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पितृपक्ष में गया में करना है पिंडदान, तो आने से पहले जान लीजिए गाइडलाइंस

कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए बिहार सरकार से लेकर जिला प्रशासन तक लोगों से अपील कर रहा है कि पितृपक्ष के दौरान गया जी में बहुत कम की संख्या में आएं. जिला प्रशासन ने आने वाले पिंडदानीयों के लिए गाइडलाइंस भी बनाया गया है. जिसका पालन करते हुए लोग यहां पिंडदान के लिए जा सकते हैं.

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Published : Sep 15, 2021, 1:36 PM IST

गयाः बिहार की धार्मिक नगरी गया में पितृपक्ष(Pitrapaksha)के दौरान राजकीय मेला का आयोजन होता था. लेकिन इस साल कोविड की तीसरी लहर(third wave of covid) आने की संभावना को देखते हुए मेला का आयोजन नहीं किया जा रहा है. लेकिन पिंडदान के लिए लोगों के आने पर रोक नहीं लगाई है. कुछ गाइडलाइंस का पालन करते हुए लोग यहां आ सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः कोरोना काल में इस साल भी नहीं लगेगा पितृपक्ष मेला, लेकिन कर सकेंगे पिंडदान

दरअसल, सनातन पंचांग के अनुसार अनंत चतुदर्शी से पितृपक्ष शुरू हो जाता है. इस साल पितृपक्ष 19 सितंबर से शुरू होगा. पितृपक्ष के दौरान गया में पिंडदान करने का महत्व है. देश-विदेश के लोग गया में अपने पितरों को मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंडदान करने आते हैं.

देखें वीडियो

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने पितृपक्ष के दौरान लाखों की संख्या में लोगों को आते देख गया में पितृपक्ष के दौरान लगने वाले जिला स्तरीय मेला को राजकीय मेला का दर्जा दे दिया था.

राजकीय मेला का दर्जा मिलते ही पिंडदानीयों के लिए राज्य सरकार काफी सुविधाओं की व्यवस्था करती थी. इस साल कोविड की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए पितृपक्ष के दौरान राजकीय मेला का आयोजन नहीं किया जा रहा है. लेकिन तीर्थयात्रियों के आने और पिंडदान करने की छूट दी गई है.

'इस साल पितृपक्ष मेला आयोजित नहीं होगा. लेकिन पिंडदानी गया में आकर पिंडदानी कर सकते हैं. पितृपक्ष के दौरान आनेवाले लोगों से अनुरोध होगा कि कम संख्या में आएं. अगर बहुत जरूरी नहीं हो तो बिल्कुल नहीं आएं'- अभिषेक सिंह, जिलाधिकारी

जिलाधिकारी ने खासकर बुजुर्ग और बच्चों को लाने से मना किया है. उन्होंने कहा कि गया में आनेवाले तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी लेकिन जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए गाइडलाइंस का पालन करना होगा.

ये भी पढ़ेंः पितृपक्ष मेले पर CM के बयान से पंडा समुदाय ने जताया संतोष, कहा- 'कोरोना वैक्सीन लगाकर आएं पिंडदानी'

वहीं, गया में एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे जिला प्रभारी मंत्री शहनवाज हुसैन ने भी बताया कि इस साल मेला का आयोजन नहीं होगा लेकिन अतिथि देवो भव: की परंपरा के तहत तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. उन्हें स्वास्थ्य सुविधा, सुरक्षा के साथ 24 घण्टे टोल फ्री नंबर पर जिला प्रशासन उनकी सेवा में रहेगा. पितृपक्ष के दौरान गया में आनेवाले तीर्थयात्री बिहार के प्रति अच्छी सोच लेकर जाएं इसके लिए पूरा प्रयास किया जाएगा.

जिला प्रशासन द्वारा गया जी में आनेवाले पिंडदानियों के लिए गाइडलाइंस

  • पिंडदान करने के लिए बड़े ग्रुप या समूह में आने पर प्रतिबंध रहेगा
  • बाहर से आने वाले लोगों के लिए कोविड जांच करवाना अनिवार्य होगा.
  • जिसने करोना का टीका नहीं लिया है उन्हें कोरोना का टीका दिया जाएगा.
  • पंडा पुजारी सोशल डिस्टेंस और कोविड गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित कराएंगे.
  • गृह विभाग द्वारा जारी कोरोना से बचाव और सुरक्षा संबंधी दिशा निर्देश के आलोक में सीमित संख्या में लोग पिंडदान कर सकेंगे.
  • आपदा कानून का उल्लंघन करने पर प्राथमिकी दर्ज होगी.
  • कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर गया में कम से कम दस दिनों तक आइसोलेटेड होना पड़ेगा.

