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गया जंक्शन की बदल रही है सूरत, पहुंचते ही मोक्ष और ज्ञान की नगरी में होने का होगा एहसास

जंक्शन के मुख्य एंट्रेंस और वेटिंग रूम को सनातन और बौद्ध धर्म के देवता और मान्यताओं से सजाया जा रहा है. दीवारों पर भगवान बुद्ध और विष्णु की छटा से लेकर बोधगया के मंदिर और यहां के पहाड़ों की झलक उकेरी जा रही है.

गया जंक्शन
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Published : Aug 21, 2019, 10:29 AM IST

गयाः गया रेलवे जंक्शन पर यहां की धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यताओं की झलक दिखेगी. स्टेशन की दीवारों पर भगवान बुद्ध और विष्णु की छटा से लेकर बोधगया के मंदिर और यहां के पहाड़ों की झलक उकेरी जा रही है. यात्रियों को जंक्शन पर उतरते ही एहसास होगा की वो मोक्ष और ज्ञान की धरती पर आ चुके हैं. जंक्शन परिसर में चित्रकारी करने के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कला के छात्रों को बुलाया गया है.

पूरी रिपोर्ट

दीवारों पर रहती थी मकड़ों की जाल
जंक्शन के मुख्य एंट्रेंस और वेटिंग रूम को सनातन और बौद्ध धर्म के देवता और मान्यताओं से सजाया जा रहा है. विश्रामालय में अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे एक यात्री बताते हैं कि कुछ दिन तक यहां की दीवारें मकड़ों की जाल और पान-गुटकों की पिक से पटी रहती थी. अब यहां की पहचान के अनुसार पेटिंग की जा रही है. गया आने वाले लोग यहां के पर्यटन स्थल की झलक अब स्टेशन पर ही देख लेंगे.

गया
जंक्शन की दीवारों पर पेंटिग करते कलाकार

BHU के छात्र कर रहे हैं पेंटिग
पेटिंग कर रहे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र अंजन रत्न ने बताया कि हमलोगों को विश्वविद्यालय की ओर से भेजा गया है. गया की पहचान और यहां की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हमलोग पेटिंग बना रहे हैं. बैकग्राउंड में पहाड़ को दर्शाया गया है क्योंकि गया में एंट्री करते ही पहाड़ दिखती है. उसके ऊपर पेड़-पौधे और फूल बनाए गए हैं. प्लाई बोर्ड पर विष्णु के दशावतार और बुद्ध के विभिन्न मुद्राओं की तस्वीर बनाई गई है.

गया
दीवारों पर उकेरी गई कलाकृतियां

पितृपक्ष मेला से पहले बदल जाएगी सूरत
बता दें कि गया जंक्शन मुगलसराय मंडल का सबसे बड़ा जंक्शन है. सामान्य दिनों में यहां से औसतन 22 हजार यात्री यात्रा करते हैं. जबकी पितृ पक्ष मेला के समय यात्रियों की संख्या बढ़कर लाखों में पहुंच जाती है. बताया जा रहा कि पितृ पक्ष मेला शुरू होने से पहले ही गया जंक्शन की सूरत बदल जायेगी.

गयाः गया रेलवे जंक्शन पर यहां की धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यताओं की झलक दिखेगी. स्टेशन की दीवारों पर भगवान बुद्ध और विष्णु की छटा से लेकर बोधगया के मंदिर और यहां के पहाड़ों की झलक उकेरी जा रही है. यात्रियों को जंक्शन पर उतरते ही एहसास होगा की वो मोक्ष और ज्ञान की धरती पर आ चुके हैं. जंक्शन परिसर में चित्रकारी करने के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कला के छात्रों को बुलाया गया है.

पूरी रिपोर्ट

दीवारों पर रहती थी मकड़ों की जाल
जंक्शन के मुख्य एंट्रेंस और वेटिंग रूम को सनातन और बौद्ध धर्म के देवता और मान्यताओं से सजाया जा रहा है. विश्रामालय में अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे एक यात्री बताते हैं कि कुछ दिन तक यहां की दीवारें मकड़ों की जाल और पान-गुटकों की पिक से पटी रहती थी. अब यहां की पहचान के अनुसार पेटिंग की जा रही है. गया आने वाले लोग यहां के पर्यटन स्थल की झलक अब स्टेशन पर ही देख लेंगे.

