गोपालगंज: जिले के चनावे स्थित मंडल कारागार में एक अनोखी और सराहनीय कवायद देखने को मिल रही है. दरअसल, यहां वैसे बंदियों के बीच साक्षरता अभियान चलाया गया जो बंदी निरक्षर हैं. लेकिन पढ़ाई-लिखाई में रुचि रखते हैं. इस कार्यक्रम में साक्षर और पढ़े-लिखे बंदियों और महिला-पुरुष पुलिस कर्मियों की ओर से निरक्षर बंदियों को साक्षर बनाने का काम शुरू किया गया है.
दरअसल, चनावे स्थित मंडलकारा प्रशासन हमेशा किसी न किसी गतिविधियों के माध्यम से बंदियों के मानसिक विकास और एक सभ्य नागरिक बनाने के लिए कई तरफ के कार्यक्रम आयोजित करता है. जेल अधीक्षक अमित कुमार समय-समय पर बंदियों के बीच जागरुकता अभियान चलाकर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करते हैं. इसी क्रम में उन्होंने एक बार फिर बंदियों को साक्षर बनाने का बीड़ा उठाया है.
अक्षरों और भाषा का दिया जा रहा ज्ञान
जेल में तैनात महिला सिपाही भी बंदियों में शिक्षा का अलख जगा रही हैं. इस दौरान जेल अधीक्षक अमित कुमार ने कहा कि बंदियों को साक्षर बनाने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई है. इसके लिए सभी आवश्यक सामग्री जैसे ब्लैक बोर्ड, स्लेट, पेंसिल, चौक, मनोहर पोथी उपलब्ध कराया जाता है. सजावार बंदियों को पारिश्रमिक दिया जाता है. महिला खंड में दूसरी व्यवस्था की गई है. महिला कक्षपाल नेहा कुमारी ने निरक्षर महिला बंदियों और 6 वर्ष से कम आयु के शिशुओं को साक्षर बनाने का कार्यक्रम प्रारंभ किया है. कारा प्रशासन का लक्ष्य है कि कारा मुक्ति के समय हर एक निरक्षर बंदी साक्षर होकर कारा से निकले.