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दाखिल-खारिज प्रक्रिया में गोपालगंज सदर प्रखंड नंबर-1, सबसे निचले पायदान पर बैकुंठपुर अंचल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भूमि विवाद को कम करने के लिए ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में तेजी लाने का आदेश दिया था. ताकि जो भी जमीनी विवाद है. उसका आसानी से निबटारा हो सके.

सदर अंचल प्रखंड
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Published : Sep 13, 2019, 1:46 PM IST

गोपालगंज: बिहार में सरकारी व्यवस्था अब मॉर्डन हो रही है. सूबे में दाखिल-खारिज प्रक्रिया ऑनलाइन होने से लोग राहत की सांस ले रहे हैं. इस कार्य में जिले के सदर प्रखंड का अंचल कार्यालय नंबर वन पोजीशन पर है. वहीं, बैकुंठपुर अंचल कार्यालय निचले पायदान पर है.

प्रक्रिया से लोगों में राहत
गोपालगंज अंचल कार्यालय में ऑनलाइन की प्रक्रिया की बदौलत सदर प्रखंड एक नंबर पोजीशन पर है. जबकि पूरे बिहार में 11वें पायदान पर है. ऑनलाइन प्रक्रिया होने से लोगों को काफी राहत मिली है. लोग अब आसानी से अपना नाम दाखिल खारिज करवा रहे हैं. एक ओर जहां अंचल कार्यालय ने यह कीर्तिमान स्थापित किया है. वहीं, दूसरी ओर बैकुंठपुर अंचल निचले स्थान पर है.

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गोपालगंज सदर अंचल प्रखंड

कंप्यूटर ऑपरेटर ने दिया आंकड़ा
आरटीपीएस कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर कहते हैं कि रोजाना 70 लोग दाखिल खारिज करवा रहे हैं. डेली इनके आवेदनों का निष्पादन भी कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि अब तक 7200 आवेदन आ चुके हैं. जिसमें 80 फीसदी काम हो चुका है. जबकि बैकुंठपुर प्रखंड में महज 12.43% दाखिल खारिज करने से निम्न स्थान पर है.

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विजय कुमार, सीओ

सीओ ने दी जानकारी
इस संबंध में सीओ विजय कुमार ने कहा कि भूमि विवाद को बढ़ता देख यह कार्य किया जा रहा है. गोपालगंज प्रखंड में दाखिल खारिज के लिए 7498 आवेदन मिले. जिसमें 80.49 का निष्पादन हुआ है. वहीं, दूसरे स्थान पर उचकागांव प्रखंड है. इस प्रखंड में कुल 2006 आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिसमें 70.79 प्रतिशत मामलों का निष्पादन किया गया. जबकि फुलवरिया प्रखंड में कुल 1041 आवेदनों में 68.40 मामले में काम हुआ है, जोकि तीसरे स्थान पर है.

गोपालगंज से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सीएम के निर्देश पर हो रहा है काम
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भूमि विवाद को कम करने के लिए ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में तेजी लाने का आदेश दिया था. ताकि जो भी जमीनी विवाद है. उसका आसानी से निबटारा हो सके. इसके बावजूद कई जिलो में इस काम में काफी तेजी आई है. लेकिन, अभी भी ऐसे कई जिले या प्रखंड हैं जो इस काम को काफी सुस्त गति से कर रहे हैं.

गोपालगंज: बिहार में सरकारी व्यवस्था अब मॉर्डन हो रही है. सूबे में दाखिल-खारिज प्रक्रिया ऑनलाइन होने से लोग राहत की सांस ले रहे हैं. इस कार्य में जिले के सदर प्रखंड का अंचल कार्यालय नंबर वन पोजीशन पर है. वहीं, बैकुंठपुर अंचल कार्यालय निचले पायदान पर है.

प्रक्रिया से लोगों में राहत
गोपालगंज अंचल कार्यालय में ऑनलाइन की प्रक्रिया की बदौलत सदर प्रखंड एक नंबर पोजीशन पर है. जबकि पूरे बिहार में 11वें पायदान पर है. ऑनलाइन प्रक्रिया होने से लोगों को काफी राहत मिली है. लोग अब आसानी से अपना नाम दाखिल खारिज करवा रहे हैं. एक ओर जहां अंचल कार्यालय ने यह कीर्तिमान स्थापित किया है. वहीं, दूसरी ओर बैकुंठपुर अंचल निचले स्थान पर है.

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गोपालगंज सदर अंचल प्रखंड

कंप्यूटर ऑपरेटर ने दिया आंकड़ा
आरटीपीएस कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर कहते हैं कि रोजाना 70 लोग दाखिल खारिज करवा रहे हैं. डेली इनके आवेदनों का निष्पादन भी कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि अब तक 7200 आवेदन आ चुके हैं. जिसमें 80 फीसदी काम हो चुका है. जबकि बैकुंठपुर प्रखंड में महज 12.43% दाखिल खारिज करने से निम्न स्थान पर है.

