गयाः बोधगया के कालचक्र मैदान में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के पांच दिवसीय प्रवचन का आज तीसरा दिन था. तीसरे दिन में प्रवचन में दलाईलामा ने मंजुश्री धर्मचक्र और आर्य तारादेवी का अभिषेक किया. उन्होंने कहा मंजुश्री धर्मचक्र और आर्य तारा देवी का अभिषेक करने से शांति की प्राप्ति होती है.
तीसरे दिन मंजुश्री धर्मचक्र का हुआ अभिषेक
बौद्ध धर्मगुरू14वें दलाईलामा के पांच दिवसीय प्रवचन में बोधगया के कालचक्र मैदान में हो रहा है. शनिवार को तीसरे दिन दलाईलामा मंजुश्री और आर्य तारा देवी को केंद्रित कर प्रवचन दिया. तीसरे दिन के प्रवचन में मंजुश्री धर्मचक्र और आर्य तारादेवी के अभिषेक किया गया. अभिषेक पूर्व सुतपाठ भी किया गया.
आर्य तारा देवी का भी हुआ अभिषेक
तारा देवी का 21 नामो से जाना जाता है. आज आर्य तारादेवी का अभिषेक किया गया है. बोधगया में एक ग्रीन तारा देवी मंदिर है. पेरू से आयी बौद्ध श्रदालु ने बताया तारा देवी हिन्दू और बौद्ध धर्म के संगम वाली देवी हैं. तारा देवी को हमलोग करुणा के रूप में पूजते हैं. वहीं, हिन्दू धर्म में शक्ति के लिए पूजी जाती हैं.
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विश्व शांति के लिए होता है अभिषेक
मंजूश्री धर्म चक्र और आर्य तारा देवी का अभिषेक करते हुए दलाई लामा ने कहा कि जो भी अभिषेक और पूजा होती है विश्व शांति के लिए होती है. इस अभिषेक जरिए यही प्रयास करना चाहिए कि हमारे अंदर जो बुराइयां हैं, वह सारे नष्ट हो सके. हम सभी का विचार होता है कि हमें सुख मिले किसी तरह का दुख ना मिले. जीवन मे शून्यता को आधार बनाकर ही चलना चाहिए. अगर शून्यता का आधार नहीं बनाएंगे जितना भी अभिषेक कर ले कोई लाभ नहीं मिलेगा.
शेष रह गए विषयों पर प्रवचन शुरू
दलाईलामा पिछले वर्ष शेष रह गए द व्हील ऑफ टीचिंग और मंजुश्री का प्रवचन आखिर के तीन दिन में पूरा करेंगे. मंजुश्री धर्मचक्र के अभिषेक से शेष रह गए विषयों पर प्रवचन शुरू हो गया है जो सोमवार तक चलेगा.