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गोपालगंजः लाखों की नौकरी छोड़ स्कूटी से घूम-घूमकर 'हर्बल चाय' पिलाता है ये शख्स - गोपालगंज में स्वरोजगार

ये अपनी चाय में दालचीनी, कालीमिर्च, इलायची, नमक, नींबू, चायपत्ती और चीनी डालते हैं. जो स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है. ये गठिया, तनाव, अवसाद, आलस, थकान, ऊर्जा में कमी और सिरदर्द जैसी परेशानियों में बहुत असरकारी माना जाता है.

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Published : Dec 28, 2019, 7:15 PM IST

गोपालगंजः विदेश की लाखों की आमदनी छोड़कर एक शख्स जिले में स्कूटी से घूम-घूमकर चाय बेच रहे हैं. इनकी चाय की खासियत है कि लोगों को इनका इंतजार रहता है. आज लगभग 200 इनके नियमित ग्राहक हैं. इतना ही नहीं चाय पीने के बाद लोग कप इधर-उधर नहीं फेंके इसके लिए ये अपने साथ एक डस्टबीन भी लेकर चलते हैं.

देश निर्माण में योगदान
यह कहानी है जिला मुख्यालय से करीब 27 किलोमीटर दूर हथुआ प्रखंड के हथुआ गांव निवासी गुलाम अब्बास के पुत्र मोहम्मद अब्बास की. जिन्होंने सऊदी अरब में इलेक्ट्रिक इंजीनियर के रूप में नौकरी की. लंबे समय तक वहां काम करने बाद इन्होंने फैसला लिया की अब वतन लौटा जाए और वहां ही कुछ रोजगार करने के साथ-साथ देश निर्माण में भी अपना योगदान दिया जाए.

पेश है खास रिपोर्ट

फोनकर बुलाते हैं लोग
इसी प्रेरणा के साथ देश लौटे अब्बास ने यहां हर्बल चाय का बिजनेस शुरू किया. परिचितों ने तो पहले इनके इस पहल का मजाक उड़ाया. लेकिन इन्होंने किसी बात का परवाह किए बगैर अपने काम में डटे रहे. आज आलम यह है कि जिले में लोगों को इनके आने का इंतजार रहता है. ये जहां अपनी स्कूटी खड़ी करते हैं, वहां चाय प्रेमियों की भीड़ लग जाती है. लोग इन्हें फोनकर भी बुलाते हैं. लोगों के बुलावे पर ये स्कूटी से तुरंत वहां पहुंच जाते हैं.

ये भी पढ़ेंः मशरूम की खेती कर पार्वती ने बदली घर की तस्वीर, बन गई महिलाओं की रोल मॉडल

क्या है हर्बल चाय और इसके फायदे
अब्बास अपनी चाय में दालचीनी, कालीमिर्च, इलाइची, नमक, नींबू, चायपत्ती और चीनी डालते हैं. जो स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है. ये गठिया, तनाव, अवसाद, आलस, थकान, ऊर्जा में कमी और सिरदर्द जैसी परेशानियों में बहुत असरकारी माना जाता है. डायबिटीज, मोटापा और दिल की बीमारियों के मरिजों के लिए भी यह चाय उपयोगी है.

गोपालगंजः विदेश की लाखों की आमदनी छोड़कर एक शख्स जिले में स्कूटी से घूम-घूमकर चाय बेच रहे हैं. इनकी चाय की खासियत है कि लोगों को इनका इंतजार रहता है. आज लगभग 200 इनके नियमित ग्राहक हैं. इतना ही नहीं चाय पीने के बाद लोग कप इधर-उधर नहीं फेंके इसके लिए ये अपने साथ एक डस्टबीन भी लेकर चलते हैं.

देश निर्माण में योगदान
यह कहानी है जिला मुख्यालय से करीब 27 किलोमीटर दूर हथुआ प्रखंड के हथुआ गांव निवासी गुलाम अब्बास के पुत्र मोहम्मद अब्बास की. जिन्होंने सऊदी अरब में इलेक्ट्रिक इंजीनियर के रूप में नौकरी की. लंबे समय तक वहां काम करने बाद इन्होंने फैसला लिया की अब वतन लौटा जाए और वहां ही कुछ रोजगार करने के साथ-साथ देश निर्माण में भी अपना योगदान दिया जाए.

