जमुई: जिले के लछुआड़ में भगवान महावीर की 2618वीं जनकल्याणक मनाई गई. इस दौरान जैन धर्म के संत और साध्वियों ने विधि पूर्वक पूजा-अर्चना की. महाआरती का भी आयोजन हुआ. जैनाचार्य श्रीमद् विजय नयवर्धन सूरीश्वर जी महाराज की अगुवाई में अनुष्ठान संपन्न हुआ. इस दौरान मंदिर में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जारी निर्देशों का भी पालन किया गया.
समारोह के दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान महावीर स्वामी के आदर्शों को आत्मसात किये जाने के साथ उसे अमल में लाने का संकल्प लिया. क्षत्रिय कुंड तीर्थोद्धारक आचार्य देव जैनाचार्य श्रीमद् विजय नयवर्धन सूरीश्वर जी महाराज की अगुवाई में मंत्रोच्चार के साथ जैन श्रद्धालुओं ने भगवान महावीर स्वामी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की. इस अवसर पर घंटे की आवाज और शंखनाद ने इस जगह को गुंजायमान कर दिया.
भगवान महावीर के विचारों को अपनाने की अपील
जैनाचार्य श्रीमद् विजय नयवर्धन सूरीश्वर जी महाराज ने मौके पर जैन धर्मानुरागियों के साथ अन्य धर्म के प्रवर्तकों को परम पूज्य भगवान श्री महावीर स्वामी जी के संदेशों को महाप्रसाद के रूप में बांटते हुए कहा कि 'जियो और जीने दो के साथ अहिंसा ही परम धर्म है', का अनुपालन कर हम सभी जीव अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं. उन्होंने धरती के सभी प्राणियों से भगवान श्री महावीर स्वामी के विचारों को अपनाने की अपील की.
कई गणमान्य रहे उपस्थित
इस दौरान जैन धर्म के प्रवर्तक राज परम सूर्य जी महाराज, राज धर्म जी महाराज, जिनेन्द्र सेवा समिति के अध्यक्ष उमेश केशरी, वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रमुख शिक्षाविद डॉ. निरंजन कुमार आदि धर्मानुरागियों ने परम भगवान महावीर स्वामी जन्मकल्याणक समारोह में हिस्सा लिया.
मंदिर में सैनिटाइजेशन
हालांकि जन्मकल्याणक समारोह में उपस्थित लोग कोरोना वायरस की रोकथाम और इससे बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी किये गये गाइडलाइन्स का पालन करते देखे गए. मंदिर को भी समय-समय पर सैनिटाइज किया जा रहा है. साथ ही ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी जारी है.