गया
जंक्शन की दीवारों पर पेंटिग करते कलाकार

BHU के छात्र कर रहे हैं पेंटिग
पेटिंग कर रहे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र अंजन रत्न ने बताया कि हमलोगों को विश्वविद्यालय की ओर से भेजा गया है. गया की पहचान और यहां की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हमलोग पेटिंग बना रहे हैं. बैकग्राउंड में पहाड़ को दर्शाया गया है क्योंकि गया में एंट्री करते ही पहाड़ दिखती है. उसके ऊपर पेड़-पौधे और फूल बनाए गए हैं. प्लाई बोर्ड पर विष्णु के दशावतार और बुद्ध के विभिन्न मुद्राओं की तस्वीर बनाई गई है.

गया
दीवारों पर उकेरी गई कलाकृतियां

पितृपक्ष मेला से पहले बदल जाएगी सूरत
बता दें कि गया जंक्शन मुगलसराय मंडल का सबसे बड़ा जंक्शन है. सामान्य दिनों में यहां से औसतन 22 हजार यात्री यात्रा करते हैं. जबकी पितृ पक्ष मेला के समय यात्रियों की संख्या बढ़कर लाखों में पहुंच जाती है. बताया जा रहा कि पितृ पक्ष मेला शुरू होने से पहले ही गया जंक्शन की सूरत बदल जायेगी.

Intro:मुगलसराय मंडल का सबसे बड़ा जंक्शन गया जंक्शन पर यात्रियों के सुविधाएं नग्न हैं। सुविधाएं के नाम पर अभी काम जारी है। इसी क्रम में गया जंक्शन को गया के पहचान अनुरूप मोक्ष और ज्ञान के भूमि का झलक को गया जंक्शन पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा परिसर के दीवारों पर पेटिंग किया जा रहा है।


Body:गया का पहचान मोक्ष और ज्ञान की धरती के रूप में देश-विदेश में है। गया को सबसे ज्यादा जोड़नेवाला रेल मार्ग हैं। सामान्य दिन में औसतन गया जंक्शन से 22 हजार यात्री यात्रा करते हैं। पितृपक्ष मेला और पर्यटन माह में यात्रियों की संख्या लाखो तक पहुँच जाती हैं। गया जंक्शन पर उतरने के साथ सामान्य स्टेशन परिसर के तरह था,लेकिन अब स्टेशन का बयार बदल गया है। स्टेशन के मुख्य एंट्रेंस , वेटिंग रूम , विश्रामलय में सनातन और बौद्ध धर्म से जुड़े पेटिंग दीवारों पर किया जा रहा है और 3 डी पेटिंग लगाया भी जा रहा है।

नवादा से आये अमित कुमार ने बताया कुछ दिन पूर्व गया जंक्शन पर आया था जमीन के साथ दीवारों पर गन्दगी था। अब पेटिंग देखकर खुशी मिल रहा है। गया के पहचान के अनुसार भगवान विष्णु और गौतम बुद्ध की पेंटिंग बनाया गया। हम सभी पेटिंग देखकर मंत्रमुग्ध हैं।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय आर्ट्स के छात्र अंजन रत्न ने बताया हमलोग को विश्वविद्यालय से ये मौका मिला है। गया के पहचान और पौराणिक मान्यता के अनुसार हमलोग पेटिंग बना रहे है। हमलोग बैकग्राउंड पहाड़ को दिया है क्योंकि गया में एंट्री करते ही पहाड़ दिखता है। उसके ऊपर फूलों का पेटिंग किया है। उसके प्लाई बोर्ड पर विष्णु के दश अवतार और बुद्ध के विभिन्न मुद्रा को लगाया गया है। प्रथम श्रेणी के वेटिंग रूम और मुख्य एंट्री गेट पर कार्य करेगे। पितृपक्ष मेला शुरू होने से पहले गया जंक्शन का सूरत बदल जायेगा। यात्रियों को जंक्शन पर उतरने के साथ ही एहसास होगा मोक्ष और ज्ञान की धरती पर आ चुके हैं।



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