जिले का नाम रौशन किया है. देवव्रत के पिता एक छोटे से प्राइवेट स्कूल में ट्यूशन पढ़ाते हैं. माली हालत के बावजूद अपने तीनों बेटों को पदाधिकारी की कुर्सी दिलाकर वो काफी खुश हैं.

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Published : Dec 2, 2019, 9:34 PM IST

jamui
सफल अभ्यर्थी

जमुई: शहर के आनंद विहार कॉलोनी के रहने वाले देवव्रत ने 30वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा 2019 में 89वां रैंक लाकर जमुई का नाम रौशन किया है. देवव्रत के माता-पिता इस बात को लेकर काफी खुश नजर आए. बता दें कि देवव्रत के पिता एक प्राइवेट स्कूल के टीचर हैं और उनके 3 बेटे हैं.

पिता छोटे से स्कूल के टीचर
देवव्रत एक मध्यम परिवार में रहने वाला अभ्यर्थी है. जिसके पिता विनय कुमार ने एक छोटे से स्कूल में ट्यूशन पढ़ाकर अपने तीनों बेटे को उच्च शिक्षा दिलाई. बता दें कि विनय कुमार का बड़ा लड़का डॉक्टर बनकर एमएस की पढ़ाई कर रहा है. सबसे छोटा लड़का कोल इंडिया में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर है. वहीं, देवव्रत ने न्यायिक दंडाधिकारी की परीक्षा पास कर ली है.

देवव्रत ने किया जिले का नाम रौशन

पिता ने जताई खुशी
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान देवव्रत के पिता ने अपनी खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि वे परेशानियों से कभी नहीं घबराएं. वह सरस्वती मां को अपना ईस्ट मानते हैं. छोटे से स्कूल में ट्यूशन पढ़ाकर तीनों बेटों को पदाधिकारी की कुर्सी तक पहुंचाने के बाद उन्हें बड़ा गर्व महसूस हो रहा है.

jamui
खुशी जताते देवव्रत के पिता

सरकार से की अपील
वहीं, सफल अभ्यर्थी देवव्रत ने कहा कि जमुई के छात्रों में सीखने की प्रवृति तो है. लेकिन, यहां शिक्षा के क्षेत्र में संसाधन की कमी के कारण वे अच्छी शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाते हैं. उन्होंने सरकार और समाजसेवी संस्था से संसाधन उपलब्ध कराने की अपील की. ताकि यहां के गरीब बच्चे भी शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें और जिला और प्रदेश का नाम रौशन कर सकें.

यह भी पढ़ें- बेटी की कामयाबी पर बोले शिवांगी के माता-पिता: पायलट बन बिटिया ने देश का नाम किया रोशन

जमुई: शहर के आनंद विहार कॉलोनी के रहने वाले देवव्रत ने 30वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा 2019 में 89वां रैंक लाकर जमुई का नाम रौशन किया है. देवव्रत के माता-पिता इस बात को लेकर काफी खुश नजर आए. बता दें कि देवव्रत के पिता एक प्राइवेट स्कूल के टीचर हैं और उनके 3 बेटे हैं.

पिता छोटे से स्कूल के टीचर
देवव्रत एक मध्यम परिवार में रहने वाला अभ्यर्थी है. जिसके पिता विनय कुमार ने एक छोटे से स्कूल में ट्यूशन पढ़ाकर अपने तीनों बेटे को उच्च शिक्षा दिलाई. बता दें कि विनय कुमार का बड़ा लड़का डॉक्टर बनकर एमएस की पढ़ाई कर रहा है. सबसे छोटा लड़का कोल इंडिया में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर है. वहीं, देवव्रत ने न्यायिक दंडाधिकारी की परीक्षा पास कर ली है.

देवव्रत ने किया जिले का नाम रौशन

पिता ने जताई खुशी
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान देवव्रत के पिता ने अपनी खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि वे परेशानियों से कभी नहीं घबराएं. वह सरस्वती मां को अपना ईस्ट मानते हैं. छोटे से स्कूल में ट्यूशन पढ़ाकर तीनों बेटों को पदाधिकारी की कुर्सी तक पहुंचाने के बाद उन्हें बड़ा गर्व महसूस हो रहा है.

jamui
खुशी जताते देवव्रत के पिता

सरकार से की अपील
वहीं, सफल अभ्यर्थी देवव्रत ने कहा कि जमुई के छात्रों में सीखने की प्रवृति तो है. लेकिन, यहां शिक्षा के क्षेत्र में संसाधन की कमी के कारण वे अच्छी शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाते हैं. उन्होंने सरकार और समाजसेवी संस्था से संसाधन उपलब्ध कराने की अपील की. ताकि यहां के गरीब बच्चे भी शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें और जिला और प्रदेश का नाम रौशन कर सकें.

