गया: बाराचट्टी प्रखण्ड अंतर्गत इलाके में अवैध अफीम की खेती करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए स्थानीय प्रखण्ड मुख्यालय स्थिति मनरेगा भवन में एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में नारकॉटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधीक्षक के साथ कई लोग मौजूद थे.
'जिले में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जा रही है. यदि अफीम की खेती की सूचना रहते हुए भी विभागीय अधिकारी इस अवैध खेती पर रोक नहीं लगा पाए और सम्बन्धित वरीय पदाधिकारी को सूचना नहीं दी गयी तो वे भी दंडित होंगे. इस बैठक अफीम की खेती पर अंकुश लगाने के लिए अधिकारियों के साथ चर्चा की गई'.- राजन कुमार, नारकॉटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधीक्षक
अफीम की खेती करना अपराध
बैठक में मौजूद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पटना के निरीक्षक आशुतोष कुमार ने कहा कि अफीम की अवैध खेती करना कानूनी अपराध है और इस मामले में दोषी को कम से कम 10 साल तक सश्रम कारावास और एक लाख तक जुर्माने का प्रावधान है. उत्पादन की खरीद बिक्री, आयात, अंतर राज्य पर कम से कम 6 माह और अधिकतम 20 वर्ष के सश्रम कारावास और दो लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है.
'अफीम की खेती यदि आपके जमीन पर हो रही है तो एनडीपीएस एक्ट की धारा 46 के अंतर्गत जमीन के मालिक का कर्तव्य है कि संबंधित थाना प्रभारी, आबकारी अधिकारी ,प्रखंड अथवा अंचल अधिकारी एवं नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को यथाशीघ्र इसकी सूचना दें. अन्यथा कानून के अनुरूप आप भी सजा के हकदार होंगे. जिस भी किसी गांव में अगर अफीम की खेती होती है तो एनडीपीएस एक्ट की धारा 47 के तहत संबंधित गांव के मुखिया, सरपंच, ब्लॉक सदस्य का संवैधानिक कर्तव्य है कि वे अफीम की अवैध खेती के संबंध में उपरोक्त पदाधिकारियों को जानकारी दें, अन्यथा दंड के भागीदार होंगे'.- आशुतोष कुमार, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो
कई लोग थे मौजूद
इस मौके पर संबंधित अधिकारियों में अवर निरीक्षक प्रवीण कुमार के अलावा सीआरपीएफ 159 बटालियन के समादेष्ठा, नारकोटिक्स विभाग के नोडल पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी उपेंद्र पंडित, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रमोद भारती ,जिला कृषि पदाधिकारी गया,अंचल अधिकारी कैलाश महतो, प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव, वन क्षेत्र पदाधिकारी, बाराचट्टी थाना अध्यक्ष मनोज कुमार समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.