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अन्नदाताओं को नहीं मिल रहा अनुदानित दर पर बीज, नहीं हो पाई गेहूं की बुआई

जिले के ज्यादातर प्रखंडों के लगभग 40 प्रतिशत किसान बाजार से महंगे दामों पर बीज खरीद कर बुआई कर रहे हैं. जिससे कृषि विभाग की लापरवाही साफ दिखाती है.

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Published : Nov 27, 2019, 11:45 PM IST

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गोपालगंज: जिले के अन्नदाताओं का हाल-बेहाल है. दरअसल, गोपालगंज में किसानों को अनुदानित दर पर गेहूं के बीज नसीब नहीं है. सरकारी अनदेखी के कारण गेहूं की बुआई अबतक नहीं हो पाई है. ऐसे में किसान मजबूरन महंगे दर पर बीज लेने को मजबूर है. एक तरफ मौसम की मार और दूसरी तरफ विभाग की मनमर्जी से किसान परेशान हो गए हैं.

अनुदानित दर पर गेंहू के बीज उपलब्ध कराने की सरकार की योजना गोपालगंज में फिसड्डी साबित हो रही है. पीड़ित किसान कृषि विभाग पर उदासीन रवैया और लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में किसान खुले बाजार से महंगे दर पर बीज खरीदारी कर बुआई करने को मजबूर हैं.

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नहीं हो पाई गेंहू की बुआई

कृषि विभाग बरत रहा लापरवाही
जिले के ज्यादातर प्रखंडों के लगभग 40 प्रतिशत किसान बाजार से महंगे दामों पर बीज खरीद कर बुआई कर रहे हैं. जिससे कृषि विभाग की लापरवाही साफ दिखाती है. एक तरफ जहां विभाग कई कार्यक्रम आयोजन कर फसलों की उन्नत पैदावार की जानकारी देता है और तमाम दावे करता है. वहीं, अनुदानित दर पर बीज के लिए किसानों का भटकना इन दावों की पोल खोलता है.

किसानों में आक्रोश
जिले के कई किसानों का कहना है कि विभाग साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का दावा कर रहा है. लेकिन, यदि ऐसी स्थिति रही तो हमारी आमदनी दोगुनी कैसे होगी. किसान अनुदानित बीज की बाह जोह रहे हैं. गेहूं बुआई का कार्य 15 नवंबर से ही शुरू हो गया है. लगभग 10 दिन बीतने के बाद भी कई किसान अबतक काम शुरू नहीं कर पाए हैं.

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गेंहू

बिस्कोमान भवन के चक्कर काट रहे किसान
परेशान किसान गेहूं के बीज के लिए हर रोज किसान भवन और प्रखंड मुख्यालय और बिस्कोमान भवन के चक्कर लगा रहे हैं. बता दें कि आवेदन करने के लिए जो साइट बताई गई है, वह भी काम नहीं कर रही है. किसानों के लिए साइट पर आवेदन देना भी एक मुसीबत बन साबित हो रहा है.

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गोपालगंज में किसान परेशान

ऑनलाइन आवेदन में हो रही परेशान
किसानों का मानना है कि जब समय से बीज उपलब्ध नहीं कराई जाएगी फिर बाद में लेने का क्या फायदा होगा. कुछ किसानों का मानना है कि अनुदानित दर पर मिलने वाले बीज के लिए ऑनलाइन आवेदन करने में भी समस्या होती है क्योंकि साइट हमेशा बंद रहती है.

यह भी पढ़ें: युवक से शादी के लिए पटना से रांची गया श्रवण, कहा- संतोष के बिना जीना है नामुमकिन

सरकारी अधिकारी दे रहे अजीब तर्क
इस बाबत जब कृषि पदाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने किसानों के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जिले में किसानों के लिए बड़े पैमाने पर अनुदानित बीज उपलब्ध कराई जा रही है. अबतक 46 हजार किसानों को बीज उपलब्ध कराया गया है. जहां तक साइट खुलने में समस्या कि बात है तो ऐसी कोई बात नहीं है.

