गया: राजद के वरिष्ठ नेता श्याम रजक (Shyam Rajak) मंगलवार को निजी दौरे पर गया पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने चिराग पासवान (Chirag Paswan) को लेकर कहा कि उन्होंने सोमवार को आशीर्वाद यात्रा (Aashirwad Yatra) निकाली थी, जिसमें लोगों का हुजूम जुटा था. डेढ़ घंटे का रास्ता तय करने में 6 घंटे लग गए. इससे साफ है कि आज भी उन्हें उनके समुदाय का समर्थन प्राप्त है. लेकिन, चिराग पासवान मोदी के हनुमान नहीं हैं, वो एकलव्य बनकर रह गए हैं.
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'अफसरशाही से तंग आकर दिया था इस्तीफा'
दरअसल, लालू राज से लेकर नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके राजद के वरिष्ठ नेता श्याम रजक निजी कार्यक्रम के तहत गया पहुंचे थे. उन्होंने जिला अतिथिशाला में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मैंने भी इस्तीफा अफसरशाही से तंग आकर ही दिया था.
'नीतीश कुमार की अफसरों पर कमान नहीं'
उन्होंने कहा कि अफसर मंत्री को बाईपास करके फैसला लेते है. इन अफसरों के लिए मंत्री कुछ नहीं होता है. ये सभी प्रधान सचिव से संचालित होते हैं. नीतीश कुमार की अफसरों पर कमान नहीं है. मैं तो बहुत हद तक अपने विभाग में अफसरों को नियंत्रित रखता था.
वहीं, संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि जो इस तरह का कार्यं करते हैं, वो हिन्दू नहीं हो सकते हैं. मैं मोहन भागवत से कहना चाहता हूं कि आपके लोगों ने इससे पहले जो भी कार्य किए हैं, उसका प्रायश्चित करना होगा.
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चिराग की 'आशीर्वाद यात्रा'
बता दें कि चिराग ने अपने पिता की जयंती के अवसर पर सोमवार को हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र (जिसका उनके पिता ने कई दशकों तक प्रतिनिधित्व किया) से 'आशीर्वाद यात्रा' की शुरुआत की थी. उनके इस निर्णय ने हाजीपुर का वर्तमान में प्रतिनिधित्व करने वाले पारस को नाराज कर दिया है, जो लोजपा के अन्य सभी सांसदों के समर्थन से चिराग को हटाकर स्वयं लोकसभा में पार्टी के नेता के तौर पर आसीन होने के बाद अपने गुट द्वारा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किए गए हैं.