गोपालगंज: पिछले पांच दिनों की हुई बारिश के कारण किसानों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. खेतों में तैयार गेंहू के फसल लॉकडाउन के कारण कट नहीं सके और अब बारिश के पानी तैयार फसल को बर्वाद कर दिया है. गेंहू की बालियां खेत में अंकुरित हो गए हैं. वहीं, खेतों में कटनी करने के बाद भी गेहूं के दाने किसानों के घर नहीं पहुंच पा रहे हैं.
दरअसल, जिले के किसानों पर कुदरत की दोहरी मार पड़ी है. पिछले 5 दिनों की हुई बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं से खेतों में तैयार गेहूं की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. पहले तो इन किसानों द्वारा लगाये गये गेंहू के तैयार फसल कट नहीं सके और खेत में ही झड़ कर गिरने लगे थे. अब बारिश ने भी इनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है. आलम यह है कि किसानों के खेतों में घुटने तक पानी लग गए हैं. कुछ किसान कटनी कर गेंहू को दवनी करने के लिए रखे थे, लेकिन गेंहू भी घर नहीं पहुंचा और खेत में ही फसल भींग जाने के कारण अंकुरित होकर सड़कर काले हो गए हैं.
बारिश की कहर से लक्ष्य पर फिरता नजर आ रहा है पानी'
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक गोपालगंज जिले के 14 प्रखंड के 234 पंचायतों में इस बार किसानों के द्वारा 97 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गयी है. इससे 2 लाख 97 क्विंटल गेहूं उत्पाद होने का लक्ष्य निर्धारित किया था. फसल का उत्पादन भी अच्छा हुआ. लेकिन कटनी से पहले लॉकडाउन और उसके बाद इंद्र भगवान की कहर से लक्ष्य पर पानी फिरता नजर आ रहा है. हलांकि, कृषि विभाग नुकसान हुए गेहूं की फसलों का सर्वे करा रहा है.
'किसानों के क्षति का कराया जा रहा है आकलन'
ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए किसानों ने अपने दर्द को बयां करते हुए कहा कि काफी मेहनत और कर्ज लेकर गेंहू की खेती किये थे, ताकि हम और हमारे बच्चे अपना पेट भर सके. लेकिन लॉकडाउन के कारण तैयार फसल नहीं काट सके. वहीं, अब बारिश के पानी ने सारी फसलों को बर्बाद कर दिया है. खेत में काटकर रखे गेंहू अंकुर गया है. गेंहू के दाने काले हो गए हैं. अब हम लोगों का कर्ज कैसे चुकता होगा. मामले में कृषि पदाधिकारी ने कहा कि बारिश के कारण कुछ किसानो की क्षति हुई है. सभी प्रखंडों में किसानों के क्षति का आकलन कराया जा रहा है. जब तक पूरी रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक नुकसान के मद में कुछ भी बताना मुश्किल है.