गोपालगंज: गंडक नदी की धारा तेज होते ही नदी से सटे इलाकों में कटाव भी शुरू हो चुके है. ऐसे में दियारा इलाके में रहने वाले लोग डरे-सहमे हैं. नदी की धारा कटाव करते हुए खेतों को अपने में लील कर रही है. पूरे गांव में दहशत का माहौल है. नदी के कटाव को देखते हुए ग्रामीण चिंतित है. कटाव का सबसे अधिक असर काला मटिहानिया, बिशंभरपुर भैशही, मलाही टोला, मकसूदपुर में देखने को मिल रही है. हालांकि कटाव रोकने के लिए विभागीय कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है. मजदूरों को कटाव रोधी कार्य में लगा दिया गया है.
15 जून के पहले पूरे होंगे काम
कटाव को रोकने के लिए सीमेंटेड पिलर लगाए जा रहे हैं. बोरे में भरकर मिट्टी भी डाली जा रही है, ताकि कटाव को रोका जा सके. ग्रामीणों का कहना है कि रोजाना पानी बढ़ रहा है और कटाव भी जारी है. इन हालातों में हम काफी चिंतित हैं. बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता ओमप्रकाश अम्बर्ग ने बताया कि बाढ़ के दिनों में इन इलाकों में हालात सेंसिटीव हो जाते हैं. इन इलाकों में स्वीकृति मिलने के बाद काम शुरु कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि 15 जून के पहले सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे. 5-6 सेंसेटिव स्पॉट हैं, जहां कटाव हो रहे हैं. वहां ऑफिसरों को निगरानी में लगा दिया गया है.
कटाव से परेशान ग्रामीण
गोपालगंज हमेशा ही बाढ़ और कटाव से जूझता रहा है. कटाव और विनाशकारी बाढ़ ने कई गांवों के अस्तित्व को ही खत्म कर दिया. दियारा इलाके के लोगों की सबसे बड़ी समस्या कटाव ही है, क्योंकि हर साल जल-स्तर में बढ़ोतरी होती जाती है. इलाके के लोगों की हजारों एकड़ जमीन गंडक नदी के गोद में समा जाती है. एक बार फिर गंडक नदी की धारा तेज हो चुकी है और लगातार कटाव हो रहे हैं. ऐसे में लोग डरे और सहमे हुए हैं. उन्हें इस बात की चिंता सता रही है, कि कटाव बढ़ते रहने दियारा के सभी गांवों पर खतरा मंडरा रहा है.