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छठ महापर्व की तैयारी, घाटों पर बनने लगा 'सुरसुप्ता', ये है इसके पीछे की मान्यताएं - chhath puja preparations in gopalganj

लोक आस्था का महापर्व छठ (Chhath puja 2022) को लेकर गोपालगंज में विशेष तैयारियां चल रही हैं. छठ में मनोकामना पूरी होने के बाद श्रद्धालु सुरसुप्ता बनाकर छठ माई की पूजा करने की तैयारियों में जुट गए हैं. पढ़ें छठ पर स्पेशल रिपोर्ट..

गोपालगंज में छठ महापर्व
गोपालगंज में छठ महापर्व
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Published : Oct 16, 2022, 9:08 PM IST

गोपालगंज: लोक आस्था का महापर्व छठ (Chhath Puja 2022) को लेकर तैयारियां जोर शोर (Preparations in full swing for Chhath) से चल रही हैें. महापर्व छठ को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. वहीं लोग बड़ी धूम-धाम से घाटों की की साफ-सफाई में जुट गए हैं. बिहार में महापर्व छठ को लेकर लोगों में इतनी आस्था है कि मन्नतें पूरी होने पर लोग सुरसुप्ता का निर्माण कराकर उसे पूजा करते हुए नजर आते हैं. बिहार के गोपालगंज में भी कुछ ऐसा ही नजारा नजर आ रहा है.

ये भी पढ़ें- Chhath Puja 2022: 'सुनिहा अरज छठी मईया...' London में जोरों पर चल रही छठ की तैयारी

जिले में छठ की धूम: छठ महापर्व (great festival of folk faith Chhath) को आने में अभी लगभग 15 दिन बचे हैं. लेकिन छठ को लेकर जिले में अभी से रौनक बढ़ गई है. जिले के विभिन्न छठ स्थानों पर छठ पूजा को लेकर सुरसुप्ता की रंगाई पुताई और साफ सफाई का अभियान जारी है. खास बात ये है कि इस काम को करने के लिए लोग खुद आगे आ रहे हैं और पुण्य का भागीदार बनना चाह रहे हैं. गौरतलब है कि गोपालगंज जिले में सुरसुप्ता बनाकर छठ माई की पूजा करने की मान्यता सदियों से चली आ रही है.

मन्नत पूर्ण होने पर भक्त बनाते हैं सुरसुप्ता: गोपालगंज में छठ महापर्व में सुरसुप्ता बनाने को लेकर मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से कोई मन्नत मांगता है और वह मन्नत पूर्ण होता है, तो वह सुरसुप्ता बनाकर भक्ति भाव से छठी माई की पूजा करते है और सुख शांति समृद्धि की कामना करते हैं.

"जो भी सच्चे मन से कोई भी मन्नत मांगता है, उसे मन्नत पूर्ण हो जाने पर सुरसुप्ता का निर्माण कराता है और उन्हें भी मन्नत पूर्ण हुआ है. जिसके बाद सुरसुप्ता का निर्माण कराया गया है".- ललिता देवी, स्थानीय श्रद्धालु

गोपालगंज में है ये खास परंपरा: बिहार के अन्य जिलों में शायद ही इस तरह की पूजा देखने को मिलती है. अन्य जगहों पर लोग छठ घाट पर ही जाकर नदी और तालाब के किनारे पानी मे खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ देते हैं. लेकिन गोपालगंज जिले में नदी, तलाब और घाट के किनारे पानी मे खड़े होकर अर्घ देने के साथ ही घाट किनारे या फिर खाली जगहों पर सुरसुप्ता बनाकर पूजा करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ देते हैं.

दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है छठ: लोक आस्था के इस पर्व को लेकर लोगो में इतनी आस्था है कि इसके संदर्भ में कई मान्यता और कहानियां प्रचलित है. बिहार में इस महापर्व को मनाने के लिए दूर-दूर से लोग अपने घर पहुंचते हैं और परिवार के साथ छठ पर्व मनाते हैं. लेकिन छठ की मान्यता अब केवल बिहार तक ही सीमित नहीं हैं. पूरी दुनिया में छठ महापर्व को लेकर श्रद्धालु उत्सुक रहते हैं. बिहार के अलावा देश और विदेश के अलग-अलग हिस्सों से छठ महापर्व को धूम-धाम से मनाने की तस्वीरें हर साल सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं.

ये भी पढ़ें- पटना में गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि, डेंजर लेवल को छूने से महज 5 सेंटीमीटर दूर

गोपालगंज: लोक आस्था का महापर्व छठ (Chhath Puja 2022) को लेकर तैयारियां जोर शोर (Preparations in full swing for Chhath) से चल रही हैें. महापर्व छठ को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. वहीं लोग बड़ी धूम-धाम से घाटों की की साफ-सफाई में जुट गए हैं. बिहार में महापर्व छठ को लेकर लोगों में इतनी आस्था है कि मन्नतें पूरी होने पर लोग सुरसुप्ता का निर्माण कराकर उसे पूजा करते हुए नजर आते हैं. बिहार के गोपालगंज में भी कुछ ऐसा ही नजारा नजर आ रहा है.

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जिले में छठ की धूम: छठ महापर्व (great festival of folk faith Chhath) को आने में अभी लगभग 15 दिन बचे हैं. लेकिन छठ को लेकर जिले में अभी से रौनक बढ़ गई है. जिले के विभिन्न छठ स्थानों पर छठ पूजा को लेकर सुरसुप्ता की रंगाई पुताई और साफ सफाई का अभियान जारी है. खास बात ये है कि इस काम को करने के लिए लोग खुद आगे आ रहे हैं और पुण्य का भागीदार बनना चाह रहे हैं. गौरतलब है कि गोपालगंज जिले में सुरसुप्ता बनाकर छठ माई की पूजा करने की मान्यता सदियों से चली आ रही है.

मन्नत पूर्ण होने पर भक्त बनाते हैं सुरसुप्ता: गोपालगंज में छठ महापर्व में सुरसुप्ता बनाने को लेकर मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से कोई मन्नत मांगता है और वह मन्नत पूर्ण होता है, तो वह सुरसुप्ता बनाकर भक्ति भाव से छठी माई की पूजा करते है और सुख शांति समृद्धि की कामना करते हैं.

"जो भी सच्चे मन से कोई भी मन्नत मांगता है, उसे मन्नत पूर्ण हो जाने पर सुरसुप्ता का निर्माण कराता है और उन्हें भी मन्नत पूर्ण हुआ है. जिसके बाद सुरसुप्ता का निर्माण कराया गया है".- ललिता देवी, स्थानीय श्रद्धालु

गोपालगंज में है ये खास परंपरा: बिहार के अन्य जिलों में शायद ही इस तरह की पूजा देखने को मिलती है. अन्य जगहों पर लोग छठ घाट पर ही जाकर नदी और तालाब के किनारे पानी मे खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ देते हैं. लेकिन गोपालगंज जिले में नदी, तलाब और घाट के किनारे पानी मे खड़े होकर अर्घ देने के साथ ही घाट किनारे या फिर खाली जगहों पर सुरसुप्ता बनाकर पूजा करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ देते हैं.

दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है छठ: लोक आस्था के इस पर्व को लेकर लोगो में इतनी आस्था है कि इसके संदर्भ में कई मान्यता और कहानियां प्रचलित है. बिहार में इस महापर्व को मनाने के लिए दूर-दूर से लोग अपने घर पहुंचते हैं और परिवार के साथ छठ पर्व मनाते हैं. लेकिन छठ की मान्यता अब केवल बिहार तक ही सीमित नहीं हैं. पूरी दुनिया में छठ महापर्व को लेकर श्रद्धालु उत्सुक रहते हैं. बिहार के अलावा देश और विदेश के अलग-अलग हिस्सों से छठ महापर्व को धूम-धाम से मनाने की तस्वीरें हर साल सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं.

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