गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में सदर प्रखंड (Sadar Block in Gopalganj District) के ख्वाजेपुर पंचायत अंतर्गत विक्रमपुर गांव के लोगों का एक अजीब परेशानी से जीना मुहाल हो गया है. विक्रमपुर के लोग मक्खियों से परेशान (Gopalganj Vikrampur Villagers troubled by flies) हैं. हालत यह हो गयी है कि इस गांव में कोई अपनी बेटी नहीं ब्याहना चाहता. इसके चलते कई लड़कों की शादी नहीं हो सकी है. ग्रामीणों को अन्य कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अब लोग इस गांव से पलायन को मजबूर हो रहे हैं. विडंबना यह है कि इस समस्या का समाधान करने के बारे में प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है.
सुकून से सो भी नहीं पाते ग्रामीण: दरअसल, मक्खियां अपने साथ कई रोग भी लाती हैं. लोग इन्हें देखते ही भगाने के लिए जतन करने लगते हैं. इस गांव में मक्खियां इस कदर फैली हैं कि लोगों को खाने-पीने तक में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इसका प्रमुख कारण यहां खुले पोल्ट्री फॉर्म हैं. विक्रमपुर गांव के लोग महीनों से नहीं बल्कि 5 सालों से मक्खियों की समस्या झेल रहे हैं. आलम यह है कि रात का अंधेरा हो या दिन का उजाला, हरदम मक्खियों की भनभनाहट सुनाई देती है. इन मक्खियों के कारण ग्रामीण सुकून से सो भी नहीं पाते हैं.
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उल्टे पैर भागे लड़की वाले: करीब 3 हजार की आबादी वाले इस गांव में चारों तरफ मक्खियां ही मक्खियां दिखाई देती हैं. जिससे लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी झेलनी पड़ती हैं. स्थानीय युवक अनिकेत ने बताया कि मक्खियों की वजह से अब तक तीन युवकों की शादी का रिश्ता टूट चुका है. जटा चौधरी के बेटे सतेंद्र उर्फ सरल यादव की शादी तीन माह पूर्व मधुबनी जिले में तय हुई थी. लड़की के परिजन जब लड़के के घर पहुंचे तो अत्यधिक मक्खियों को देख परेशान हो गए. वे बिना नाश्ता किये उल्टे पांव मधुबनी के लिए रवाना हो गए.
गांव से लोग कर रहे पलायन : सिर्फ सरल ही नहीं है जिसकी शादी मक्खियों की वजह से टूटी है. इसमें रोहित पटेल, सतेंद्र यादव कई और लोग शामिल हैं जिनके हाथ पीले नहीं हुए. इनकी भी शादी मक्खियों के चलते टूटी है. इतना ही नहीं, इस गांव से अब तक दस लोग पलायन भी कर गए हैं. सुंदर पटेल, संदीप यादव, राहुल कुमार, किशन यादव समेत दस लोगों का परिवार इस गांव से पलायन कर गया है.
मच्छरदानी लगाकर खाते हैं खाना: ग्रामीणों का कहना है कि गांव के इर्द-गिर्द कई पोल्ट्री फॉर्म चलते हैं. इस वजह से यहां मक्खियों की भरमार रहती है. खाना खाते वक्त अक्सर खाने में, चाय या दूध में मक्खी गिर जाती है. इससे खाना बर्बाद हो जाता है. विक्रमपुर गांव के लोग किस तरह मक्खी से परेशान हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मच्छरदानी लगाकर खाना खाने को वह मजबूर होते हैं.
पॉल्ट्री फॉर्म समस्या की जड़: लोगों ने बताया कि बच्चों को पढ़ाई करने में भी काफी कठिनाई होती है. जिला प्रशासन को कई बार मक्खियों से हो रही परेशानी के बारे में जानकारी दी गई, लेकिन उनकी तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया. विक्रमपुर गांव के लोग अब सरकार से मदद की आस लगाये बैठे हैं ताकि उन्हें जल्द से जल्द इस समस्या से छुटकारा मिले. ख्वाजेपुर पंचायत के मुखिया अशोक सिंह से इस संदर्भ में बात की गई तो उनका कहना है कि मामला सही है. आस-पास पॉल्ट्री फॉर्म खुल जाने के कारण यह समस्या उत्पन्न हो गई है. पॉल्ट्री फॉर्म मालिक से सम्पर्क किया जा रहा है. समस्या के समाधान की कोशिश की जा रही है ताकि लोगों को मक्खियों से निजात मिल सके. मक्खियों के कारण शादी-विवाह में अड़चन आ रही है.
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रोग फैलाने वाले जीवाणुओं का वाहक होती हैं मक्खियां: इस मसले पर सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि मक्खियां, जानवर और इंसान दोनों के लिए नुकसानदायक हैं. इंसानों और जानवरों के लिए खतरनाक रोग फैलाने वाले जीवाणुओं का वाहक होती हैं. इसे भगाने के लिए कोई छिड़काव का साधन नहीं होता है. मक्खियों को साफ-सफाई से ही भगाया जा सकता है. मक्खियां सड़े-गले एवं दुर्गंध वाले कार्बनिक पदार्थ (जैसे कचरा, खाद जिनकी नमी 50-85% हो) में अंडे देती हैं. ताजा पोल्ट्री खाद में लगभग 75-80% नमी होती है जो मक्खियों की आबादी पनपने का माध्यम है.
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