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Intro:जमुई " 30 वीं बिहार न्यायिक सेवा 2019 की परीक्षा में 89 वां रैंक लाकर न्यायिक दंडाधिकारी बने देवव्रत का etv bharat का स्पेशल इंटरव्यू "


Body:जमुई " शिक्षक पुत्र देवव्रत ने 30 वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा 2019 में 89 वां रैंक लाकर जिले सहित बिहार का नाम रौशन किया है मध्यम परिवार के पिता विनय कुमार ने आर्थिक परेशानियों को झेलते हुए शिक्षा का अलख जगाए रखा खुद छोटे से स्कूल में टयूशन पढ़ाकर अपने तीनों बेटे को उच्च शिक्षा दिलाई आज शिक्षक विनय कुमार का बड़ा लड़का डॉक्टर बनकर MS की पढ़ाई कर रहा है वही छोटा तीसरा लड़का कोल इंडिया में असिस्टेंट मनेजर के पद पर है साथ ही दुसरे बेटे देवव्रत ने न्यायिक दंडाधिकारी की परीक्षा पास कर ली है "

etv bharat ने शिक्षक विनय कुमार और उनके बेटे देवव्रत से उनके आवास पर बातचीत की

जमुई न्यायिक दंडाधिकारी की परीक्षा उत्तीर्ण कर 89 वां रैंक लाने वाले देवव्रत ने etv bharat से खास बातचीत में कहा जमुई में सीखने की प्रवृति विद्यार्थियों में काफी प्रबल है खासकर शिक्षा के क्षेत्र में लेकिन कहीं न कहीं संसाधन की कमी के कारण अच्छी शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते समाजसेवी संस्था , सरकार बच्चों के बीच नई ऊर्जा प्रदान करें गरीब और पिछड़ो के बीच शिक्षा से जुड़े आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जिससे बच्चे जिला प्रदेश और देश में नाम रौशन कर सके

आगे देवव्रत ने etv bharat को बताया मैने 30 वीं बिहार न्यायिक सेवा 2019 परीक्षा उत्तीर्ण कर 89 वां रैंक लाया है लोगों की शिक्षा के प्रति रूची तो है लेकिन संसाधन की कमी आड़े आती है आज भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए बच्चों को बाहर जाना पड़ता है लेकिन लक्ष्य अगर साधना है तो ' खड़े रहे अड़े रहे ' तो सफलता के मुकाम पर अवश्य पहुंचेंगे मेरे परिवार ने भी कम पैसे में सभी को अच्छी शिक्षा दी है यही कारण है की मैं आज सफल हो पाया

मैं युवाओं विद्यार्थियों से अपील करना चाहता हूं आपके पास धैर्य और लगन है तो कोई भी सफलता आपसे दूर नहीं लगातार परिश्रम से सफलता आपके कदम चुमेगी भाई , मित्र , गुरूजन , परिवार सभी का सहयोग रहा मेरी सफलता में

देवव्रत के पिता विनय कुमार सिंह बताते है विपत्ति से कभी धबराया नहीं माँ सरस्वती को ही अपना ईस्ट माना हिम्मत से काम लिया और आज बच्चो की सफलता से बहुत खुश है खुद टयूशन कर अपनी पढ़ाई पूरी की आज भी छोटे से स्कूल में टयूशन पढ़ाते है लेकिन अपने तीनों बच्चो को उंची तालिम दिलाकर पदाधिकारी की कुर्सी तक पहुंचा दिया

वाइट ----- न्यायिक दंडाधिकारी की परीक्षा में 89वां रैंक लाने वाले देवव्रत कुमार सिंह

वाइट ----- देवव्रत के पिता विनय कुमार सिंह

वीडियो में देवव्रत के माता पिता अपने बेटे के साथ


राजेश जमुई


Conclusion:जमुई " जिले सहित बिहार का नाम रौशन करनेवाले प्राइवेट स्कूल के शिक्षक विनय कुमार सिंह के दुसरे पुत्र देवव्रत अब बनेंगे न्यायिक दंडाधिकारी "
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