गया: बिहार के गया में भाकपा माओवादी के फाउंडर सदस्य और शीर्ष नक्सली नेता विजय आर्य के घर में एनआईए (NIA raids Naxalite leader house in Gaya) ने छापेमारी की. वहां से टीम को कुछ कागज और मोबाइल बरामद हुआ है. गया में नक्सली नेता के घर शुक्रवार की सुबह ही एनआईए की टीम पहुंच गई थी. यहां करीब पांच घंटे तक एनआईए की टीम ने छापेमारी की. इसके बाद एनआईए की टीम यहां से काफी कुछ सामग्री बरामद कर ले गई है.
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सुबह पांच बजे ही पहुंच गई थी टीमः सुबह के पांच बजे के आसपास एनआईए की टीम गया जिले के कोंच थाना अंतर्गत करमा गांव में पहुंची थी. करमा गांव में पहुंचने के बाद एनआईए सीधे विजय आर्य के घर में दाखिल हुई और पूरे घर को खंगाल डाला.विजय आर्य की पत्नी किरण देवी ने बताया कि सुबह एनआईए व पुलिस की टीम घर पर आई और छापेमारी करने लगी. इस दौरान घर के सारे सामानों को तितर-बितर कर दिया. उन्होंने बताया कि कुछ कागज और दो मोबाइल के अलावा अन्य सामान लेकर टीम चली गई है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा उनकी बेटी सुधा कुमारी के मनोहरपुर थाना अंतर्गत स्थित आवास पर भी छापेमारी हो रही है.
दो बेटियों के ससुराल में भी छापेमारीः विजय आर्य के परिजनों ने बताया कि विजय आर्य की बेटी के ससुराल में गया के ही मनोहरपुर में छापेमारी हो रही है. दूसरी बेटी गोह थाना अंतर्गत रहती है. वहां भी छापेमारी की जा रही है. हालांकि परिवार वालों का कहना है कि अब हम लोगों का कोई जुड़ाव संगठन से नहीं है फिर भी विजय आर्य के नाम पर इस तरह की कार्रवाई हो रही है. इस तरह रिश्तेदारों के घर एनआईए की टीम छापेमारी कर रही है.
''सुबह एनआईए व पुलिस की टीम घर पर आई और छापेमारी करने लगी. इस दौरान घर के सारे सामानों को तितर-बितर कर दिया. इसके अलावा उनकी बेटी सुधा कुमारी के मनोहरपुर थाना अंतर्गत स्थित आवास पर भी छापेमारी हो रही है ''- किरण देवी, विजय आर्य की पत्नी
बेउर जेल में बंद है विजय आर्यः नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के नक्सली संगठन के शीर्ष लीडर हैं और फिलहाल में पटना के बेउर जेल में बंद हैं. विजय चार दशक से संगठन से जुड़े हुए हैं. विजय आर्य का पैतृक गांव कोंंच थाना अंतर्गत करमा गांव में है जो कि गुरारू प्रखंड के अंतर्गत आता है. यहां सुरक्षाबलों का भी आना जाना लगा रहता है. हाल के दिनों में नक्सली संगठन के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का बीड़ा एनआईए ने उठाया है.
''पिता के कारण ही पुलिस छापेमारी करते रहती है. मेरे ससुराल में भी पुलिस गई है. पुलिस कहती है कि पिता ने जो संपत्ति बनाई है वो बेटी को भी दिया है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है. हम चाहते हैं कि हमलोगों को परेशान नहीं किया जाए'' -सुधा कुमारी, विजय आर्य की बेटी
''मैं सड़क बनाने वाली कंपनी में काम करता था. मुझे एनआई के दबाव पर वहां से हटा दिया गया. मैं इस बात को लेकर मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी गया था. उस समय डीजीपी साहब से भी बात हुई थी. फिर भी ये लोग बिना कोर्ट के वारंट के घर आ गए. मेरा मोबाइल भी साथ लेकर चले गए. हमलोगों को बेवजह बार-बार परेशान किया जाता है'' -सुबोध कुमार,विजय आर्य का पुत्र
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