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यहां आकर बदल जाएगी सरकारी अस्पतालों को लेकर आपकी धारणा, मिल चुका है नंबर-1 PHC का अवॉर्ड - gopalganj latest news

इस स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण साल 2015 में 3 करोड़ 14 लाख रुपए खर्च करा बनाय गया था. इसमें टाइल्स, पर्दा, कूलर, टीवी वातानुकूलित लेबर रूम बनाया गया. इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को प्रदेश स्तर पर सीएचसी अस्पतालों में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उचकागांव
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Published : Aug 17, 2019, 5:45 PM IST

गोपालगंज: जिले के उचका गांव का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिल्कुल निजी अस्पताल जैसा बना दिया गया है. जहां मरीजों को साफ-सफाई रहित और वातानुकूलित माहौल केवल निजी अस्पताल में ही देखने को मिलता था. अब ऐसी ही सुविधा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी मिलेगी. बताया गया है कि इस स्वास्थ्य केंद्र को प्राइवेट की तर्ज पर बनाया गया है. इसमें वातानुकूलित प्रसव केंद्र के साथ ही हरे-भरे पेड़-पौधे अस्पताल को और भी सुंदर बनाते हैं.

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वातानुकूलित प्रसव गृह

निजी अस्पताल जैसी सुविधा
दरअसल, उचका गांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रवेश करते ही आपको ऐसी अनुभूति होगी, मानो किसी निजी नर्सिंग होम में प्रवेश कर रहे हैं. हालांकि लोगों की आम धारणा होती है कि सरकारी व्यवस्था रामभरोसे चलता है. लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं में इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जबाव नहीं. इसमें निजी नर्सिंग होम से भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को बिना किसी शुल्क के मुहैया कराई जाती है. यहां इलाज कराने आने वाले लोगों को वह सारी सुविधाएं बिना किसी परेशानी से मिलती है. जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बनाये गए वातानुकूलित प्रसव कक्ष में गर्भवती महिलाओं को कुशल चिकित्सकों की देखरेख में प्रसव कराया जाता है. वहीं, यहां साफ सफाई की विशेष व्यवस्था की गई है. अस्पताल को सभी कमरों को एलसीडी टीवी, टाइल्स, एलईडी लाइट और सात रंग के चादर से सुसज्जित कर दिया गया है. इतना ही नहीं इस अस्पताल में हरे-भरे फूल के पौधे इसकी शोभा बढ़ाते हैं.

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मराजों के लिए वातावरण हरा-भरा

साफ-सफाई के लिए मिला था प्रथम स्थान
इस स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण साल 2015 में 3 करोड़ 14 लाख रुपए खर्च करा बनाय गया था. इसमें टाइल्स, पर्दा, कूलर, टीवी वातानुकूलित लेबर रूम बनाया गया. इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को प्रदेश स्तर पर सीएचसी अस्पतालों में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. यह उपलब्धि उसे स्वच्छता और बेहतर स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्य और अस्पताल आने वाले मरीजों के बेहतर सुविधा प्रदान करने को लेकर प्राप्त हुआ है. इस उपलब्धि के बाद अस्पताल को 15 लाख रुपये वर्ष 2017 में इनाम के रूप में दिए गए जो अस्पताल के रोगी कल्याण समिति के खाते में भेजी गई थी. इस राशि के 25% अस्पताल कर्मियों को इनाम स्वरूप देने का निर्देश दिया गया था. जो अस्पताल के विकास और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया गया था.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है सभी सरकारी अस्पतालों के लिए मिशाल

दूसरे सरकारी अस्पतालों के लिए बना मिसाल
शहर के चकाचौंध से दूर ग्रामीण इलाकों में स्थित है इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद सुविधाएं किसी बड़े अस्पताल से कम नहीं, यहां के खूबसूरत भवन अपने आप में आकर्षण का केंद्र बना है. इसके अलावा यहां गंदगी से निजात पाने के लिए 24 घंटे सफाई की व्यवस्था की गई है. जिला प्रखंड का यह सरकारी अस्पताल प्रदेश के उन अस्पतालों के लिए मिशाल बना है जहां भारी भरकम सरकारी बजट के बावजूद कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.

गोपालगंज: जिले के उचका गांव का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिल्कुल निजी अस्पताल जैसा बना दिया गया है. जहां मरीजों को साफ-सफाई रहित और वातानुकूलित माहौल केवल निजी अस्पताल में ही देखने को मिलता था. अब ऐसी ही सुविधा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी मिलेगी. बताया गया है कि इस स्वास्थ्य केंद्र को प्राइवेट की तर्ज पर बनाया गया है. इसमें वातानुकूलित प्रसव केंद्र के साथ ही हरे-भरे पेड़-पौधे अस्पताल को और भी सुंदर बनाते हैं.

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वातानुकूलित प्रसव गृह

निजी अस्पताल जैसी सुविधा
दरअसल, उचका गांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रवेश करते ही आपको ऐसी अनुभूति होगी, मानो किसी निजी नर्सिंग होम में प्रवेश कर रहे हैं. हालांकि लोगों की आम धारणा होती है कि सरकारी व्यवस्था रामभरोसे चलता है. लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं में इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जबाव नहीं. इसमें निजी नर्सिंग होम से भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को बिना किसी शुल्क के मुहैया कराई जाती है. यहां इलाज कराने आने वाले लोगों को वह सारी सुविधाएं बिना किसी परेशानी से मिलती है. जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बनाये गए वातानुकूलित प्रसव कक्ष में गर्भवती महिलाओं को कुशल चिकित्सकों की देखरेख में प्रसव कराया जाता है. वहीं, यहां साफ सफाई की विशेष व्यवस्था की गई है. अस्पताल को सभी कमरों को एलसीडी टीवी, टाइल्स, एलईडी लाइट और सात रंग के चादर से सुसज्जित कर दिया गया है. इतना ही नहीं इस अस्पताल में हरे-भरे फूल के पौधे इसकी शोभा बढ़ाते हैं.