गयाः बिहार की धार्मिक नगरी गया में पितृपक्ष(Pitrapaksha)के दौरान राजकीय मेला का आयोजन होता था. लेकिन इस साल कोविड की तीसरी लहर(third wave of covid) आने की संभावना को देखते हुए मेला का आयोजन नहीं किया जा रहा है. लेकिन पिंडदान के लिए लोगों के आने पर रोक नहीं लगाई है. कुछ गाइडलाइंस का पालन करते हुए लोग यहां आ सकते हैं.

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दरअसल, सनातन पंचांग के अनुसार अनंत चतुदर्शी से पितृपक्ष शुरू हो जाता है. इस साल पितृपक्ष 19 सितंबर से शुरू होगा. पितृपक्ष के दौरान गया में पिंडदान करने का महत्व है. देश-विदेश के लोग गया में अपने पितरों को मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंडदान करने आते हैं.

देखें वीडियो

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने पितृपक्ष के दौरान लाखों की संख्या में लोगों को आते देख गया में पितृपक्ष के दौरान लगने वाले जिला स्तरीय मेला को राजकीय मेला का दर्जा दे दिया था.

राजकीय मेला का दर्जा मिलते ही पिंडदानीयों के लिए राज्य सरकार काफी सुविधाओं की व्यवस्था करती थी. इस साल कोविड की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए पितृपक्ष के दौरान राजकीय मेला का आयोजन नहीं किया जा रहा है. लेकिन तीर्थयात्रियों के आने और पिंडदान करने की छूट दी गई है.

'इस साल पितृपक्ष मेला आयोजित नहीं होगा. लेकिन पिंडदानी गया में आकर पिंडदानी कर सकते हैं. पितृपक्ष के दौरान आनेवाले लोगों से अनुरोध होगा कि कम संख्या में आएं. अगर बहुत जरूरी नहीं हो तो बिल्कुल नहीं आएं'- अभिषेक सिंह, जिलाधिकारी

जिलाधिकारी ने खासकर बुजुर्ग और बच्चों को लाने से मना किया है. उन्होंने कहा कि गया में आनेवाले तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी लेकिन जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए गाइडलाइंस का पालन करना होगा.

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वहीं, गया में एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे जिला प्रभारी मंत्री शहनवाज हुसैन ने भी बताया कि इस साल मेला का आयोजन नहीं होगा लेकिन अतिथि देवो भव: की परंपरा के तहत तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. उन्हें स्वास्थ्य सुविधा, सुरक्षा के साथ 24 घण्टे टोल फ्री नंबर पर जिला प्रशासन उनकी सेवा में रहेगा. पितृपक्ष के दौरान गया में आनेवाले तीर्थयात्री बिहार के प्रति अच्छी सोच लेकर जाएं इसके लिए पूरा प्रयास किया जाएगा.

जिला प्रशासन द्वारा गया जी में आनेवाले पिंडदानियों के लिए गाइडलाइंस

  • पिंडदान करने के लिए बड़े ग्रुप या समूह में आने पर प्रतिबंध रहेगा
  • बाहर से आने वाले लोगों के लिए कोविड जांच करवाना अनिवार्य होगा.
  • जिसने करोना का टीका नहीं लिया है उन्हें कोरोना का टीका दिया जाएगा.
  • पंडा पुजारी सोशल डिस्टेंस और कोविड गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित कराएंगे.
  • गृह विभाग द्वारा जारी कोरोना से बचाव और सुरक्षा संबंधी दिशा निर्देश के आलोक में सीमित संख्या में लोग पिंडदान कर सकेंगे.
  • आपदा कानून का उल्लंघन करने पर प्राथमिकी दर्ज होगी.
  • कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर गया में कम से कम दस दिनों तक आइसोलेटेड होना पड़ेगा.
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