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विजय कुमार, सीओ

सीओ ने दी जानकारी
इस संबंध में सीओ विजय कुमार ने कहा कि भूमि विवाद को बढ़ता देख यह कार्य किया जा रहा है. गोपालगंज प्रखंड में दाखिल खारिज के लिए 7498 आवेदन मिले. जिसमें 80.49 का निष्पादन हुआ है. वहीं, दूसरे स्थान पर उचकागांव प्रखंड है. इस प्रखंड में कुल 2006 आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिसमें 70.79 प्रतिशत मामलों का निष्पादन किया गया. जबकि फुलवरिया प्रखंड में कुल 1041 आवेदनों में 68.40 मामले में काम हुआ है, जोकि तीसरे स्थान पर है.

गोपालगंज से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सीएम के निर्देश पर हो रहा है काम
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भूमि विवाद को कम करने के लिए ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में तेजी लाने का आदेश दिया था. ताकि जो भी जमीनी विवाद है. उसका आसानी से निबटारा हो सके. इसके बावजूद कई जिलो में इस काम में काफी तेजी आई है. लेकिन, अभी भी ऐसे कई जिले या प्रखंड हैं जो इस काम को काफी सुस्त गति से कर रहे हैं.

Intro:सूबे में आन ऑनलाइन दाखिल खारिज शुरू होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है वहीं गोपालगंज अंचल कार्यालय रोजाना दाखिल खारिज कराने अंचल कार्यालय में लोगों के पहुंचने पर उन्हें तत्काल सेवाएं मुहैया कराई जा रही है। रोजाना 70 लोग आरटीपीएस कार्यालय पहुंचकर अपना दाखिल खारिज करवा रहे हैं। इसके बाद सदर प्रखंड नंबर वन पोजीशन पर पहुंच गया है जबकि पूरे बिहार में प्रखंड 11 नंबर पर है वही बैकुंठपुर अंचल कार्यालय दाग लगा दिया है और यह सबसे निचले पायदान पर है





Body:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विभिन्न जिलों में दाखिल खारिज की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश जारी किया था। जिसमें गोपालगंज सदर प्रखंड ने अपना कार्य बखूबी निभाते हुए 80.49% मामलों का निष्पादन कर दिया। जिसके आधार पर यह प्रखंड पूरे जिले में अव्वल श्रेणी में पहुंच गया है। वहीं दाखिल खारिज के मामले में प्रशासन के प्रयास पर बैकुंठपुर प्रखंड दाग लगा दिया है। महज 12.43 % दाखिल खारिज करने से यह प्रखंड जिले में इस मामले में सबसे निचले पायदान पर है। ग्रामीण इलाकों में जमीनी विवाद तथा मारपीट का अधिकतर कारण जमीन संबंधित विवाद होता है। जिसे देखते हुए सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने भूमि विवाद की एक बड़ा कारण दाखिल खारिज को जल्द निपटाने का निर्देश जारी किया है। ऑनलाइन दाखिल खारिज करने की सुविधा भी लोगों को मिल गई है। इस निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन भी दाखिल खारिज के आवेदनों को जल्द निपटाने का निर्देश जिले के सभी प्रखंडों के अंचलाधिकारी को दिया है। लेकिन इस दिस निर्देश के बाद भी जिले के कुछ प्रखंडों में दाखिल खारिज करने के मामले को काफी सुस्त गति से निपटाया जा रहा हैं। और कुछ प्रखंडों में काफी बेहतर कार्य किये जा रहे है। दाखिल खारिज की ऑनलाइन सुविधा के बाद अब तक ढाई साल में किए गए दाखिल खारिज का एनआईसी से जारी रिपोर्ट में इस मामले में गोपालगंज प्रखंड में नया कीर्तिमान बनाया है। रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन की सुविधा उपलब्ध होने के बाद ढाई साल में गोपालगंज प्रखंड में दाखिल खारिज के लिए 7498 आवेदन मिले जिसमें 80.49 निष्पादन हुआ है। वही दूसरे स्थान पर उचकागांव प्रखंड है। इस प्रखंड में कुल 2006 आवेदन प्राप्त हुए जिसमे 70.79 प्रतिशत मामलों का निष्पादन किया। जबकिं फुलवरिया प्रखंड में कुल 1041 आवेदनों में 68.40 मामले का निष्पादन किया गया है।जो तीसरे स्थान पर है। सदर प्रखंड के इस बेहतरी के कारण खुद सीओ विजय कुमार के लगने और मेहनत का बदौलत सम्भव हो पाया है इस संदर्भ में उन्होंने बताया कि ढाई वर्ष से जबसे ऑनलाइन दाखिल खारिज करने की व्यवथा लागू की गई है तब से लेकर आज तक के रिपोर्ट एनआईसी ने जारी किया है जिसमे सदर प्रखंड पहले स्थान पर है। मैं खुद देर रात तक डोंगल के द्वारा कार्य कारता हूं। 6 बजे से रात्री दस बजे तक मामले का निष्पादन किया जाता है। उन्होंने कहा की ऑनलाइन लगान के मामले में भी यह प्रखण्ड 5 वें स्थान पर है। आरटीपीएस काउंटर पर बैठे कॉम्प्यूटर ऑपरेटर उज्ज्वल कुमार ने बताया कि यहां रोजाना करीब 70 लोग आते है जिनका निष्पादन तत्काल कर दिया जाता है।




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