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गया: मरीजों को खटिया पर अस्पताल ले जाते हैं ग्रामीण, आजादी के 70 साल बाद भी नसीब नहीं हुई सड़क

चतुर बिगहा गांव के लोगों को प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए काफी मुश्किलों का सामान करना पड़ता है. सड़क की हालात खराब होने के कारण गांव में एम्बुलेंस आने के लिए तैयार नहीं होता है. ग्रामीण मजबूरी में मरीज को खटिया पर लिटा कर अस्पताल पहुंचाते हैं.

खटिया पर टांग कर मरीज को ले जाते परिजन
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Published : Jul 28, 2019, 8:34 AM IST

गया: जिले के कोंच प्रखंड में परसंवा पंचायत के चतुरी बिगहा गांव में केंद्र सरकार का सबका साथ सबका विकास का वादा और राज्य सरकार की सात निश्चय योजना कहीं नहीं दिखती है. इस गांव में आजादी के इतने दिनों बाद भी पक्की सड़क नहीं बन सकी है. सरकार की उपेक्षा के शिकार हुए गांव में अगर कोई बीमार पड़ जाए तो अस्पताल पहुंचाने के लिए खटिया का सहारा लेना पड़ता है.

मरीज को खटिया पर ले जाते हैं अस्पताल

आजादी के इतने दिनों के बाद भी सरकार या किसी नेता का ध्यान इस गांव की तरफ नहीं गया है. चतुर बिगहा गांव के लोगों को प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. सड़क की हालात इतनी खराब है कि अगर गांव में कोई आदमी बीमार पड़ जाए तो एम्बुलेंस आने के लिए तैयार नहीं होता है. मजबूरी में ग्रामीण मरीज को खटिया पर लिटा कर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाते हैं.

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ग्रामीण

विधायक ने कहा चंदा कर बनवा लो सड़क

मरीज को अस्पताल ले जा रहे परिजनों ने बताया कि तबीयत खराब होने पर हम लोगों को काफी समस्या होती है. सड़क नहीं होने के कारण खटिया पर उठाकर ले जाते हैं. वहीं, बरसात में समस्या और बढ़ जाती है. कई बार यहां के विधायक से सड़क की समस्या को लेकर मिले तो विधायक जी बोलते हैं तुमलोग चंदा करके बनवा लो.

वोट लेने के बाद सुध नहीं लेते नेता

ग्रामीण रामप्रवेश यादव ने दुख-दर्द बयां करते हुए कहा कि मैं 70 बसंत देख चुका हूं. कितनी सरकारें आई और गई पर किसी ने गांव में आज तक सड़क नहीं बनायी. सिर्फ चुनाव के समय नेता आते हैं, आश्वासन देकर वोट लेकर चले जाते हैं. वह सब जीतने के बाद गांव को मुड़कर कभी नहीं देखते हैं.

खटिया पर टांग कर मरीज को ले जाते परिजन

सरकार नहीं देती ध्यान

ग्रामीणों ने बताया कि चतुरी बिगहा, हुलासगंज और रामपुर गांव में भी सिर्फ कच्ची सड़क है. इन सब गांवों पर सरकार बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. वहीं, चतुरी बिगहा की आबादी लगभग 600 है. रामपुर की आबादी 250 है और हुलासगंज गांव की आबादी लगभग 150 है.

पूर्व विधायक पर काम नहीं करवाने का आरोप

इस पूरे मामले को लेकर जब टिकारी विधायक अभय कुशवाहा से संपर्क किया गया तो उन्होंने मानसून सत्र में शामिल होने की बात कही. हालांकि मीडिया को फोन पर उन्होंने बताया कि पूर्व विधायक द्वारा कार्य नहीं किए जाने के कारण सड़क की स्थिति खराब हो गई है. मेरे द्वारा कोंच नहर से चतुरी बिगहा, रामपुर, तरारी दौलतपुर, गोपालपुर और खेरा तक जाने वाली सड़क का डीपीआरओ बनाया जा चुका है बहुत जल्द ही टेंडर किया जाएगा.

गया: जिले के कोंच प्रखंड में परसंवा पंचायत के चतुरी बिगहा गांव में केंद्र सरकार का सबका साथ सबका विकास का वादा और राज्य सरकार की सात निश्चय योजना कहीं नहीं दिखती है. इस गांव में आजादी के इतने दिनों बाद भी पक्की सड़क नहीं बन सकी है. सरकार की उपेक्षा के शिकार हुए गांव में अगर कोई बीमार पड़ जाए तो अस्पताल पहुंचाने के लिए खटिया का सहारा लेना पड़ता है.

मरीज को खटिया पर ले जाते हैं अस्पताल

आजादी के इतने दिनों के बाद भी सरकार या किसी नेता का ध्यान इस गांव की तरफ नहीं गया है. चतुर बिगहा गांव के लोगों को प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. सड़क की हालात इतनी खराब है कि अगर गांव में कोई आदमी बीमार पड़ जाए तो एम्बुलेंस आने के लिए तैयार नहीं होता है. मजबूरी में ग्रामीण मरीज को खटिया पर लिटा कर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाते हैं.

