गोपालगंजः कोरोना काल में स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मियों के अलावा कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी कोरोना वारियर्स की भूमिका निभाई है. जिले में कोरोना काल में सामाजिक कार्यकर्ता नवीन श्रीवास्तव ने लोगों तक सहायता पहुंचाई. आज वे खुद कोरोना पॉजिटिव हैं, लेकिन इससे उनके जज्बे में कमी नहीं आई है. उनका कहना है कि ठीक होने के बाद फिर से वे समाज के लोगों की मदद करेंगे.
दाने-दाने को मोहताज
मार्च के बाद देश में कोरोना ने तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया. इसकी रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन में कई लोगों का काम बंद हो गया. जिससे वे दाने-दाने को मोहताज हो गए. ऐसे में जिले में नवीन ने जरूरतमंद लोगों की मदद की. उन्होंने लोगो के बीच भोजन-पानी और चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था कर समाजिक दायित्वों को पूरा किया.
लावारिश शवों का किया अंतिम संस्कार
नवीन पेशे से एक प्राइवेट शिक्षक हैं, जो सिविल सर्विसेज की तैयारी कराते हैं. उन्होंने अब तक 208 लावारिश शवों का निस्वार्थ भाव से अंतिम संस्कार किया है. एक शव के अंतिम संस्कार में करीब 5 हजार रुपये खर्च होते हैं ये खर्च नवीन खुद वहन करते हैं. कोरोना काल मे उन्होंने सात शवों का अंतिम संस्कार किया. लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों के घर भोजन का पैकेट पहुंचाना हो या किसी बीमार को खुद के गाड़ी से अस्पताल पहुंचाना यह नवीन की दिनचर्या रही है.
फिर से करेंगे लोगों की मदद
जिले में आई विनाशकारी बाढ़ में भी नवीन ने बाढ़ पीड़ितों की काफी मदद की. उनेक इस काम में उन्हें पत्नी शिल्पा व परिवार का भरपूर सहयोग मिला. नवीन ने बताया कि उन्हें कोरोना पॉजिटिव होने पर कोई कोई डर व दुख नहीं है. उनके मन में समाज की सेवा करने का जज्बा आज भी बरकरार है. समाजसेवी ने बताया कि ठीक होने के बाद वे फिर से लोगों की मदद में जुट जाएंगे.
'कोरोना से डरने की जरूरत नहीं'
वहीं नवीन की पत्नी शिल्पा ने बताया कि आज जो भी परिस्थितिया उत्पन्न हुई हैं उससे वे कभी नहीं घबराईं. उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है, बस सतर्क रहकर सुरक्षित रहें.