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गोपालगंज में शराब तस्करों ने उत्पाद विभाग की नाव में लगाई आग

गोपालगंज में शराब तस्करों ने उत्पाद विभाग के नाव में आग (Excise Department boat fire in Gopalganj) लगा दी. हालांकि नाव को सुरक्षित बचा लिया गया. घटना गोपालगंज सदर प्रखंड के जादोपुर थाने के खाप मकसूदपुर गांव की है. उत्पाद विभाग शराब तस्करों के खिलाफ छापेमारी के लिए गंडक नदी के किनारे नाव लगाई थी. पढ़ें पूरी खबर...

नाव में आग
नाव में आग
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Published : Nov 9, 2022, 6:49 PM IST

गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज में शराब तस्करों (Liquor smugglers in Gopalganj) ने उत्पाद विभाग के नाव में आग लगा दी. शराब कारोबारियों पर छापेमारी के लिए नाव को गंडक नदी में लगाई गयी थी. शराब के खिलाफ छापेमारी (Raid against liquor in Gopalganj) नहीं कर सके, इसलिए शराब तस्करों ने नाव में आग लगा दी. हालांकि नाव को सुरक्षित बचा लिया गया. घटना गोपालगंज-सदर प्रखंड के जादोपुर थाने के खाप मकसूदपुर गांव के पास गंडक नदी की है. फिलहाल यादोपुर थाना पुलिस द्वारा मामले की जांच में जुटी गई है.

ये भी पढ़ें : बिहार पुलिस और शराब माफिया के बीच 4 घंटे तक चली मुठभेड़, गोलियों की आवाज से थर्रा उठा बेतिया

पुआल रखकर लगाई आग : सूबे में पूर्ण शराबबंदी है. उत्पाद विभाग के टीम द्वारा लगातार शराब के खिलाफ छापेमारी अभियान चला रही है. उत्पाद विभाग की टीम गंडक नदी में भी सर्च चला कर शराब कारोबारियों पर कार्रवाई कर रही है. बुधवार को उत्पाद विभाग के नाव गंडक नदी के किनारे लगाई गई थी. तस्करों ने पुआल रख कर आग लगा दी. हालांकि उत्पाद विभाग की टीम ने नाव को सुरक्षित बचा लिया.

अप्रैल 2016 से शराबबंदी : 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बता दें कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. अवैध तरीके से देसी शराब उत्पादन और विदेशी शराब की बिक्री की जा रही है. ऐसे माफियाओं पर लगातार बिहार पुलिस की ओर से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है. पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के अनुसार वर्ष 2021 में बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के अंतर्गत बिहार के सभी जिलों में विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया है. इस दौरान कुल 66,258 प्राथमिकी दर्ज की गई है.

ये भी पढ़ें : 'शराबबंदी कानून में होना चाहिए संशोधन', नीतीश के करीबी पूर्व MLA श्याम बहादुर सिंह की मांग

गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज में शराब तस्करों (Liquor smugglers in Gopalganj) ने उत्पाद विभाग के नाव में आग लगा दी. शराब कारोबारियों पर छापेमारी के लिए नाव को गंडक नदी में लगाई गयी थी. शराब के खिलाफ छापेमारी (Raid against liquor in Gopalganj) नहीं कर सके, इसलिए शराब तस्करों ने नाव में आग लगा दी. हालांकि नाव को सुरक्षित बचा लिया गया. घटना गोपालगंज-सदर प्रखंड के जादोपुर थाने के खाप मकसूदपुर गांव के पास गंडक नदी की है. फिलहाल यादोपुर थाना पुलिस द्वारा मामले की जांच में जुटी गई है.

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पुआल रखकर लगाई आग : सूबे में पूर्ण शराबबंदी है. उत्पाद विभाग के टीम द्वारा लगातार शराब के खिलाफ छापेमारी अभियान चला रही है. उत्पाद विभाग की टीम गंडक नदी में भी सर्च चला कर शराब कारोबारियों पर कार्रवाई कर रही है. बुधवार को उत्पाद विभाग के नाव गंडक नदी के किनारे लगाई गई थी. तस्करों ने पुआल रख कर आग लगा दी. हालांकि उत्पाद विभाग की टीम ने नाव को सुरक्षित बचा लिया.

अप्रैल 2016 से शराबबंदी : 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बता दें कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. अवैध तरीके से देसी शराब उत्पादन और विदेशी शराब की बिक्री की जा रही है. ऐसे माफियाओं पर लगातार बिहार पुलिस की ओर से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है. पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के अनुसार वर्ष 2021 में बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के अंतर्गत बिहार के सभी जिलों में विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया है. इस दौरान कुल 66,258 प्राथमिकी दर्ज की गई है.

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