पेश है खास रिपोर्ट

फोनकर बुलाते हैं लोग
इसी प्रेरणा के साथ देश लौटे अब्बास ने यहां हर्बल चाय का बिजनेस शुरू किया. परिचितों ने तो पहले इनके इस पहल का मजाक उड़ाया. लेकिन इन्होंने किसी बात का परवाह किए बगैर अपने काम में डटे रहे. आज आलम यह है कि जिले में लोगों को इनके आने का इंतजार रहता है. ये जहां अपनी स्कूटी खड़ी करते हैं, वहां चाय प्रेमियों की भीड़ लग जाती है. लोग इन्हें फोनकर भी बुलाते हैं. लोगों के बुलावे पर ये स्कूटी से तुरंत वहां पहुंच जाते हैं.

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क्या है हर्बल चाय और इसके फायदे
अब्बास अपनी चाय में दालचीनी, कालीमिर्च, इलाइची, नमक, नींबू, चायपत्ती और चीनी डालते हैं. जो स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है. ये गठिया, तनाव, अवसाद, आलस, थकान, ऊर्जा में कमी और सिरदर्द जैसी परेशानियों में बहुत असरकारी माना जाता है. डायबिटीज, मोटापा और दिल की बीमारियों के मरिजों के लिए भी यह चाय उपयोगी है.

Intro:देश प्रेमी यह शख्स लोगो को पिलाता है सस्ती,हर्बल चाय
--विदेश में लाखों की नौकरी छोड़ लौटा अपने बतन,दो सौ से ज्यादा है इसके ग्राहक

गोपालगंज। गोपालगंज के ज्यादा लोग खाड़ी देश में रहकर जीविकोपार्जन करते है लेकिन उन्ही में से कुछ ऐसे भी लोग है। जिन्हें देश की मिट्टी उन्हें अपनी ओर हमेशा खिंचती रही है। इन्ही लोगो मे से एक है हथुआ गाँव निवासी मोहम्मद अब्बास, जो लाखो रुपए के नौकरी छोड़ अपना देश लौट आए और यहां आकर लोगो को सस्ती हर्बल चाय पिलाकर स्वस्थ्य रहने का संदेश देते है। आज इनके करीब 2 सौ प्रतिदिन के ग्राहक बन गए है जिन्हें वे खुद अपने स्कूटी से चाय पिलाने पहुंच जाते है।








Body:विदेश में नौकरी अच्छा पैकेज आर्थिक और सामाजिक स्तर पर बेहतर मुकाम के बावजूद कुछ ऐसा था जो मन को कचोट रहा था तमाम सुविधाओं का मोह छोड़कर वतन लौट कर नई पारी की शुरुआत करने का फैसला लेना आसान नहीं था।लेकिन कहते है न जहाँ चाह वही राह....
दरअसल हम बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय गोपालगंज से करीब 27 किलोमीटर दूर हथुआ प्रखण्ड के हथुआ गाँव निवासी गुलाम अब्बास के पुत्र मोहम्मदअब्बास की। जिसने सऊदी अरब जाकर इलेक्ट्रिक इंजीनियर के पद पर नौकरी की। लाखो रुपये के मासिक आमदनी होने के बावजूद तमाम सुविधाओ का मोह छोड़कर उसे अपना वतन उसे अपनी ओर खींच रहा था। और एक दिन उसने सऊदी अरब को अलविदा कर अपना देश वापस लौट आया। और यहां आकर उसने हर्बल चाय लोगो को पिलाने का बिजनेस शुरू किया। परिचितों ने तो पहले उसका मजाक उड़ाया। लेकिन इस शख्स ने किसी की परवाह किए बगैर अपनी जिंदगी की नई पारी की शुरुआत की। आज इस शख्स के चाहने वाले बहुत हो गए हैं। और इनके चाय के आदि हो गए है। इतना ही नही इनके चाय को पीने के लिए लोग फोन कर बुलाते है और ये अपने स्कूटी से चाय लेकर ग्राहकों के पास पहुंच जाते है। ये अपनी चाय गली गली घूम कर व बाजारों में चौक चौराहों पर बेचते हुए नजर आ जाते है। ये जहाँ भी अपनी स्कूटी खड़ा करते है वही चाय प्रेमियों की भीड़ एकत्रित हो जाती है। चाय पीने वाले स्थनीय निवासी अरबिंद सिंह बताते है कि इनकी चाय काफी अच्छी है ये पहले विदेश में नौकरी करते थे लेकिन कुछ वर्षों से यही लोगो को हर्बल चाय सस्ती दर पर पिलाते है काफी लोग इनके चाय के आदि हो गए है हम लोग भी इन्हें फोन कर चाय पीने के लिए बुलाते है।