गोपालगंज: जिले के अन्नदाताओं का हाल-बेहाल है. दरअसल, गोपालगंज में किसानों को अनुदानित दर पर गेहूं के बीज नसीब नहीं है. सरकारी अनदेखी के कारण गेहूं की बुआई अबतक नहीं हो पाई है. ऐसे में किसान मजबूरन महंगे दर पर बीज लेने को मजबूर है. एक तरफ मौसम की मार और दूसरी तरफ विभाग की मनमर्जी से किसान परेशान हो गए हैं.

अनुदानित दर पर गेंहू के बीज उपलब्ध कराने की सरकार की योजना गोपालगंज में फिसड्डी साबित हो रही है. पीड़ित किसान कृषि विभाग पर उदासीन रवैया और लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में किसान खुले बाजार से महंगे दर पर बीज खरीदारी कर बुआई करने को मजबूर हैं.

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नहीं हो पाई गेंहू की बुआई

कृषि विभाग बरत रहा लापरवाही
जिले के ज्यादातर प्रखंडों के लगभग 40 प्रतिशत किसान बाजार से महंगे दामों पर बीज खरीद कर बुआई कर रहे हैं. जिससे कृषि विभाग की लापरवाही साफ दिखाती है. एक तरफ जहां विभाग कई कार्यक्रम आयोजन कर फसलों की उन्नत पैदावार की जानकारी देता है और तमाम दावे करता है. वहीं, अनुदानित दर पर बीज के लिए किसानों का भटकना इन दावों की पोल खोलता है.

किसानों में आक्रोश
जिले के कई किसानों का कहना है कि विभाग साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का दावा कर रहा है. लेकिन, यदि ऐसी स्थिति रही तो हमारी आमदनी दोगुनी कैसे होगी. किसान अनुदानित बीज की बाह जोह रहे हैं. गेहूं बुआई का कार्य 15 नवंबर से ही शुरू हो गया है. लगभग 10 दिन बीतने के बाद भी कई किसान अबतक काम शुरू नहीं कर पाए हैं.

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गेंहू

बिस्कोमान भवन के चक्कर काट रहे किसान
परेशान किसान गेहूं के बीज के लिए हर रोज किसान भवन और प्रखंड मुख्यालय और बिस्कोमान भवन के चक्कर लगा रहे हैं. बता दें कि आवेदन करने के लिए जो साइट बताई गई है, वह भी काम नहीं कर रही है. किसानों के लिए साइट पर आवेदन देना भी एक मुसीबत बन साबित हो रहा है.

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गोपालगंज में किसान परेशान

ऑनलाइन आवेदन में हो रही परेशान
किसानों का मानना है कि जब समय से बीज उपलब्ध नहीं कराई जाएगी फिर बाद में लेने का क्या फायदा होगा. कुछ किसानों का मानना है कि अनुदानित दर पर मिलने वाले बीज के लिए ऑनलाइन आवेदन करने में भी समस्या होती है क्योंकि साइट हमेशा बंद रहती है.

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सरकारी अधिकारी दे रहे अजीब तर्क
इस बाबत जब कृषि पदाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने किसानों के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जिले में किसानों के लिए बड़े पैमाने पर अनुदानित बीज उपलब्ध कराई जा रही है. अबतक 46 हजार किसानों को बीज उपलब्ध कराया गया है. जहां तक साइट खुलने में समस्या कि बात है तो ऐसी कोई बात नहीं है.

