गया: चर्चित तनु उर्फ तनीषा दुष्कर्म और हत्यकांड में न्यायालय ने दोषी को कांड का आरोपी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. POCSO कोर्ट में चल रहे मामले में एडीजे-6 ने घटना के 2 साल आठ माह बाद फैसला सुनाया है. हालांकि, आरोपी के वकील ने फैसले पर असंतोष जताते हुए उच्च न्यायालय जाने की बात कही है.
दुष्कर्म और हत्या
बता दें कि 6 फरवरी 2018 को चार वर्षीय मासूम तनु उर्फ तनीषा सहित तीन बच्चों का अपहरण कर लिया गया था. एक अपह्रत ने भाग कर अपनी जान बचाई थी और एक घायल अवस्था में पाया गया था. वहीं, तनु को अपहरण कर हवस का शिकार बनाया बनाया था और उसकी हत्या कर दी थी. घटना के बाद सूबे की राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गई थी और सत्ता पक्ष के समक्ष एक चुनौती आ गई थी.
पिछले महीने हुआ था दोषी करार
मासूम के पिता संजय कुमार ने अपने पड़ोस में ही रहने वाले छोटू रबानी पर आरोप लगाया था. आरोप के बाद छोटू को गिरफ्तार कर लिया गया था. छोटू पर लगे आरोप अनुसंधान और गवाहों के बयान के आधार पर सही पाया गया था. न्यायालय ने दोषी मानते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. सोमवार को पास्को कोर्ट के एडीजे-6 ने छोटू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
फांसी की सजा की मांग
सरकार की तरफ से इस मामले में पैरवी करने वाले स्पेशल पीपी कैसर शर्फुद्दीन ने बताया कि यह केस काफी चर्चित हुआ था. बहस के दौरान उन लोगों ने दोषी के लिए फांसी की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई. बतौर पीपी पीड़ित परिवार से सलाह के बाद वह इस मामले में ऊपरी अदालत में अपील करेंगे. तनु हत्याकांड मामले में कुल 22 गवाहों को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया. वहीं, दोषी के के वकील ललित कुमार गुप्ता ने कोर्ट के फैसले पर असंतोष जाहिर करते हुए हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है.