बाइट-अरबिंद सिंह, ग्राहक

मोहम्मद अब्बास का हर्बल चाय काफी फायदेमंद और स्वादिष्ट के साथ ही सस्ती मिलती है। जो अमूमन अन्य दुकानों में सम्भव नही है। कई लोगो ने इन्हें चाय के रेट बढाने की भी सलाह दी। लेकिन इन्होंने ऐसा नही किया। मोहम्मद अब्बास अपने चाय में कई ऐसे मेटेरियल डालते है। जिससे इनकी चाय की स्वाद काफी बढ़ जाती है। ये हर्बल चाय पिलाकर लोगो को स्वाथ्य के प्रति सचेत करते है। कुछ समय पहले तक जो कटाक्ष करते थे आज वही सराहना करते है। ये कहते हुए उनके चेहरे पर एक अलग सुकून नजर आता है। मोहम्मद अब्बास ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि वह वर्ष 1998 में अपना वतन छोड़ कर पैसे कमाने के लिए सऊदी अरब गए थे। वहां उन्होंने बतौली टिक इंजीनियर के पद पर कार्य था। लाखों रुपए के मासिक आमदनी होती थी। लेकिन जो ख़ुशी जो चैन की इन्हें तलाश थी शायद इसे नहीं मिल पा रहा था। हमेशा से अपना वतन अपनी ओर खींच रहा था। कई बार अपने वतन लौटने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं मिल सकी देखते-देखते 19 वर्ष बीत गए लेकिन जो देश के प्रति लगाव था वह लगातार बरकरार थी और एक दिन उसने फासला कर लिया की अब चाहे जो हो। क्यों न मुझे अपने गांव में मजदूरी ही करना पड़े अब मैं अपने वतन लौटूंगा। और इसी फैसले को उसने दृढ़ता से पालन करते हुए 2 वर्ष पहले शानो शौकत भरी जिंदगी को छोड़ अपना वतन लौटना ही उन्होंने बेहतर समझा।और अपना देश अपना गाँव हथुआ लौट आया। जहां उसे खुशी और चैन मिलने लगी जिसका इंतजार उसे करीब 19 वर्षों से थी। मोहम्मद अब्बास ने बताते हैं की जहां मैं काम करता था वहां मुझे चाय पीना और अन्य को जाना हमारी आदत थी और इसी आदत को मैंने जीविकोपार्जन का जरिया बनाया। पहले जब इसकी शुरुआत की तब यहां के लोग मुझे जानते नहीं थे वो सारे लोग मेरी चाय को नहीं पीते । काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन मैंने हार नहीं मानी और अपना काम जारी रखा। हमारे यहां कहावत है ''सतुये खाएम हथुए रहेम" यानी मुझे सत्तू ही क्यों न खानी पड़े लेकिन रहूंगा अपने गाँव ही। जिसका नतीजा हुआ कि आज मेरे चाय पीने वाले प्रतिदिन करीब 2 सौ से ज्यादा लोग हो गए है। आज मुझे चैन और सुकून मिल रही है। जिसका मुझे इंतेजार था। अब मैं कभी विदेश की ओर रुख नही करूंगा और नाही किसी को जाने का सलाह दूंगा।

बाइट-मोहम्मद अब्बास

क्या है हर्बल चाय और इसके फायदे
गठिया अथवा आर्थराइटिस जैसी बीमारियों में जोड़ो में जलन होती है। जोड़ो की इस जलन को कम करने के गुण होते है। यही वजह है कि जोड़ो के दर्द से पीड़ित मरीजो के लिए इसका सेवन उपयोगी माना जाता है। साथ ही इसका सेवन करने से तनाव चिंता, परेशानी, तनाव, अवसाद,आलस थकान, ऊर्जा में कमी और सिरदर्द जैसी मानसिक परेशानीयोन को कम करने में हर्बल चाय को असरकारी माना गया है। डायबिटीज मोटापा और दिल की बीमारियों से ग्रसित लोग के लिए यह चाय उपयोगी साबित होती है इसमें दालचीनी,गोलमिर्च, इलाइची, नमक, नींबू, चायपत्ती और चीनी डाल कर तैयार किया जाता है। जो स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है।







Conclusion:एक ओर जहां हमारे देश के अधिकांश लोगों में विदेश जाकर धन कमाने की होड़ है। वही अब्बास वैसे लोगो के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो अपने देश मे रहकर अच्छी आमदनी कमकर सकून कि जिंदगी जी सके।
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