Intro:गोपालगंज जिले के किसानों को अनुदानित दर पर मिलने वाला बीज नसीब नहीं हो रहा है। जिसको लेकर किसान महंगे दामों पर बाजारों से बीज खरीद खेती करने को बाध्य होते हैं। या यूं कहें कि किसानों को अनुदानित दर पर गेंहू का बीज उपलब्ध कराने की विभाग की योजना फेल हो गई है। किसानों को खुला बाजार ही सहारा बना हुआ है। एक तरफ मौसम की मार तो दूसरी ओर विभाग के मनमर्जी के बीच किसान परेशान नजर आ रहे हैं




Body:अनुदानित बीज नही मिलने पर बाजारों पर आश्रित हुए किसान
कृषि विभाग की उदासीन रवैया व लापरवाही का आरोप लगा रहे है। किसान खुले बाजार से महंगे दर पर बीज खरीदारी कर बुआई करने को विवश है। जिले के विभिन्न प्रखंडों के लगभग 40 प्रतिशत किसान बाजार से महंगे दामो पर बीज खरीद कर बुआई कर चुके है। जिससे कृषि विभाग की लापरवाही साफ दिखाई देती है। एक तरफ जहां विभाग द्वारा कई कार्यक्रम आयोजन कर फसलों की उन्नत पैदावार की जानकारी एवं विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देने के साथ पंचायत वार किसान चौपाल आयोजित कर किसानों को विभागीय योजनाओं का लाभ लेने की बात कही जा रही है। वहीं दूसरी ओर विभाग सरकार की योजना के तहत किसानों को अनुदानित बीज उपलब्ध नहीं करा रहा। जिससे किसानों को इस योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिले के कई किसानों ने कहा कि विभाग वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का दावा कर रही है। लेकिन यदि ऐसी स्थिति रही तो हमारी आमदनी दोगुनी कैसे हो सकती है।
कई किसान महंगे दामों पर बाजार से बीज खरीद कर बुवाई कर रहे हैं,तो कई ऐसे किसान हैं जो आज भी अनुदानित बीच का इंतजार कर रहे हैं । गेहूं का कार्य 15 नवंबर से ही शुरू हो गया है 10 दिन बीतने के बाद भी किसानों तक अनुदानित दर पर मिलने वाला बीज उपलब्ध नहीं कराई जा रहा है। किसान गेहूं बीज के लिए हर रोज किसान भवन और प्रखंड मुख्यालय व विस्कोमान भवन का चक्कर लगा रहे हैं। साथ ही आवेदन करने के लिए साइट नहीं खोलना भी किसानों के लिए एक मुसीबत बन गई है। कुछ किसान आवेदन करते भी हैं तो उन्हें बीज नहीं मिल पाता है। जिसके कारण उनके खेत परती पड़े हुए हैं। किसानों का मानना है कि जब समय से बीज उपलब्ध नहीं कराया जाएगा तब बाद में लेने का क्या फायदा अब बाजार ही एक सहारा बना हुआ है। कुछ किसानों का मानना है कि अनुदानित दर पर मिलने वाली बीज के लिए ऑनलाइन आवेदन करने में भी समस्या होती है क्योंकि साइट हमेशा बंद रहा रहा है ऐसे में ऑनलाइन आवेदन कैसे किया जा सकता है। इस संदर्भ में जब कृषि पदाधिकारी वेद नारायण सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिले में किसानों के लिए बड़े पैमाने पर अनुदानित बीज उपलब्ध कराई जाएगी। इस बार 15 हजार क्विंटल बीज उपलब्ध कराई जाएगी। बीज की कोई कमी नही है। उन्होंने किसानो से आग्रह किया कि अनुदानित दर पर ही बीज लेकर बुआई कर सरकारी द्वारा दिये जा रहे योजना का लाभ ले। कृषि पदाधिकारी ने बताया कि अब तक ऑनलाइन लगभग 43 -44 हजार किसानों का otp उपलब्ध कराया गया है। 48 हजार किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। 46 हजार किसानों को उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि पोर्टल या साइट खुलने में कोई समस्या नही हो रही है। अगर ऐसी सूचना मिलती है तो उसे तत्तकाल ठीक कराई जाएगी। इस बार गेंहू के अच्छादन का 97 हजार हेक्टेयर लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हमारा प्रयास है कि सत प्रतिशत अच्छादन का लक्ष्य पूरा करें।
बाइट-वेद नारायण सिंह
बाइट-किसान



Conclusion:na
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