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मराजों के लिए वातावरण हरा-भरा

साफ-सफाई के लिए मिला था प्रथम स्थान
इस स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण साल 2015 में 3 करोड़ 14 लाख रुपए खर्च करा बनाय गया था. इसमें टाइल्स, पर्दा, कूलर, टीवी वातानुकूलित लेबर रूम बनाया गया. इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को प्रदेश स्तर पर सीएचसी अस्पतालों में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. यह उपलब्धि उसे स्वच्छता और बेहतर स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्य और अस्पताल आने वाले मरीजों के बेहतर सुविधा प्रदान करने को लेकर प्राप्त हुआ है. इस उपलब्धि के बाद अस्पताल को 15 लाख रुपये वर्ष 2017 में इनाम के रूप में दिए गए जो अस्पताल के रोगी कल्याण समिति के खाते में भेजी गई थी. इस राशि के 25% अस्पताल कर्मियों को इनाम स्वरूप देने का निर्देश दिया गया था. जो अस्पताल के विकास और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया गया था.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है सभी सरकारी अस्पतालों के लिए मिशाल

दूसरे सरकारी अस्पतालों के लिए बना मिसाल
शहर के चकाचौंध से दूर ग्रामीण इलाकों में स्थित है इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद सुविधाएं किसी बड़े अस्पताल से कम नहीं, यहां के खूबसूरत भवन अपने आप में आकर्षण का केंद्र बना है. इसके अलावा यहां गंदगी से निजात पाने के लिए 24 घंटे सफाई की व्यवस्था की गई है. जिला प्रखंड का यह सरकारी अस्पताल प्रदेश के उन अस्पतालों के लिए मिशाल बना है जहां भारी भरकम सरकारी बजट के बावजूद कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.

Intro:कहते हैं नियत आपकी साफ हो तो किसी भी व्यवस्था को सही बनाया जा सकता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला जिले जिला मुख्यालय गोपालगंज से 25 किलो मीटर दूर उचकागांव प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में। जहां की व्यवस्था देख आप भी चकित हो जाएंगे। इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को प्राइवेट की तर्ज पर बनाया गया है जहां मरीजों के उचित देखभाल और इलाज किया जाता है। वातानुकूलित प्रसव केंद्र, हरे भरे पेड़ पौधे इसकी महत्ता को और बढ़ा देती है।






Body:उचकागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रवेश करते ही आपको ऐसी अनुभूति प्राप्त होगी मानो किसी निजी नर्सिंग होम में प्रवेश कर रहे हैं। हालांकि लोगों की आम धारणा होती है, कि सरकारी व्यवस्था रामभरोसे होते हैं। लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं में नजीर इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में निजी नर्सिंग होम से भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को बिना किसी शुल्क के मुहैया कराई जाती है। यहां इलाज कराने आने वाले लोगों को वह सारी सुविधाएं बिना किसी परेशानी से मुहैया कराई जाती है। जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बनाये गए वातानुकूलित प्रसव कक्ष में गर्भवती महिलाओं को कुशल चिकित्सको के देख रेख में कराया जाता है। साफ सफाई की विशेष व्यवस्था की गई है। मरीजों के लिए एलसीडी टीवी सभी कक्षाओं में टाइल्स, एलईडी लाइट, सात रंग के चादर से सुसज्जित कर दिया गया है। इतना ही नहीं इस अस्पताल में हरे भरे फूल के पौधे शोभा बढ़ाते हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन निर्माण वर्ष 2015 में 3 करोड़ 14 लाख रुपए खर्च कर इसका निर्माण कराए गए थे। जिसने टाइल्स, पर्दा, कूलर, टीवी वातानुकूलित लेबर रूम को आकर्षण बनाया गया है।इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को प्रदेश स्तर पर सीएचसी अस्पतालों में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि उसे स्वच्छता और बेहतर स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्य और अस्पताल आने वाले मरीजों के बेहतर सुविधा प्रदान करने को लेकर प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धि के बाद अस्पताल को 15 लाख रुपये वर्ष 2017 में इनाम के रूप में दिए गए जो अस्पताल के रोगी कल्याण समिति के खाते में भेजी गई थी। इस राशि के 25% अस्पताल कर्मियों को इनाम स्वरूप देने का निर्देश दिया गया था। जो अस्पताल के विकास और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया गया था। शहर के चकाचौंध से दूर ग्रामीण इलाकों में स्थित है यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद सुविधाएं किसी बड़े अस्पताल से कम नहीं यहां के खूबसूरत भवन अपने आप में आकर्षण का केंद्र बना है। इसके अलावा यहां गंदगी से निजात पाने के लिए 24 घंटे सफाई की व्यवस्था की गई है। जिला प्रखंड का यह सरकारी अस्पताल प्रदेश के उन अस्पतालों की नजीर बना है जहां भारी भरकम सरकारी बजट के बावजूद कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।

बाइट-डॉ खाबर इमाम, चिकित्सा पदाधिकारी
बाइट-डॉ समीर श्रीवास्तव(यूनिफॉर्म में)
बाइट- राजकुमारी देवी, मरीज के परिजन
बाइट- दिवाकर राय, रजिस्ट्रेशन कर्मी





Conclusion:na
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