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ग्रामीण

विधायक ने कहा चंदा कर बनवा लो सड़क

मरीज को अस्पताल ले जा रहे परिजनों ने बताया कि तबीयत खराब होने पर हम लोगों को काफी समस्या होती है. सड़क नहीं होने के कारण खटिया पर उठाकर ले जाते हैं. वहीं, बरसात में समस्या और बढ़ जाती है. कई बार यहां के विधायक से सड़क की समस्या को लेकर मिले तो विधायक जी बोलते हैं तुमलोग चंदा करके बनवा लो.

वोट लेने के बाद सुध नहीं लेते नेता

ग्रामीण रामप्रवेश यादव ने दुख-दर्द बयां करते हुए कहा कि मैं 70 बसंत देख चुका हूं. कितनी सरकारें आई और गई पर किसी ने गांव में आज तक सड़क नहीं बनायी. सिर्फ चुनाव के समय नेता आते हैं, आश्वासन देकर वोट लेकर चले जाते हैं. वह सब जीतने के बाद गांव को मुड़कर कभी नहीं देखते हैं.

खटिया पर टांग कर मरीज को ले जाते परिजन

सरकार नहीं देती ध्यान

ग्रामीणों ने बताया कि चतुरी बिगहा, हुलासगंज और रामपुर गांव में भी सिर्फ कच्ची सड़क है. इन सब गांवों पर सरकार बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. वहीं, चतुरी बिगहा की आबादी लगभग 600 है. रामपुर की आबादी 250 है और हुलासगंज गांव की आबादी लगभग 150 है.

पूर्व विधायक पर काम नहीं करवाने का आरोप

इस पूरे मामले को लेकर जब टिकारी विधायक अभय कुशवाहा से संपर्क किया गया तो उन्होंने मानसून सत्र में शामिल होने की बात कही. हालांकि मीडिया को फोन पर उन्होंने बताया कि पूर्व विधायक द्वारा कार्य नहीं किए जाने के कारण सड़क की स्थिति खराब हो गई है. मेरे द्वारा कोंच नहर से चतुरी बिगहा, रामपुर, तरारी दौलतपुर, गोपालपुर और खेरा तक जाने वाली सड़क का डीपीआरओ बनाया जा चुका है बहुत जल्द ही टेंडर किया जाएगा.

Intro:गया के कोंच प्रखंड में परसंवा पंचायत के चतुरी बिगहा गांव में केंद्र सरकार का सबका साथ सबका विकास का वादा और राज्य सरकार की सात निश्चय योजना नही दिखती हैं। गांव में आजादी की इतने दिनों बाद पक्की सड़क नही बन सकी हैं सरकार की उपेक्षा के शिकार हुए गांव में अगर कोई बीमार पड़ जाए तो अस्पताल पहुचाने के लिए खटिया का सहारा लेना पड़ता हैं।


Body:आजादी के सात दशक बीतने पर देश धरती से आसमान तक पहुँच गया लेकिन गया के चतुर बिगहा गांव के लोगो को प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए लाख मुश्किल का सामान करना पड़ता हैं। हालात इतनी खराब है अगर कोई गांव के आदमी बीमार पड़ जाए तो कोई भी एम्बुलेंस गांव में आने के लिए तैयार नही होता। मजबूरन ग्रामीणों को मरीज को अस्पताल पहुचाने लिए खटिया का सहारा लेना पड़ता हैं।

ग्रामीण रामप्रवेश यादव बताते हैं की मैं 70 बसंत को देख चुका हूं कितनी सरकार आई और कई पर किसी ने गांव में आज तक सड़क नहीं बनाया । चुनाव के समय नेता आते हैं आश्वासन देकर वोट बटोर कर चले जाते हैं ,जितने के बाद कोई मुड़कर नहीं देखता है। उम्र के अंतिम पड़ाव की ओर जा रहे हैं लगता हैं जिंदगी में पक्की सड़क नहीं देख पाएंगे।

ग्रामीणों ने बताया ग्राम चतुरी बिगहा, हुलासगंज व रामपुर में कच्ची सड़क है और यहां सरकार इसलिए ध्यान नहीं देती है कि तीनों गांव में यादव जाति के लोग निवास करते हैं चुतरी बिगहा की आबादी लगभग 600 है रामपुर की आबादी ढाई सौ हैं और हुलासगंज गांव की आबादी लगभग डेढ़ सौ है।

मरीज को अस्पताल ले जा रहे युवकों ने बताया बरसात में सड़क की समस्या बढ़ जाती है। गर्मी में बाइक पर बैठाकर ले जाते हैं मरीज को अस्पताल, लेकिन कच्ची सड़क होने से बरसात में खटिया पर ले जाना पड़ता हैं। कई बार विधायक से मिले विधायक जी बोलते हैं तुमलोग चंदा करके बनवा लो।

इस पूरे मामले को लेकर जब टिकारी विधायक अभय कुशवाहा से संपर्क किया गया तो उन्होंने मानसून सत्र में शामिल होने की बात कहा, हालांकि मीडिया को फोन पर बताया कि पूर्व विधायक द्वारा कार्य नहीं किए जाने के कारण सड़क की स्थिति खराब हो गई है मेरे द्वारा को कोंच नहर से चतुरी बिगहा ,रामपुर,तरारी दौलतपुर, गोपालपुर ,खेरा तक जाने वाली सड़क का डीपीआरओ बनाया जा चुका है बहुत जल्द ही टेंडर किया जाएगा।

बाइट - तीन भेजा गया हैं, तीनो बाइट ग्रामीणों का है।




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