गया : अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व दशहरा, विजयादशमी के दिन रावण दहन के साथ ही धूमधाम और उल्लास के साथ संपन्न हो गया. बिहार के गया स्थित गांधी मैदान में मंगलवार को रावण दहन का कार्यक्रम चला. इस दौरान रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले धू-धूकर जले. इस दौरान 50 हजार से अधिक की भीड़ गांधी मैदान में जुटी थी. मौके पर मगध आईजी छत्रनील सिंह, डीएम डा. त्यागराजन एसएम, गया एसएसपी आशीष भारती सहित कई अधिकारी मौजूद थे.
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गया के गांधी मैदान में रावण दहन : गया के गांधी मैदान में रावण दहन कार्यक्रम को देखने के लिए भारी संख्या में भीड़ जुटी थी. शाम 5 बजे रावण दहन का कार्यक्रम शुरू हुआ. इसके साथ ही भारी आतिशबाजी शुरू की गई. आतिशबाजी के दौरान 'जय श्री राम' के नारे गूंज रहे थे. इसके बाद मेघनाद, कुंभकर्ण और रावण के पुतले में आग लगाई गई. रावण दहन के बीच लोगों में काफी उत्साह रहा. इस तरह अधर्म पर धर्म की जीत के प्रतीक का यह पर्व संपन्न हो गया.
मेघनाद से पहले जल उठा रावण का पुतला : रावण दहन के दौरान सबसे पहले कुंभकर्ण का पुतला जला. इसके बाद मेघनाद का पुतला जलना था, लेकिन भारी आतिशबाजी के बीच रावण के पुतले पर चिंगारी जा गिरी, जिससे मेघनाद के पुतले के पहले रावण का ही पुतला जलने लगा. यह देख आयोजन कमिटी के लोगों ने रावण के जलते पुतले के बीच मेघनाद के पुतले में आग लगाई. इस बार रावण का पुतला 60 फीट का, कुंभकर्ण का पुतला 55 फीट और मेघनाद का 50 फीट का बनाया गया था.
डमरू से उड़ा गुलाल : गया में रावण दहन में आतिशबाजी के साथ-साथ इस बार डमरू से गुलाल भी उड़ा. इसके लिए बनारस से डमरू मंगाए गए थे. डमरू की थाप के साथ अबीर-गुलाल उड़े, जो कि आकर्षण का केंद्र रहा. इस बार रथ यात्रा स्टेशन रोड से निकलकर विभिन्न मार्गो से होते हुए गया के गांधी मैदान को पहुंची. वहीं इस बार डमरु बजी तो गुलाल भी उड़े.
रावण दहन देखने दूर-दूर से आते हैं लोग : गया में रावण दहन देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. गया शहर के गांधी मैदान में रावण दहन का कार्यक्रम काफी प्रसिद्ध है. रावण दहन कार्यक्रम को सुरक्षा के व्यापक व्यवस्था किए गए थे. पांच वॉच टावर बनाए गए थे, जिससे चारों ओर निगरानी रखी गई. वहीं, ड्रोन भी उड़े और उससे पैनी नजर रही. 500 से अधिक की संख्या में बलों की तैनाती थी.