गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में मुख्यसचिव के फर्जी ओएसडी (Fake OSD of Chief Secretary in Gopalganj district) बनने का मामला सामने आया है. ओएसडी बनकर सदर एसडीओ से मिलने के लिए दो सामाजिक कार्यकर्ता सह राजनैतिक पार्टी के नेता एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार से मिलने आये मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के फर्जी ओएसडी की जमकर धुलाई की गई. इसके बाद मौके का फायदा उठाकर दोनों भागने में सफल रहे.
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घटना की जानकारी - घटना के बारे में बताया जाता है कि मुख्य सचिव आमिर सुबहानी(Chief Secretary Amir Subahani) के दो फर्जी ओएसडी बन गये. जिले के एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार को पिछले 15 दिनों से परेशान कर रहा था. ओएसडी के नाम पर धौंस जमाने वाले दो लोग एसडीओ से मिलने कार्यालय पहुंचे। कार्यालय में पहले से थावे महोत्सव को लेकर बैठक चल रही थी. उस बैठक में पदाधिकारियों के साथ अन्य लोग भी शामिल थे. बैठक के बीच में दोनों समाजिक कार्यकर्ता सह नेता रविरंजन प्रसाद व हसिब अख्तर खान पहूंचे. सीएस के ओएसडी खुर्शिद अब्बास का नाम लिखकर चपरासी के द्वारा पर्ची भेज मिलने के लिए भेजा. पर्ची देखकर एसडीओ ने नेताओं को अंदर बुलाया. दोनों नेताओं के कार्यालय के अंदर आते ही एसडीओ ने अपने चपरासी को दरवाजा बंद करने का आदेश दिया. उसके बाद अपने अंगरक्षक को बुलाया. बैठक में शामिल पदाधिकारी और लोगों को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, कि आखिर एसडीओ क्या कर रहे है ? खुद एसडीओ खड़े हुए और दोनों नेताओं की जमकर पिटाई की. बाद का काम उनके अंगरक्षकों ने बंद कमरे में बखूबी निभाया. नेताओं को फिर बरामदे में ले जाकर पिटाई की गई.
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एसडीओ ने की घटना की पुष्टि - एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार (Gopalganj Sdo Dr.Pradeep Kumar) ने बताया कि मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के फर्जी ओएसडी खुर्शीद अब्बास(Osd Khursid Alam) बनकर लगातार 15 दिनों से मैसेज और मोबाइल से बात करता था. कभी किसी अधिकारी का नाम लेकर अपने को संबंध होने का दावा करता था. लगातार उसके टेलीफोन आने के बाद जब पता किया तो मुख्य सचिव का ओएसडी कभी कॉल ही नहीं किया. ओएसडी के नाम पर फर्जी ओएसडी बनकर ब्लैकमेल करना चाह रहा था. ओएसडी के नाम पर जिले के रवि रंजन प्रसाद व हसीब अख्तर खान ने पर्ची पर ओएसडी का नाम लिखकर मिलने आए थे. जब उन दोनों से फर्जी ओएसडी के बारे में जानकारी मांगी जा रही थी तो दोनों एक दूसरे के ऊपर आरोप लगा रहे थे. एसडीओ ने स्वीकार किया कि दोनों नेताओं की पिटाई अंगरक्षकों ने की है. उन्होंने कहा कि यह जानकारी मिली है कि इसके पहले भी पदाधिकारियों पर दबाव बनाकर वसूली किया है.
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